बाल तस्करी रोकने के लिए पहल, पीड़ितों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार करेगी मदद
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तस्करी पीड़ितों के लिए घर आश्रय, भोजन, कपड़े, परामर्श, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य दैनिक आवश्यकताएं जैसी सेवाएं प्रदान करेंगी। मंत्रालय के अनुसार मिशन वात्सल्य योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप उपयुक्त सुविधा के लिए पीड़ित लड़कियों को CWC के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाएगा।
तस्करी से रेस्क्यू पीड़ितों खास तौर से नाबालिग लड़कियों या महिलाओं के सामने जीवनयापन का अक्सर बड़ा संकट खड़ा हो जाता है। ऐसी महिलाओं और लड़कियों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। केंद्र सरकार ने नाबालिग लड़कियों और युवा महिलाओं के लिए संरक्षण और पुनर्वास गृह स्थापित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।
घर से लेकर भोजन तक की मिलेगी सुविधा
दरअसल, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तस्करी पीड़ितों के लिए घर आश्रय, भोजन, कपड़े, परामर्श, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य दैनिक आवश्यकताएं जैसी सेवाएं प्रदान करेंगी। मंत्रालय के अनुसार मिशन वात्सल्य योजना के दिशानिर्देशों के अनुरूप उपयुक्त सुविधा के लिए पीड़ित लड़कियों को CWC के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाएगा।
नाबालिग लड़कियों की ज्यादा होती है तस्करी
आंकड़ों के अनुसार भारत मानव तस्करी के लिए एक स्रोत और साथ ही डेस्टिनेशन देश है। स्रोत देश नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार हैं जहां से भारत में बेहतर जीवन, नौकरी और रहने की अच्छी स्थिति की आड़ में महिलाओं और लड़कियों की तस्करी की जा रही है। उनमें से अधिकांश नाबालिग लड़कियां और कम उम्र की महिलाएं हैं, जिन्हें भारत में आने के बाद बेच दिया जाता है और व्यावसायिक यौन कार्य में धकेल दिया जाता है। ये लड़कियां और महिलाएं अक्सर मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद आदि प्रमुख शहरों में पहुंचती हैं, जहां से उन्हें देश से बाहर मुख्य रूप से पश्चिम एशिया एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में ले जाया जाता है। सरकार का मानना है कि इन देशों के सीमावर्ती राज्यों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है और तस्करी के पीड़ितों को राहत और पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं होनी चाहिए।
केंद्र सरकार तस्करी रोकने के लिए उठा रही कदम
केंद्र सरकार ने देश के हर जिले में मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) को स्थापित और मजबूत करने के लिए निर्भया फंड के तहत सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को धन मुहैया कराया है। इसके अलावा, सीमा सुरक्षा बल(BSF) और SSB जैसे सीमा सुरक्षा बलों में एएचटीयू के लिए भी धन मुहैया कराया गया है। फिलहाल सीमा सुरक्षा बलों के 788 एएचटीयू कार्य कर रहे हैं।