इस दिवाली देश में बने प्रोडक्ट को दें प्राथमिकता, कैट ने दिवाली पर देश में 3.5 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की जताई उम्मीद
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार ऐसे प्रोडक्ट से ही घर को रोशन करें जिसमें मेरे किसी देशवासी के पसीने की महक हो, मेरे देश के किसी युवा का टैलेंट हो, उसके बनने में मेरे देशवासियों को रोजगार मिला हो, रोजमर्रा की जिन्दगी की कोई भी आवश्यकता हो – हम लोकल ही लेंगे।
भारत में दिवाली और उससे जुड़े त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है। त्योहारी सीजन में एक बार फिर पीएम मोदी ने वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत की अपील की है। मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि हर बार की तरह, इस बार भी, हमारे त्योहारों में, हमारी प्राथमिकता हो ‘वोकल फॉर लोकल’ और हम मिलकर उस सपने को पूरा करें, हमारा सपना है ‘आत्मनिर्भर भारत’। वहीं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) को त्योहारों के इस सीजन में देश के बाजारों में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है।
दिवाली पर खरीदारों में उत्साह
कैट ने रविवार को जारी बयान में कहा कि भारत के सबसे बड़े त्योहार दिवाली एवं उससे जुड़े अन्य त्योहारों की श्रृंखला को जोर-शोर से मनाने के लिए व्यापारी और उपभोक्ता दोनों बेहद उत्साहित हैं। कारोबारी संगठन ने इस बार दिवाली के त्योहारी सीजन में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने की संभावना जताई है। कारोबारी संगठन कैट ने देश के विभिन्न राज्यों के 30 शहरों में व्यापारी संगठनों के जरिए कराए गए एक हालिया सर्वे की समीक्षा में ये बात सामने आई है। सर्वे के मुताबिक इस वर्ष व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर ग्राहकों की मांग एवं पसंद को पूरा करने के लिए व्यापक तैयारियां की है। कैट के मुताबिक देशभर के बाजारों में इस बार रक्षा बंधन, गणेश पूजा, नवरात्रि, दुर्गा पूजा एवं दशहरा पर ग्राहकों ने खुलकर खरीदारी की है, उसको देखते हुए इस वर्ष दिवाली के त्योहारी सीजन का व्यापार 3.5 लाख करोड़ रुपये होने की प्रबल संभावना है।
लगभग 65 करोड़ ग्राहक बाजारों में करते हैं खरीददारी
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार दिवाली त्योहार के अवसर पर लगभग 65 करोड़ ग्राहक बाजारों में खरीददारी करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर औसतन हम प्रति व्यक्ति 5500 रुपये की खरीद करें तो यह आंकड़ा 3.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार को पार करता है। खंडेलवाल ने बताया कि जहां देश में इस त्योहार पर केवल 500 रुपये या उससे कम की खरीददारी करने वाले लोग हैं। वहीं, हजारों और लाखों रुपये खर्च करने वालों की भी कमी नहीं है। इसीलिए देश में दिवाली त्योहार के सीजन की महत्त्वता व्यापार की दृष्टि से बेहद अहम है।
इन उत्पादों को ज्यागा होती है खरीददारी
खंडेलवाल ने कहा कि यूं तो व्यापार के सभी क्षेत्रों में बड़ी बिक्री की संभावना है, लेकिन गिफ्ट आइटम्स, मिठाई नमकीन, ड्राई फ्रूट, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, वस्त्र, आभूषण, कपड़ा, बर्तन, क्रॉकरी, मोबाइल, फर्नीचर, फर्निशिंग, रसोई के उपकरण, घर सजाने का सजावटी सामान, फुटवियर, सौंदर्य प्रसाधन, कॉस्मेटिक, कंप्यूटर उपकरण, स्टेशनरी, बिजली का सामान, फल, फूल, पूजा सामग्री, दिये सहित कुम्हारों द्वारा बनाए गए सामान, भगवानों की तस्वीर, मूर्ति आदि, हार्डवेयर, पेंट, फैशन की वस्तुएं, खाद्य सामान, एफएमसीजी सामान, किराना, सॉफ्ट ड्रिंक, कन्फेक्शनरी, खाद्य तेल, रेडीमेड फूड, खिलौने आदि में बड़ा व्यापार होगा। इसके साथ ही देशभर में हजारों समारोह होने के कारण सर्विस सेक्टर से जुड़े होटल, रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हाल, कैटरिंग, इवेंट मैनेजमेंट, कैब सर्विस, डिलीवरी सेक्टर, कलाकारों सहित इसी तरह के अन्य वर्गों को भी बड़ा व्यापार मिलेगा।
मेक इन इंडिया को दे प्राथमिकता
वहीं इससे पहले पीएम मोदी ने भी कहा कि इस बार ऐसे प्रोडक्ट से ही घर को रोशन करें जिसमें मेरे किसी देशवासी के पसीने की महक हो, मेरे देश के किसी युवा का टैलेंट हो, उसके बनने में मेरे देशवासियों को रोजगार मिला हो, रोजमर्रा की जिन्दगी की कोई भी आवश्यकता हो – हम लोकल ही लेंगे।
वोकल फॉर लोकल सिर्फ त्योहारों तक न रखें सीमित
पीएम ने आगे कहा कि आपको, एक और बात पर गौर करना होगा। ‘वोकल फॉर लोकल’ की ये भावना सिर्फ त्योहारों की खरीदारी तक के लिए ही सीमित नहीं है और कहीं तो मैंने देखा है, दीवाली का दीया लेते हैं और फिर सोशल मीडिया पर डालते हैं ‘वोकल फॉर लोकल’ – नहीं जी, वो तो शुरुआत है। हमें बहुत आगे बढना है, जीवन की हर आवश्यकता -हमारे देश में, अब, सब कुछ उपलब्ध है। ये विजन केवल छोटे दुकानदारों और रेहड़ी-पटरी से सामान लेने तक सीमित नहीं है। आज भारत, दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बन रहा है। कई बड़े ब्रांड यहीं पर अपने प्रोडक्ट को तैयार कर रहे हैं। अगर हम उन प्रोडक्ट को अपनाते हैं, तो, Make in India को बढ़ावा मिलता है और ये भी ‘लोकल के लिए वोकल’ ही होना होता है
उन्होंने कहा कि जब आप भारत में बने भारतीयों द्वारा बनाए गए उत्पादों से अपनी दीवाली रौशन करेंगे, अपने परिवार की हर छोटी-मोटी आवश्यकता लोकल से पूरी करेंगे तो दीवाली की जगमगाहट और ज़्यादा बढ़ेगी ही बढ़ेगी, लेकिन, उन कारीगरों की ज़िंदगी में एक नयी दीवाली आयेगी, जीवन की एक सुबह आयेगी, उनका जीवन शानदार बनेगा। भारत को आत्मनिर्भर बनाइए, ‘Make in India’ ही चुनते जाइए, जिससे आपके साथ-साथ और भी करोड़ों देशवासियों की दीवाली शानदार बने, जानदार बने, रौशन बने, दिलचस्प बने।