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भारतीय सेना प्रमुख तंजानिया की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे, रक्षा संबंधों को मिलेगी मजबूती

भारतीय सेना प्रमुख तंजानिया की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे, रक्षा संबंधों को मिलेगी मजबूती
  • PublishedOctober 2, 2023

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे 2 से 5 अक्टूबर 2023 तक तंजानिया की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। जिससे दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे रक्षा संबंध और मजबूत होंगे।

अपनी यात्रा में जनरल मनोज पांडे का तंजानिया की राजधानी दार अस सलाम, ऐतिहासिक शहर जांजीबार और अरुशा का दौरा करने का कार्यक्रम है। वह तंजानिया के गणमान्य व्यक्तियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा व बैठकों में हिस्सा लेंगे। अपनी यात्रा के दौरान, भारतीय सेना प्रमुख तंजानिया संघ गणराज्य की राष्ट्रपति महामहिम सामिया सुलुहू हसन से मुलाकात कर सकते हैं।

भारतीय सेना प्रमुख की इस यात्रा से भारत व तंजानिया के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंध मजबूत और समृद्ध होंगे। अक्तूबर, 2003 में रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर ने एक मजबूत नींव रखी। इस सहयोग के महत्व के बारे में इस वर्ष 28 और 29 जून को तंजानिया के अरुशा में आयोजित भारत-तंजानिया संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की दूसरी बैठक में जोर दिया गया।

भारतीय और तंजानियाई सेना दोनों पेशेवर सैन्य पाठ्यक्रमों में एक-दूसरे के लिए रिक्तियां प्रदान करते हैं। इससे दोनों देशों के कर्मियों को मजबूत संबंध बनाने, विचारों का आदान-प्रदान करने और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने में मदद मिली है। तंजानिया की सेना पिछले पांच वर्षों से भारत में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रशिक्षण में लगातार भाग ले रही है। इसी तरह, भारतीय सेना की एक प्रशिक्षण टीम को वर्ष 2017 से कमांड एंड स्टाफ कॉलेज, दुलुती में तैनात किया गया है।

तंजानिया के सैन्य प्रतिनिधिमंडल नियमित रूप से भारत का दौरा कर रहे हैं जो दोनों देशों के बीच मजबूत सैन्य सहयोग का प्रतीक है। हाल ही में, तंजानियाई प्रतिनिधिमंडलों ने एयरो इंडिया 23, इंडो अफ्रीका आर्मी चीफ्स कॉन्क्लेव-23 और एएफआईएनडेक्स-23 में उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराई। तंजानिया के वरिष्ठ सैन्य नेताओं ने भी डेफ एक्सपो-22 के दौरान भारत का दौरा किया और हाल ही में 13वें आईपीएसीसी, 47वें आईपीएएमएस और 9वें सेल्फ-23 कार्यक्रम संपन्न हुए।

भारतीय सेना प्रमुख की यह यात्रा भारत और तंजानिया के बीच साझा किए गए उच्च स्तरीय द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और घनिष्ठ रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगी। यह यात्रा न केवल मौजूदा सहयोग का उत्सव मनाने का संकेत है, बल्कि एक मजबूत भविष्य की साझेदारी का मार्ग भी प्रशस्त करती है।