श्री अन्न’ को घर-घर पहुंचाने के लिए पहल, स्कूल करिकुलम में भी शामिल होंगे कार्यक्रम
इस कार्य योजना के तहत न केवल मिलेट्स से बनने वाली रेसिपीज को बढ़ावा दिया जाएगा बल्कि उनके बारे में जागरुकता भी फैलाई जाएगी। इसके अंतर्गत अब तक मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए गए, मगर अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए इसे प्रदेश वृहद स्तर पर आमजन द्वारा प्रयोग में लाए जाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का सहारा लिया जाएगा। न केवल प्रदेश के सभी जिलों में उपभोक्ता जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा बल्कि इसे छात्रों के करिकुलम में भी शामिल किया जाएगा। हालांकि, उससे पहले शिक्षकों को भी जागरूक करने की आवश्यकता होगी। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रदेशभर में अध्यापकों के प्रशिक्षण कार्य को भी प्रारंभ किए जाने की तैयारी कर ली गई है।
साल 2023 को मोटे अनाज के बारे में लोगों में जागरुकता फैलाने व बढावा देने के लिए अंतराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मनाया जा रहा है। ऐसे में भारत समेत पूरे विश्व में तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश की जनता को ‘पुष्टाहार” से लाभान्वित करने के लिए प्रदेश की सरकार ने अब मिलेट्स यानी ‘श्री अन्न’ के प्रति जागरुकता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार द्वारा वित्त पोषित ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम’ के माध्यम से श्री अन्न के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली गई है।
जागरूकता के लिए कार्य योजना तैयार
इस कार्य योजना के तहत न केवल मिलेट्स से बनने वाली रेसिपीज को बढ़ावा दिया जाएगा बल्कि उनके बारे में जागरुकता भी फैलाई जाएगी। इसके अंतर्गत अब तक मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए गए, मगर अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए इसे प्रदेश वृहद स्तर पर आमजन द्वारा प्रयोग में लाए जाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का सहारा लिया जाएगा। न केवल प्रदेश के सभी जिलों में उपभोक्ता जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा बल्कि इसे छात्रों के करिकुलम में भी शामिल किया जाएगा। हालांकि, उससे पहले शिक्षकों को भी जागरूक करने की आवश्यकता होगी। इसी बात को ध्यान में रखकर प्रदेशभर में अध्यापकों के प्रशिक्षण कार्य को भी प्रारंभ किए जाने की तैयारी कर ली गई है।
मिलेट्स निर्यात में भारत दूसरे नंबर पर
बता दें कि भारत विश्व में मिलेट्स निर्यात के लिहाज से दूसरे पायदान पर है तथा केंद्र सरकार कीमहत्वकांक्षी योजना है कि भारत को आगामी वर्षों में ‘नंबर वन मिलेट्स एक्सपोर्टर कंट्री’ के रूप में जाना जाए। ऐसे में, देश के फूड बास्केट के तौर पर विख्यात प्रदेश भी एक बड़ी और सकरात्मक भूमिका का निर्वहन कर सकता है।
किसानों को दिया गया मुफ्त बीज मिनीकिट
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा 01 फरवरी 2023 से प्रदेश भर में मिलेट्स की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का व्यापक अभियान चलाया गया, जिसमें उन्हें मुफ्त बीज मिनीकिट उपलब्ध कराई गई। समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों के जरिए भी मिलेट्स के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाने के प्रयास किए गए। अब इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए मिलेट्स आधारित संस्करण इकाई स्थापित किए जाने को भी प्रदेश में बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं, नई विस्तृत कार्य योजना के अंतर्गत अब जिला स्तर पर मिलेट्स रेसीपी विकास, उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम, स्कूल करिकुलम व अध्यापकों के व्यापक प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
छात्र-छात्राओं को किया जाएगा जागरूक
मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए जिन मेलों को प्रदेश के हर जिले में आयोजित किए जाने की योजना है, उनमें मुख्य तौर पर स्कूली छात्र-छात्राओं, अभिभआवकों व शिक्षकों को जागरूक किया जाएगा। मिलेट्स के गुणों के प्रति जागरुकता लाने के लिए शैक्षणिक करिकुलम में भी इसे शामिल किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, शुरुआती स्तर पर प्रदेश भर में 200 शिक्षकों को विशिष्ट प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हीं के माध्यम से प्रदेश के अन्य शिक्षकों को भी मिलेट्स जागरुकता कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा।
जिलाधिकारी की निगरानी कार्ययोजना को अंजाम
प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारी इन कार्यक्रमों को लागू कराए जाने के उत्तरदायी होंगे। सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें मुख्य विकास अधिकारी बतौर उपाध्यक्ष, उप कृषि निदेशक बतौर सचिव व बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, मिलेट्स के कार्यक्रम एफपीओ व जिलाधिकारी द्वारा नामित एक प्रगतिशील कृषक बतौर सदस्य प्रतिभाग करेंगे।