त्रिनिदाद और टोबैगो के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मंत्रालय से जुड़े टेक्निकल मिशन ने इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन, नई दिल्ली स्थित इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का भ्रमण किया
त्रिनिदाद और टोबैगो के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मंत्रालय के टेक्निकल मिशन ने इलेक्ट्रॉनिक निकेतन स्थित इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी मंत्रालय का भ्रमण किया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मंत्री श्री हसल बाचस ने किया और इसमें उच्चायुक्त डॉ. रोजर गोपॉल, मुख्य डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सलाहकार सुश्री जैकलीन विल्सन, सीनियर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सलाहकार श्री देविंद्र रामनारायण, सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर श्री क्रिस्टोफर जॉन और एसोसिएट प्रोफेशनल सुश्री डेनिएल सेउनारिन शामिल थे।
भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी (एमईआईटीवाई) सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा, एनईजीडी में पी एंड सीईओ श्री अभिषेक सिंह और एमईआईटीवाई में संयुक्त सचिव श्री सुशील पाल और माइटी, एमईए, एनईजीडी, यूआईडीएआई, एनपीसीआई-एनआईपीएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। अपने स्वागत संबोधन में श्री अभिषेक सिंह ने इंडिया स्टैक सॉल्युशंस विशेष रूप से आधार (डिजिटल पहचान), डिजीलॉकर और एपीआई सेतु (डेटा एक्सचेंज) और यूपीआई (डिजिटल भुगतान) के रूप में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रमुख बिल्डिंग ब्लॉक पर जोर दिया।
अपने संबोधन में, त्रिनिदाद और टोबैगो के माननीय डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मंत्री श्री हसल बाचस ने कहा कि डिजिटल परिवर्तन सतत विकास लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण संबल है और इसका प्रभाव लोगों, प्रक्रिया और प्रौद्योगिकियों पर नजर आता है। उन्होंने भारत की डिजिटल यात्रा, इंडिया स्टैक और डीपीआई इकोसिस्टम और भारत में डिजिटल परिवर्तन की नींव को समझने का इरादा भी व्यक्त किया। उन्होंने यह भी बताया कि त्रिनिदाद और टोबैगो भारत से काफी कुछ सीखना चाहेगा और कैरेबियाई क्षेत्र में भी इसे साझा करेगा।
अपने संबोधन में, श्री अलकेश कुमार शर्मा ने डिजिटल इंडिया, देश को डिजिटल रूप में बदलने के इसके दृष्टिकोण और डिजिटल समावेशन, वित्तीय समावेशन, सहभागी शासन और शासन में अधिक पारदर्शिता लाने में इसके योगदान के बारे में बताया। उन्होंने जीवनयापन को सुविधाजनक बनाने और व्यापार को सुगम बनाने के लिए कई डिजिटल पहलों (जैसे जन धन, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, जीईएम, सह-विन, ई-संजीवनी, दीक्षा, आदि) के कार्यान्वयन पर बात की। उन्होंने इंडिया स्टैक ग्लोबल पर भी जोर दिया, जहां इच्छुक देशों को 15 इंडिया स्टैक समाधान उपलब्ध कराए जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आगे दोनों देशों के बीच डिजिटल सहयोग पर एमओयू हो सकता है।
समापन भाषण में, एमईआईटीवाई में संयुक्त सचिव श्री सुशील पाल ने प्रतिनिधिमंडलों और उनकी भागीदारी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल की भारत में उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए सीडीएसी और डिजिटल कौशल के लिए एनआईईएलआईटी के दौरे की भी योजना है।
इसके बाद, डिजिटल पहचान (डिजिटल आइडेंटिटी), डेटा एक्सचेंज और डिजिटल भुगतान पर तीन अहम सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में यूआईडीएआई, एनईजीडी और एनपीसीआई-एनआईपीएल के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं। बैठक सकारात्मक रुख के साथ समाप्त हुई जहां डिजीलॉकर को कम समय में लागू किया जा सकने वाला आसान विकल्प बताया गया।
इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन, नई दिल्ली में सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस हॉल में रखे गए कियोस्क के माध्यम से प्रतिनिधियों के सामने 10 से अधिक डिजिटल इंडिया पहलों को प्रदर्शित किया गया और उनके बारे में समझाया गया।