RBI का जनता के लिए त्योहारी तोहफा, रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने त्योहार से पहले लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। RBI ने अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए जानकारी दी कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी अगस्त की मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखा है। यानी रेपो रेट में लगातार चौथी बार कोई बदलाव नहीं किया गया है।
MPC की बैठक के बाद हुआ ऐलान
इसी के साथ आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस में कहा कि एमपीसी ने मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।
GDP के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं
जीडीपी के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष 2024 -25 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.6 फीसदी अनुमानित है।
2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में लगातार किया 6 बार इजाफा
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच नीतिगत दर रेपो रेट में लगातार 6 बार इजाफा किया था। रिजर्व बैंक ने मई 2022 में इसे 4 फीसदी से बढ़ाकर 4.90 फीसदी किया था, अब यह 6.50 फीसदी पर है। आखिरी बार फरवरी 2023 में इसे 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी पर किया गया था। इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल, जून और अगस्त में हुई एमपीसी बैठक में भी ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया था।
क्या है रेपो रेट ?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक (भारत के लिए RBI) वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। यह एक अर्थव्यवस्था में ऋण के प्रवाह को नियंत्रित करने और इस प्रकार मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने का एक उपकरण है।