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विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत 1 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए : मंत्रालय

विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत 1 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए : मंत्रालय
  • PublishedDecember 22, 2023

भारत ने एक सराहनीय उपलब्धि हासिल की है। सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने के उद्देश्य से चल रही विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत 1 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।

भारत ने एक सराहनीय उपलब्धि हासिल की है। सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने के उद्देश्य से चल रही विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत 1 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। तो दूसरी तरफ 79,487 से अधिक विकसित भारत स्वास्थ्य शिविरों में आने वाले लोगों की संख्या 1,31,66,365 को पार कर गई हैं। 49 लाख से अधिक लोगों की टीबी के लिए जांच की गई और 3.4 लाख से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि सिकल सेल रोग के लिए 5 लाख से अधिक लोगों की जांच की गई और 21,000 से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया।

हेल्थ कैम्पों में बढ़ रही है लोगों की संख्या

बता दें कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत, अब तक 3,462 ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में आयोजित 79,487 स्वास्थ्य शिविरों में आने वाले लोगों कि संख्या 1,31,66,365 तक पहुंच गई हैं।

स्वास्थ्य शिविरों में हो रहीं हैं स्वास्थ्य संबंधी बहुत सी गतिविधियाँ

मंत्रालय ने बताया कि स्वास्थ्य शिविरों में स्वास्थ्य संबंधी बहुत सी गतिविधियाँ की जा रही हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए मंत्रालय की प्रमुख योजना के तहत, आयुष्मान ऐप का उपयोग करके आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं और लाभार्थियों को भौतिक कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। अब तक 23,83,473 से अधिक भौतिक कार्ड बांटे जा चुके हैं।

कुल 6,34,168 आयुष्मान कार्ड बनाए गए

अब तक आयोजित हेल्थ कैंपो में कुल 6,34,168 आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। लाभार्थियों को अब तक 23,83,473 से अधिक भौतिक कार्ड बांटे जा चुके हैं।

टीबी के रोगियों की भी जांच

हेल्थ कैम्पों में टीबी के रोगियों की जांच लक्षणों की जांच, बलगम परीक्षण और जहां भी उपलब्ध हो, एनएएटी मशीनों का उपयोग करके की जाती है। जिन मामलों में टीबी होने का संदेह होता है उन्हें उच्च सुविधाओं के लिए रेफर किया जाता है। निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के तहत टीबी रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से मौद्रिक सहायता प्रदान की जाती है। इस उद्देश्य से लंबित लाभार्थियों के बैंक खाते का विवरण एकत्र किया जा रहा है और खातों को आधार से जोड़ा जा रहा है। बता दें कि ऐसे 30,093 लाभार्थियों का विवरण एकत्र किया गया है।

सिकल सेल रोग की हो रही है स्क्रीनिंग

इसके अलावा प्रमुख आदिवासी आबादी वाले क्षेत्रों में, एससीडी के लिए प्वाइंट ऑफ केयर (पीओसी) परीक्षणों के माध्यम से या घुलनशीलता परीक्षण के माध्यम से सिकल सेल रोग (एससीडी) का पता लगाने के लिए पात्र आबादी (40 वर्ष तक की आयु) की स्क्रीनिंग की जा रही है। मंत्रालय ने जानकारी दी कि अब तक 5,08,701 से अधिक लोगों की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 21,793 लोग पॉजिटिव पाए गए और उन्हें उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया हैं ।

उच्च रक्तचाप और मधुमेह की भी हो रही है जांच

स्वास्थ्य शिविरों में हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) और मधुमेह के लिए पात्र आबादी (30 वर्ष और उससे अधिक) की स्क्रीनिंग की जा रही है और पॉजिटिव होने के संदेह वाले मामलों को उच्च केंद्रों पर भेजा जा रहा है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए लगभग 10,297,809 लोगों की जांच की गई है।

ज्ञात हो कि पूरे देश में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए पीएम मोदी ने 15 नवंबर को खूंटी, झारखंड से विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू की गई थी। विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत ऑन-स्पॉट सेवाओं के तहत ग्राम पंचायतों में आईईसी वैन के रुकने वाले स्थानों पर इन स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।