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प्रकृति और मानव के बीच सम्बंधों को बेहतर बनाने के लिए आगाह करता विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस

प्रकृति और मानव के बीच सम्बंधों को बेहतर बनाने के लिए आगाह करता विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस
  • PublishedSeptember 26, 2023

विश्व पर्यावरणीय स्वास्थ्य दिवस पर्यावरणविदों को पर्यावरणीय जोखिमों को रोकने या नियंत्रित करने के उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

आज पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन पर्यावरणीय स्वास्थ्य का मानवीय स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित है।पर्यावरणीय स्वास्थ्य और मानवीय स्वास्थ्य के बीच एक गहरा संबंध है। यदि हम स्वस्थ वातावरण में रहेंगे तो हमारे जीवन की गुणवत्ता भी अच्छी होगी । प्रकृति के प्रति लोगों का लापरवाही रवैया पर्यावरण की बिगड़ती सेहत के पीछे एक बड़ा कारण है। पर्यावरण प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, वनों की कटाई, ओजोन परत की क्षरण और जैव विविधता की हानि खराब पर्यावरणीय स्वास्थ्य के पीछे कुछ बुनियादी कारण हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, “वैश्विक पर्यावरणीय प्रदूषण हर साल 12.6 मिलियन से अधिक मौतों का कारण बनते हैं। आधुनिक जीवनशैली को देखते हुए स्वस्थ वातावरण बनाए रखना थोड़ा कठिन हो सकता है, परंतु यह असंभव नहीं है। मनुष्य पहले से ही जलवायु परिवर्तन, बाढ़, तूफान, वायरल प्रकोप जैसे अस्वास्थ्यकर पर्यावरण के दुष्परिणामों का सामना कर रहा है। विश्व पर्यावरणीय स्वास्थ्य दिवस पर्यावरणविदों को पर्यावरणीय जोखिमों को रोकने या नियंत्रित करने के उपायों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस 2023 की थीम

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस 2023 का विषय है “वैश्विक पर्यावरणीय एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य , हर दिन , हर किसी के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए खड़ा होना”है ।

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस का इतिहास

विश्व पर्यावरणीय स्वास्थ्य दिवस 2011 से मनाया जा रहा है , इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ (IFEH) ने 26 सितंबर को विश्व पर्यावरणीय स्वास्थ्य दिवस घोषित किया था। आईएफईएच अच्छे पर्यावरणीय स्वास्थ्य को बनाए रखने की दिशा में चुनौतियों और बाधाओं को दूर करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा है। विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस को प्रतिवर्ष मनाने के पीछे प्राथमिक कारण लोगों में जागरूकता पैदा करना और जीवित प्राणियों के लिए स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देना है।