सरकार ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है: केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा
केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने रूफटॉप सोलर के लिए राष्ट्रीय पोर्टल की पहली वर्षगांठ और अखिल भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा संघों (एआईआरईए) के स्थापना दिवस में भाग लिया और संबोधित किया। इस कार्यक्रम को भारत के नवीकरणीय ऊर्जा महोत्सव के रूप में मनाया गया, जो ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने हेतु देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और बिजली मंत्री श्री सुदीन धवलीकर भी उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए, केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा ने सभी नागरिकों को ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार के अटल समर्पण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सीओपी 2015 सम्मेलन में घोषित किया गया वर्ष 2022 तक भारत का 175 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा (जीवाश्म ईंधन) प्राप्ति का दूरदर्शी लक्ष्य निर्धारित समय सीमा से पूर्व ही पूरा कर लिया गया था जिसे वैश्विक समुदाय द्वारा सम्मानित भी किया गया था। श्री भगवंत खुबा ने कहा, इस सफलता के आधार पर, सीओपी 26 सम्मेलन में, प्रधानमंत्री ने 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्ति के भारत के महत्वाकांक्षी नवीन लक्ष्य की शुरुआत की जिसका उद्देश्य वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य लक्ष्य प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि भारत सीओपी-15 में निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने वाला एकमात्र गौरवान्वित देश है, लेकिन शुद्ध शून्य लक्ष्य प्राप्ति हेतु अभी भी बहुत काम करना है।मंत्री महोदय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अमेरिका और फ्रांस की हाल ही की सफल यात्राओं पर भी प्रकाश डाला, जो सभी क्षेत्रों में अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों और सपनों को साकार करने के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक नवीकरणीय ऊर्जा के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की शुरुआत है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस योजना के अंतर्गत 1500 करोड़ रुपये की पीएलआई की पहल की गई है जिसमें 19500 करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से 65 गीगावॉट क्षमता की स्थापना होगी। वर्ष 2030 तक, भारत का कुल 500 गीगावॉट प्राप्ति का लक्ष्य है, जिसमें से 280 गीगावॉट सौर ऊर्जा से प्राप्त होगा।