आसियान-भारत श्री अन्न महोत्सव: विदेशी प्रतिनिधियों ने गिनाए मोटे अनाज के फायदे
देश में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है,इसी कड़ी में दिल्ली के में दो दिवसीय मिलेट मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मिलेट मेले को आसियान-भारत श्रीअन्न महोत्सव नाम दिया गया है, जिसका शुभारंभ बीते गुरुवार (14 दिसंबर) को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा किया गया। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय इस महोत्सव में भारत सहित आसियान देशों के नीति-निर्माता, उद्यमी, विशेषज्ञ स्टार्टअप व अधिकारी भाग ले रहे हैं।
आसियान देशों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग
आसियान-भारत श्री अन्न महोत्सव में भाग लेने वाले देशों में कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मिलेट्स के फायदे गिनाए, उन्होने कहा कि मिलेट्स का उत्पादन किसानों, उपभोक्ताओं और पर्यावरण तीनों को लाभ पहुंचाता है,इसके साथ ही यह वैश्विक खाद्य-पोषण सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इस मौके पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव मनोज आहूजा भी उपस्थित रहे।
अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष की भूमिका रही महत्वपूर्ण
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मिलेट्स कृषि और पोषण को बदलने में इसकी अपार क्षमता रखता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 के मेगा आयोजन ने जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
श्रीअन्न खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों सम्बोधित करने में सक्षम
उन्होंने कहा खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण सुनिश्चित करने में बाजरा को लेकर जागरूकता फैलाने में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इससे अनुसंधान के साथ सेवाओं के विस्तार में निवेश को बढ़ावा मिला,जो किसानों को अनाज की उत्पादकता, गुणवत्ता और संबंधित उत्पादन विधियों को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता है। जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए मोटे अनाज का महत्व और भी बढ़ जाता है। बाजरा एक प्राचीन अनाज है,बाजरे की खासियत है कि यह पौष्टिकता से भरपूर होती है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बाजरा न केवल एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का वाहक है, बल्कि हमारे पोषण का एक स्थायी समाधान भी देता है,जो जीरो हंगर,अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण,टिकाऊ उपभोग और उत्पादन क्लाइमेट एक्शन सहित प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मददगार है।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम संसाधनों के बावजूद बाजरा अधिकतम पोषण के साथ विविध वातावरण में भी पैदावार की क्षमता रखता है। आहार में बाजरा अपनाना सिर्फ खुद को पोषण देने के बारे में नहीं है; बल्कि, यह पृथ्वी को पोषण देने, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ, अधिक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के बारे में है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाजरे की खेती करना हमारे किसानों के लिए आशा की किरण है, जो अनिश्चित जलवायु में भी स्थिरता प्रदान करते हैं तथा किसानों की आय बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।