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कर्नाटक में स्वच्छ दिवाली मनाने के लिए 3आर पहल-कमी लाना, पुनः प्रयोग करना, पुनर्चक्रण करना

कर्नाटक में स्वच्छ दिवाली मनाने के लिए 3आर पहल-कमी लाना, पुनः प्रयोग करना, पुनर्चक्रण करना
  • PublishedNovember 10, 2023

सभी शहर स्वच्छ दिवाली शुभ दिवाली अभियान के तहत गतिविधियों और कार्यों की एक विस्तृत श्रृंखला का शुभारंभ करते हुए स्वच्छ उत्सव के लिए तैयार हैं। कर्नाटक ने नागरिकों को कमी लाने, पुनः प्रयोग करने और पुनर्चक्रण करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खुले मैदानों, बाजारों तथा अधिक आवाजाही वाले क्षेत्रों में रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल (आरआरआर) केंद्र कियोस्क स्थापित किए हैं। ये कियोस्क नागरिकों को न केवल अपनी पुरानी, अप्रयुक्त वस्तुओं को दान करने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि स्वच्छ दिवाली हस्ताक्षर अभियान हेतु आगे आकर इसमें शामिल होने हेतु प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। इन रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल केंद्रों को स्कूली बच्चों द्वारा बनाई गई कलाकृतियों और स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संगठनों आदि द्वारा बनाए गए दीयों तथा अन्य पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों से सजाया गया है। विशेष तौर पर सामुदायिक भागीदारी के लक्ष्य के साथ सभी धार्मिक स्थलों को प्राकृतिक फूलों, पत्तियों या प्राकृतिक रंगों से शुभ दिवाली रंगोली बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। नागरिक प्रतिज्ञाओं को पंजीकृत करने के लिए क्यूआर कोड स्टैंडीज को धार्मिक स्थलों के बाहर, बाजारों, बस स्टॉप, शॉपिंग मॉल और थिएटरों में भी स्थापित किया गया है। पर्यावरण-अनुकूल और स्थानीय रूप से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कृषि उपज विपणन समिति के साथ सहयोग लेते हुए विशेष हाट का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें स्वयं सहायता समूहों द्वारा सजावट से लेकर उपहार तथा मिठाइयों तक बनाई गई वस्तुओं को पर्यावरण-अनुकूल दिवाली उत्पाद के रूप में शामिल किया गया है, जो लोगों को बेहतर विकल्प चुनने हेतु प्रोत्साहित करते हैं।

इसके अलावा, कुछ शहरी स्थानीय निकायों ने अपनी स्वयं की अनूठी पहल की है जैसे कि हासन निकाय, जहां पर हसनंबा मंदिर के दरवाजे वर्ष में सिर्फ एक बार दिवाली के त्योहार के दौरान जनता के लिए खोले जाते हैं। ऐसा तब होता है जब भक्तों का समूह भगवान के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने के लिए मंदिर में आता है। हासन नागरिक निकाय ने एक शानदार पहल करते हुए मंदिर के आगंतुकों के साथ जुड़कर जागरूकता एवं एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंदिर में क्यूआर कोड स्टैंडीज लगाए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को स्वच्छ हरित दिवाली मनाने के लिए स्वच्छ दिवाली हस्ताक्षर अभियान में शामिल करने हेतु आमंत्रित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य कचरा मुक्त शहरों के लिए एकजुटता की भावना व साझा गतिविधियों को बढ़ावा देना भी है।

इस बीच, जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए उडुपी के प्रसिद्ध पर्यटक समुद्र तट पर रेत से कलाकृतियां बनाई गई है। विजयनगर में हरित पटाखों के इस्तेमाल और सामान्य पटाखों से होने वाले प्रदूषण के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य के साथ पौराकार्मिकों द्वारा झुग्गी-झोपड़ियों में मिट्टी के दीये वितरित किए जा रहे हैं। नागरिकों, धार्मिक संस्थानों, शहरी स्थानीय निकाय, नागरिक निकायों और सरकार द्वारा किए गए संयुक्त एवं जागरूक प्रयास स्वच्छ दिवाली तथा पर्यावरण-अनुकूल उत्सव के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रहे हैं।