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26 जनवरी: कर्तव्यपथ पर इन राज्यों की नहीं दिखेगी झांकी, रक्षा मंत्रालय ने बताई वजह

26 जनवरी: कर्तव्यपथ पर इन राज्यों की नहीं दिखेगी झांकी, रक्षा मंत्रालय ने बताई वजह
  • PublishedJanuary 1, 2024

इस बार जिन राज्यों की झांकियों को नहीं चुना गया है, उन्हें 23-31 जनवरी के दौरान लाल किला पर होने वाले ‘भारत पर्व’ में अपनी झांकी प्रदर्शित करने का मौका दिया जायेगा।

नए साल की शुरुआत के साथ ही देश में गणतंत्र दिवस की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। जहां एक और कड़ाके की ठंड के बीच जवान कर्तव्यपथ पर परेड की तैयारी करने लगे हैं। वहीं 26 जनवरी को कर्तव्य पथ निकलने वाली झांकी की भी तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच जिन राज्यों की झांकी को पास नहीं किया गया, उन्हें लेकर कई तरह की चर्चा शुरू हो गई, जिस पर रक्षा मंत्रालय ने बताया कि जिन राज्यों ने थीम के मुताबिक झांकी नहीं तैयारी की है उन राज्यों को इस बार मौका नहीं मिला है। हालांकि उनकी झांकी को भारत पर्व में देख सकेंगे।

‘भारत पर्व’ में झांकी प्रदर्शित करने का मिलेगा मौका
दरअसल, इस बार कर्तव्य पथ पर 26 जनवरी को निकलने वाली गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की झांकियां नहीं दिखेंगी। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को साफ किया है कि इन राज्यों की झांकियों का गणतंत्र दिवस की थीम के अनुरूप न होने की वजह से चयन नहीं किया गया है। इस बार जिन राज्यों की झांकियों को नहीं चुना गया है, उन्हें 23-31 जनवरी के दौरान लाल किला पर होने वाले ‘भारत पर्व’ में अपनी झांकी प्रदर्शित करने का मौका दिया जायेगा।

झांकियों का चयन करने के लिए एक प्रणाली
गणतंत्र दिवस परेड में पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की झांकियों को शामिल न किये जाने के बावत रक्षा मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि झांकियों का चयन करने के लिए पहले से ही एक प्रणाली है, जिसके अनुसार रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी), केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से झांकी के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करता है। झांकी के लिए मिले प्रस्तावों का मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति की कई दौर की बैठकों में किया जाता है। इस समिति में कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, कोरियोग्राफी आदि के क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं।

विषयों के अनुरूप नहीं थी झांकी
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक विशेषज्ञ समिति की बैठक के पहले तीन दौर में पंजाब की झांकी के प्रस्ताव पर विचार किया गया था। तीसरे दौर की बैठक के बाद पंजाब की झांकी को इस बार के विषयों के अनुरूप नहीं होने के कारण प्रस्ताव को आगे विचार के लिए आगे नहीं बढ़ाया जा सका। इसी तरह विशेषज्ञ समिति की बैठक के पहले दो दौर में पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव पर विचार किया गया था। दूसरे दौर की बैठक के बाद पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका। मंत्रालय की ओर से यह भी बताया गया कि पंजाब की झांकी को 2017 से 2022 तक छह बार, जबकि पश्चिम बंगाल की झांकी को 2016, 2017, 2019, 2021 और 2023 में यानी पांच बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए चुना गया था।

सभी राज्यों से बराबर व्यवहार

रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि देश के सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार किया जाना है, इसलिए यह आवश्यक है कि अन्य राज्यों को भी अपनी झांकियां प्रदर्शित करने का अवसर दिया जाना चाहिए। भारत सरकार सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल करने के लिए तीन साल का कार्यक्रम तैयार कर रही है, जिसे उन सभी के साथ साझा किया जाएगा। देश के 30 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल 15-16 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को गणतंत्र दिवस परेड में अपनी झांकी प्रस्तुत करने के लिए अंतिम रूप से चुना गया है।

पंजाब और दिल्ली का भारत सरकार के साथ समझौता

मंत्रालय की ओर से यह भी बताया गया है कि पंजाब और दिल्ली ने भारत सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार उन्हें अगले तीन साल में एक बार मौका दिया जाना है। इस वर्ष दोनों राज्यों की झांकियां शामिल नहीं की गई हैं। इस बार जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को गणतंत्र दिवस परेड के लिए नहीं चुना गया है, उन्हें 23-31 जनवरी के दौरान लाल किले में होने वाले भारत पर्व में अपनी झांकी दिखाने के