देश में खाद्यान्न का उत्पादन बढ़कर 3305 लाख टन: कृषि मंत्रालय
पिछले 8 वर्षों में देश में खाद्यान्न उत्पादन 31 प्रतिशत बढ़कर 251.54 से 330.54 मिलियन टन हो गया है। जो कृषि निर्यात के लिए अब तक का उच्चतम स्तर है। चावल, मक्का, चना, दलहन, रेपसीड और सरसों, तिलहन और गन्ना का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। 2022-23 के दौरान कुल दलहन और तिलहन उत्पादन क्रमशः रिकॉर्ड 275 और 410 लाख टन होने का अनुमान है । यह बात केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने रबी अभियान 2023-24 के लिए बुधवार, 26 सितंबर को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कही।
कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन के अपने संबोधन के दौरान मनोज आहूजा कहा कि चावल, मक्का, चना, दलहन, रेपसीड और सरसों, तिलहन और गन्ना का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश 2023 के दौरान क्रमशः 3305, 275 और 410 लाख टन खाद्यान्न, दलहन और तिलहन का रिकॉर्ड उत्पादन करेगा। देश में कृषि-पारिस्थितिकी उपयुक्त और आवश्यकता आधारित फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों से चल रहे सरसों मिशन की बदौलत देश में सरसों का उत्पादन 91.20 लाख टन से 37 प्रतिशत उछलकर 124.94 लाख टन पर पहुंच गया है। इस सराहनीय उपलब्धि के लिए कृषक समुदाय और राज्य सरकारें विशेष प्रशंसा की पात्र हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरसों का उत्पादन बढ़ने से पाम और सूरजमुखी तेल के आयात में आ रहे कुछ संकट से निपटने में मदद मिल रही है।
कृषि सचिव ने आगे कहा कि अब देश में ऐसी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अनुकूल हो। इसी तरह आवश्यकता के आधार पर फसलों के विविधिकरण को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सम्मेलन में रबी सीजन से संबंधित सभी तकनीकी और इनपुट संबंधी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही इस सम्मेलन में उन्नत प्रौद्योगिकियों की तुलना में किसान प्रथा के साथ फसल उत्पादन में बड़े उपज अंतर पर चिंता जताई गई। फसल एवं तिलहन संयुक्त सचिव ने देश को इन वस्तुओं में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अगले 5 वर्षों के लिए दलहन और तिलहन के लिए विजन प्रस्तुत किया। दलहन के लिए, 2025 तक 325.47 लाख टन का लक्ष्य हासिल करने का प्रस्ताव है।