भारत

डॉ. मनसुख मांडविया ने मातृ, नवजात शिशु, बाल स्वास्थ्य (पीएमएनसीएच), जेनेवा के सहयोग से किशोरों व युवाओं के स्वास्थ्य और कल्याण पर जी-20 को-ब्रांडेड कार्यक्रम का उद्घाटन किया

डॉ. मनसुख मांडविया ने मातृ, नवजात शिशु, बाल स्वास्थ्य (पीएमएनसीएच), जेनेवा के सहयोग से किशोरों व युवाओं के स्वास्थ्य और कल्याण पर जी-20 को-ब्रांडेड कार्यक्रम का उद्घाटन किया
  • PublishedJune 20, 2023

विकास के लिए किसी देश की क्षमता एवं संभावना उसकी युवा आबादी के आकार और ताकत से निर्धारित होती है। युवा विकास के लिए एक प्रमुख शक्ति बन सकते हैं, जब उन्हें ज्ञान और अवसर प्रदान किए जाएं, जिनकी उन्हें सफल होने के लिए आवश्यकता होती है।” केन्‍द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज ‘हेल्‍थ ऑफ यूथ-वेल्‍थ ऑफ नेशन’ में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान यह बात कही। जी-20 के इस को-ब्रांडेड कार्यक्रम का आयोजन मातृ, नवजात शिशु, बाल स्‍वास्‍थ्‍य (पीएमएनसीएच) की भागीदारी से केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने यहां किया। इस वैश्विक कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया भर के 1.8 बिलियन किशोरों व युवाओं के स्वास्थ्य और कल्याण की जरूरतों को रेखांकित करना है, और किशोरों व युवाओं के स्वास्थ्य में जी-20 देशों का ध्यान और निवेश बढ़ाना है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार, दक्षिण अफ्रीका के उप स्वास्थ्य मंत्री श्री सिबोंगिसेनी ध्लोमो, पीएमएनसीएच बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री हेलेन क्लार्क, भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर श्री शोम्बी शार्प, यूएनएफपीए मुख्यालय के तकनीकी प्रभाग की निदेशक डॉ. जुलिटा ओनाबैंजो भी इस अवसर पर उपस्थित थी

सभा को संबोधित करते हुए, डॉ. मांडविया ने कहा कि “भारत की जी-20 की अध्यक्षता यह सुनिश्चित करने के लिए एक ऊंची छलांग होगी कि दुनिया के 1.8 बिलियन युवाओं की जरूरतों और अधिकारों का समाधान किया जाए, उनकी आवाज सुनी जाए, और संसाधनों और अवसरों तक उनकी पहुंच बनाई जाए जो उनके अधिकतम विकास के लिए आवश्यक है।” उन्होंने यह भी कहा कि “हमारे प्रधानमंत्री की परिकल्‍पना कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता ‘समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख’ होगी, भारत और दुनिया के लिए आशा के साथ-साथ अवसर भी प्रदान करती है। देश के युवा प्रधानमंत्री की परिकल्‍पना को साकार करने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।”

युवा सशक्तिकरण के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि “किशोरों व युवाओं के स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान केन्‍द्रित करने वाला यह को-ब्रांडेड कार्यक्रम जिसकी विषय वस्‍तु ‘हेल्‍थ ऑफ यूथ वेल्‍थ ऑफ नेशन’ है वह किशोरों और युवाओं की मानव पूंजी में निवेश को बढ़ावा देने में भारत सरकार के नेतृत्व पर बल देता है और हम मजबूत, हरित अर्थव्यवस्था और जीवंत समाज का निर्माण करने के लिए अन्य जी-20 देशों को अगली पीढ़ी के विकास में तेजी लाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की लगभग एक चौथाई युवा आबादी का घर होने के नाते, जो देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की आकांक्षा की ओर ले जाने में सक्षम है, “भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह इस जनसांख्यिकीय लाभांश को प्राप्त करे और शिक्षा, कौशल विकास व युवाओं के स्वास्थ्य में निवेश करे”।

डॉ मांडविया ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारत ने युवाओं के अनुरूप और उनकी स्वास्थ्य एवं विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को लगातार तैयार और सुदृढ़ किया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि “टेली-मानस, एक समर्पित राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम यह सुनिश्चित कर रहा है कि हमारे देश के युवाओं की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को शून्य लागत पर विशेषज्ञों और पेशेवरों की एक टीम द्वारा सुना जा रहा है, स्वीकार किया जा रहा है और उनकी देखभाल की जा रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि “प्रधानमंत्री द्वारा एक व्यापक स्कूल स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम शुरू किया गया है जो स्कूली छात्रों को उनके स्कूलों और बड़े पैमाने पर समुदायों के भीतर स्वास्थ्य और कल्याण दूतों, सलाहकारों और रोल मॉडल के रूप में विकसित करने की परिकल्पना कर रहा है।”