अब आम श्रद्धालुओं की तरह दर्शन करेंगे नेता, महाकाल मंदिर में भी आदर्श आचार संहिता का पालन शुरू
नेता आम श्रद्धालुओं की तरह भगवान महाकाल की भस्मारती में शामिल होंगे और गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन और पूजन करेंगे।
पांच राज्यों में चुनावी घोषणा हो चुकी है और इसी के साथ आदर्श आचरण संहिता भी लागू हो गई। इस बीच मध्य प्रदेश उज्जैन प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में भी चुनाव आचार संहिता का पालन शुरू हो गया है। मंदिर प्रशासक ने राजनीतिक प्रोटोकाल का कोटा बंद कर दिया है। अब यहां नेता भी आम श्रद्धालुओं की तरह भगवान महाकाल की भस्मारती में शामिल होंगे और गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन और पूजन करेंगे।
राजनीतिक कोटा किया गया बंद
उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर प्रबंध संमिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगते ही महाकालेश्वर मंदिर में प्रोटोकाल दर्शन व्यवस्था बंद कर दी गई है। राजनीतिक कोटे की करीब 200 भस्म आरती अनुमति को ऑनलाइन सामान्य कोटे में शिफ्ट किया गया है। नई सरकार का गठन होने तक विभिन्न राजनीतिक दल के नेता आम भक्तों की तरह मंदिर में दर्शन करेंगे।
सामान्य दर्शनार्थियों की तरह करेंगे दर्शन
उन्होंने बताया कि राजनीतिक दल के नेताओं को अब सामान्य दर्शनार्थियों की तरह मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। अगर वे शीघ्र दर्शन करना चाहते हैं, तो अन्य भक्तों की तरह 250 रुपये का शीघ्र दर्शन टिकट खरीदकर गेट नंबर चार से मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। राजनीतिक प्रोटोकाल के तहत सम्मान और भस्म आरती अनुमति भी नहीं होगी। इस कोटे की भस्म आरती सीट को ऑनलाइन सामान्य दर्शनार्थी कोटे में शिफ्ट कर दिया गया है।
प्रशासनिक प्रोटोकाल पर अभी कोई फैसला नहीं
प्रशासक सोनी ने बताया कि महाकाल मंदिर में राजनीतिक प्रोटोकाल के अलावा प्रशासनिक प्रोटोकाल की भी व्यवस्था है। इसके तहत विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दर्शन के लिए विशेष सुविधा प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि आचार संहिता में प्रशासनिक प्रोटोकाल चालू रहेगा या नहीं, इसका निर्णय कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा।