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नीति आयोग ने अहम विषयों पर कार्यशाला की शुरूआत की, जी 20 के नई दिल्ली घोषणा के क्रियान्वयन में मिलेगा बढ़ावा

नीति आयोग ने अहम विषयों पर कार्यशाला की शुरूआत की, जी 20 के नई दिल्ली घोषणा के क्रियान्वयन में मिलेगा बढ़ावा
  • PublishedNovember 1, 2023

नीति आयोग, जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न विषयों पर आधारित कार्यशालाओं का आयोजन करने जा रही है। इन विषयों को जी20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली नेताओं की घोषणा में निर्धारित किया गया था। इसके तहत दस विषयों पर आधारित कार्यशालाओं का आयोजन 1 नवंबर से 9 नवंबर 2023 तक होगा।

कार्यशाला के प्रमुख विषय

इन कार्यशालाओं में विभिन्न विषयों जैसे जी20 से जी21, विकास के लिए डेटा, पर्यटन, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, सतत विकास लक्ष्य, व्यापार, भारतीय विकास मॉडल, महिलाओं के नेतृत्व में विकास, बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार तथा जलवायु वित्त व हरित विकास को शामिल किया गया है। इन कार्यशालाओं में गहन चर्चाओं व महत्वपूर्ण विषयों का विश्लेषण किया जाएगा।

ये प्रमुख थिंक टैंक लेंगे कार्यशाला में भाग

नीति आयोग इन कार्यशालाओं का आयोजन प्रमुख थिंक टैंकों के सहयोग से कर रहा है, जो अपने-अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। इनमें ओआरएफ, एमईआईटीवाई, इंडिया फाउंडेशन, इंडियन सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स इंडस्ट्री राउंड टेबल (आईस्प्रिट), सेंटर फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस (सीएसईपी), मानव विकास संस्थान (आईएचडी),भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी), ईग्रो फाउंडेशन, इंस्टीट्यूट फॉर व्हाट वर्क्स टू एडवांस जेंडर इक्वेलिटी (आईडब्ल्यूडब्ल्यूएजीई), भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद् (आईसीआरआईईआर), ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद्, (सीईईडब्ल्यू) शामिल हैं।

कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य

नई दिल्ली नेताओं की घोषणा की सिफारिशों पर कार्रवाई करना,कार्रवाई के प्रमुख बिंदुओं की पहचान,अनुभवों का आदान-प्रदान ,कार्यान्वयन रणनीतियाँ तैयार करना शामिल है। प्रत्येक कार्यशाला में लगभग 30-40 प्रतिभागी चर्चा करेंगे, जिनमें 20-30 थिंक टैंक,विशिष्ट विषयों में विशेषज्ञता वाले 8-10 शिक्षाविद् शामिल होंगे।
जी20 शिखर सम्मेलन में अपनाए गए नई दिल्ली नेताओं की घोषणा ने एक परिवर्तनकारी एजेंडा निर्धारित किया है जिसमें वैश्विक महत्व के विविध विषय शामिल हैं। विषय आधारित इन कार्यशालाओं में संबंधित मंत्रालयों/विभागों, राज्य सरकारों, निजी क्षेत्र, शिक्षाविदों, छात्रों, युवाओं, महिलाओं और राज्यों तथा संवाद समूहों के युवा अधिकारियों समेत सभी हितधारक शामिल होंगे । इन कार्यशालाओं को रचनात्मक संवाद और कार्रवाई-उन्मुख परिणामों के लिए तैयार किया गया है।