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भारतीय सेना की बड़ी कामयाबी, LCH ‘प्रचंड’ से पहली बार हुई 70 मिमी रॉकेट और 20 मिमी बुर्ज गन की फायरिंग

भारतीय सेना की बड़ी कामयाबी, LCH ‘प्रचंड’ से पहली बार हुई 70 मिमी रॉकेट और 20 मिमी बुर्ज गन की फायरिंग
  • PublishedOctober 31, 2023

स्वदेशी हल्का अटैक हेलीकॉप्टर (LCH) ‘प्रचंड’ भारतीय सेना और वायु सेना के लिए नई ताकत बनकर उभरा है।

भारत रक्षा के क्षेत्र में हर दिन खुद को और मजबूत करता जा रहा है। ऐसे में दुनिया के पहले लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) प्रचंड से पहली बार 70 मिमी रॉकेट और 20 मिमी बुर्ज गन की दिन और रात के समय फायरिंग की गई। आर्मी एविएशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एके सूरी ने एलसीएच स्क्वाड्रन की आयुध क्षमता के वास्तविक समय सत्यापन के लिए तीन हमलावर हेलीकॉप्टरों से गोलीबारी देखी।

प्रचंड’ भारतीय सेना और वायु सेना की नई ताकत
स्वदेशी हल्का अटैक हेलीकॉप्टर (LCH) ‘प्रचंड’ भारतीय सेना और वायु सेना के लिए नई ताकत बनकर उभरा है। देश की पश्चिमी सीमा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एलसीएच की पहली स्क्वाड्रन ‘धनुष’ राजस्थान के जोधपुर में पिछले साल 03 अक्टूबर को शुरू की गई थी। पहली खेप में एचएएल से मिले 04 हेलीकॉप्टरों को इसी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना के बेड़े में शामिल किया था। इसके बाद से एक साल के भीतर एचएएल से सेना को 05 और वायु सेना को 10 हेलीकॉप्टर मिल चुके हैं, जिनका इस्तेमाल दोनों सेनाएं कर रही हैं। चीनी खतरे को देखते हुए सेना ने असम के मिसामारी में प्रचंड को तैनात किया है। यहां से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) महज 250 किमी. दूरी पर है।

पहाड़ी इलाकों में बनाई जाएंगी सात यूनिट्स
इसी तरह वायु सेना ने अरुणाचल प्रदेश में चार एलसीएच किये हैं, जो एलएसी के अग्रिम इलाकों को कवर कर रहे हैं। एचएएल से वायु सेना को मिले सभी 10 एलसीएच राजस्थान के जोधपुर में बनाई गई ‘धनुष’ स्क्वाड्रन में तैनात किये गए हैं। इनकी अटैक क्षमता देखने के बाद सेना और वायु सेना ने 156 और एलसीएच ‘प्रचंड’ की जरूरत जताई है। दोनों सेनाओं के लिए यह संयुक्त अधिग्रहण प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है। इन 156 हेलीकॉप्टरों में से 66 भारतीय वायु सेना को और 90 भारतीय सेना को मिलेंगे। सेना को एलसीएच ‘प्रचंड’ मिलने के बाद अलग-अलग पहाड़ी इलाकों में सात यूनिट्स बनाई जाएंगी।

शक्तिशाली जमीनी हमले की और हवाई युद्ध की क्षमता
एचएएल के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा था कि सेना और वायु सेना से ऑर्डर मिलने पर 5-6 वर्षों के भीतर 156 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की जाएगी। सेना को हर साल 25 एलसीएच प्रचंड अटैक हेलीकॉप्टर वितरित किये जायेंगे। पर्वतीय युद्ध के दौरान यह 16 हजार फीट पर भी पेलोड के साथ टेक ऑफ और लैंडिंग कर सकता है। यह हेलीकॉप्टर 20 एमएम बुर्ज गन, 70 एमएम रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम, एयर टू ग्राउंड और एयर टू एयर लॉन्चिंग मिसाइल सिस्टम से लैस है। दो इंजन वाला एलसीएच ‘प्रचंड’ 5.8 टन वर्ग का लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जिसमें दो लोग बैठ सकते हैं। एलसीएच पहला स्वदेशी मल्टी-रोल कॉम्बैट हेलीकॉप्टर है, जिसमें शक्तिशाली जमीनी हमले की और हवाई युद्ध की क्षमता है।