ई-सेवाओं की डिलीवरी बढ़ाने के लिए आरटीएस कमिशनर्स के साथ समन्वय करेगा विभाग
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ई-सेवाओं की डिलीवरी बढ़ाने के लिए आरटीएस कमिशनर्स के साथ समन्वय करेगा। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आरटीएस के माध्यम से फेसलेस सेवा वितरण की सीमा निर्धारित करेंगे।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की “नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विस डिलीवरी असेसमेंट (एनईएसडीए) वे फॉरवर्ड” के अनुरूप विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राइट टू सर्विस (आरटीएस) कमिशनर्स के साथ दूसरी बैठक 9 अक्टूबर, 2023 को आयोजित की गई । बैठक का उद्देश्य देश में ई-गवर्नेंस और ई-सेवा वितरण को बढ़ावा देना है। इस बैठक में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों कोई-सेवाएं सक्रिय रूप से वितरित किये जाने पर सहमति बनी। आरटीएस मुख्य आयुक्तों को विभाग द्वारा किए गए “एनईएसडीए वे फॉरवर्ड” के बारे में भी जागरूक किया गया।
डीएआरपीजी विभाग द्वारा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए छह एनईएसडीए वे फॉरवर्ड मासिक रिपोर्ट जारी की गई हैं। रिपोर्ट एनईएसडीए- वे फॉरवर्ड डैशबोर्ड पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान की जाने वाली ई-सेवाओं और अनिवार्य ई-सेवाओं की संख्या के लिए बेस लाइन निर्धारित करती है। यह फेसलेस, सुओ-मोटो डिलीवरी और एकीकृत सेवा डिलीवरी पोर्टल की स्थिति को भी रेखांकित करता है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभाग 14,736 ई-सेवाएँ प्रदान करते हैं
अगस्त की रिपोर्ट में कहा गया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विभाग 14,736 ई-सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिनमें से जम्मू और कश्मीर (1028) अधिकतम संख्या में ई-सेवाएँ प्रदान करता है। इसके अलावा, 2,016 अनिवार्य ई-सेवाओं में से 1,505 उपलब्ध हैं, जिससे संतृप्ति 74.6 प्रतिशत हो गई है। जम्मू और कश्मीर, केरल और ओडिशा ने अपनी 100 प्रतिशत सेवाएँ क्रमशः अपने पहचाने गए एकल एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल यानी ई-यूएनएनएटी, ई-सेवानम और ओडिशा वन के माध्यम से प्रदान की हैं।
इन मुद्दों पर सहमति बनी
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहचान की गई 154 सामान्य सेवाओं की समीक्षा करनी है और उन्हें एक निर्दिष्ट समय सीमा में ई.सेवाओं के रूप में प्रदान करना है। राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को ई-यूएनएनएटी, ई-सेवानम और ओडिशा वन के आधार पर संबंधित आरटीएस आयोगों और समितियों के समर्थन का लाभ उठाते हुए एक एकीकृत पोर्टल के माध्यम से ई-सेवाओं के प्रावधान को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप को परिभाषित करना होगा। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा और दृष्टिकोण पर चर्चा करनी चाहिए कि ई-सेवाएं सक्रिय रूप से वितरित की जाएं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आरटीएस के माध्यम से फेसलेस सेवा वितरण की सीमा निर्धारित करेंगे।
बैठक में हरियाणा, उत्तराखंड, मेघालय, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़ और कर्नाटक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य आयुक्तों और नोडल अधिकारियों सहित कुल 27 अधिकारियों ने भाग लिया और सक्रिय रूप से चर्चा की। डीएआरपीजी नवंबर, 2023 में देहरादून में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आरटीएस आयुक्तों और अन्य नोडल अधिकारियों की एक कार्यशाला आयोजित करेगा।