शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री श्री लॉरेंस वोंग ने तीसरे सिंगापुर-भारत हैकथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया
भारत सरकार के शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री श्री लॉरेंस वोंग ने आज गुजरात के गांधीनगर में तीसरे सिंगापुर-भारत हैकथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर (एनटीयू सिंगापुर) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित तीसरे सिंगापुर-भारत हैकथॉन में एमिटी यूनिवर्सिटी और द्वारकादास कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों द्वारा नियामकों को अंदरूनी व्यापार के संभावित संदिग्धों का पता लगाने में मदद करने के लिए विकसित किए गए एक उपकरण ने शीर्ष छात्र पुरस्कार जीता। स्टार्टअप श्रेणी में शीर्ष विजेता, हकदर्शक ने 2.8 मिलियन भारतीयों को सरकारी कल्याण सेवाओं में एसजीडी 700 मिलियन के करीब अनलॉक करने में सक्षम बनाने के लिए जीता। आईआईटी गांधीनगर, गुजरात में जी20 की अध्यक्षता के तहत आयोजित, हैकथॉन के समापन समारोह में भारत और सिंगापुर के सर्वश्रेष्ठ स्टार्ट-अप और छात्र एक साथ शामिल हुए। इसमें 600 से अधिक छात्रों, स्टार्ट-अप, निवेशकों, नीति निर्माताओं, कंपनियों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री प्रधान ने कहा कि ज्ञान ही शक्ति है। उन्होंने कहा कि एसआईएच जैसी पहल, ज्ञान के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने और हमारे दोनों देशों के युवाओं की नवाचार क्षमता को उजागर करने का एक शानदार तरीका है और हमें आगे बढ़कर आम सामाजिक चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए हैकथॉन संस्कृति को एसटीईएम के दायरे से परे ले जाना चाहिए। श्री प्रधान ने कहा कि ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार की शक्ति से प्रेरित होकर, दोनों भारत और सिंगापुर भविष्य के लिए बेहतर तैयारी करने, पारस्परिक समृद्धि हासिल करने और वैश्विक हित को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक विकास तीन बिंदुओं: ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार पर आधारित है। उन्होंने कहा कि ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में सिंगापुर ने पिछले 30-40 वर्षों में ज्ञान और शिक्षा में उत्कृष्टता के माध्यम से खुद को बदल लिया है। श्री प्रधान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से, भारत ने ज्ञान-आधारित समाज बनने में काफी प्रगति की है और अमृत काल के अगले 25 वर्ष भारत के लिए आशाओं एवं संभावनाओं से भरे हैं और सिंगापुर-भारत हैकथॉन जैसी पहल के माध्यम से घनिष्ठ सहयोग से हमारे दोनों देशों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान में मदद मिलेगी।
सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री श्री लॉरेंस वोंग ने कहा कि सिंगापुर-भारत हैकथॉन अद्वितीय और मूल्यवान है, जिसे दोनों देशों के नेताओं का समर्थन प्राप्त है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण से इसकी परिकल्पना की गई है। उन्होंने (कोविड-19) महामारी के बाद पहली बार समापन समारोह के लिए गांधीनगर आने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हैकथॉन वैश्विक चुनौतियों को एक साथ हल करने के लिए हमारे सर्वश्रेष्ठ युवाओं और दिमागों को एक साथ लाता है। टीमों ने छह मुद्दों – वित्तीय धोखाधड़ी का पता लगाने, वित्तीय समावेशन और ऋण की उपलब्धता, समुद्र के जलस्तर में वृद्धि और तटवर्ती बाढ़, खाद्य की रीसाइक्लिंग के अनुकूलन, कार्बन फूटप्रिंट की निगरानी और सिंगापुर-भारत व्यापार कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिए जाने से जुड़ी समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करने के लिए प्रतिस्पर्धा की।
इस वर्ष के सिंगापुर-भारत हैकथॉन ने न केवल एनटीयू सिंगापुर और आईआईटी गांधीनगर जैसे अनुसंधान-केंद्रित शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ लाया, बल्कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के प्रति इच्छुक दोनों देशों की प्रमुख कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र को स्टार्ट-अप के निर्माण के लिए दुनिया के कुछ सबसे अधिक प्रभावशाली उद्यमियों का मार्गदर्शन करने के लिए भी एक साथ लाया।
श्री धर्मेंद्र प्रधान और श्री लॉरेंस वोंग ने ‘स्कूलों से लेकर कौशल’ तक सभी क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने को लेकर सार्थक बातचीत की। दोनों देशों के मंत्रियों ने स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण, महत्वपूर्ण कौशल के साथ युवाओं को सशक्त बनाने, भविष्य के लिए कार्यबल, क्षमता निर्माण पर चर्चा की। शैक्षणिक संस्थानों, शिक्षकों और प्रशिक्षकों, अनुसंधान और नवाचार सहयोग भारत की प्राथमिकताएं हैं।
उन्होंने शिक्षा और कौशल विकास में सहयोग के लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देने, हस्ताक्षर करने तथा एक-दूसरे के सर्वोत्तम तौर-तरीकों को शामिल करने और हमारी भावी पीढ़ियों के लिए ज्ञान एवं कौशल की साझेदारी की पूरी क्षमता तैयार करने को लेकर एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने का संकल्प लिया।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में सिंगापुर की सरकारी यात्रा पर प्रथम सिंगापुर-भारत हैकथॉन की शुरुआत की, पिछले दो कार्यक्रम 2018 में सिंगापुर में और 2019 में भारत में आईआईटी मद्रास में आयोजित किए गए थे।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक लिखित संदेश भेजा, “मुझे एनटीयू सिंगापुर-भारत हैकथॉन 2023 के बारे में जानकर खुशी हुई। इस हैकथॉन का आयोजन ऐसे समय में हुआ है जब भारत ने जी20 की अध्यक्षता संभाली है। जी20 की अध्यक्षता का मंत्र, ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’, वसुधैव कुटुंबकम की प्राचीन भारतीय अवधारणा की अभिव्यक्ति है, जिसका अर्थ है कि पूरा विश्व एक परिवार है। साझा भविष्य के निर्माण के लिए एक साथ आना इस दृष्टिकोण का सार है। सिंगापुर-भारत हैकथॉन एक ऐसी पहल है जो इस नेक विचार को समाहित करती है।
बाद में दिन में, श्री प्रधान ने सिंगापुर-भारत हैकथॉन में भाग लेने वाले छात्रों और स्टार्ट-अप के साथ बातचीत की। उन्होंने लोगों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालने और नवाचार एवं उद्यमिता के माध्यम से दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के उनके जुनून की प्रशंसा की।