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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की उपलब्धियों की जानकारी दी।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की उपलब्धियों की जानकारी दी।
  • PublishedJune 9, 2023

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन आज न्यू महाराष्ट्रा सदन नई दिल्ली में किया गया। अध्यक्ष ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए तथा पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि देश के पिछडे़ वर्ग को न्याय देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी तथा उनकी सरकार ने जो निर्णय लिये तथा न्याय दिया है, उसके पूर्व सत्ता पक्ष के लोगों ने इस पर कभी विचार भी नहीं किया था। देश के पिछड़े वर्गों में योग्यता, कुशलता, कारीगीरी, मेहनती लोगों की कोई कमी नहीं है। इस वर्ग कि अधिकांश जातियां कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। जिसमें मजदूर भी हैं और कुशल कारीगर भी, वे अपने व्यवसाय से समाज सेवा के साथ मेहनत से समाज की जरूरतें पूरी करने वाला यह वर्ग जिन्हें आर्थिक और शिक्षा के क्षेत्र में विकास से वंचित रखा गया था, उन्हें प्रधानमंत्री मोदी जी ने न्याय दिलाया, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक पिछड़ा वर्ग है। भारत रत्न बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर जी के विचार एवं संविधान के अुनसार सामाजिक विषमता दूर करने हेतु माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मूल मंत्र ’’सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’’ सचमुच में साकार हो रहा है। मोदी सरकार के नौ साल के दौरान ओबीसी को सबल और सशक्त बनने का मौका मिला है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा: – वर्षो से यानी 1993 से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना होने के बाद पहली बार इस राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने वर्ष 2018 में संवैधानिक दर्जा देते हुए इस आयोग की गरिमा बढ़ाई तथा पिछड़ों के हित में प्रभावी तरीके से आयोग को कार्य करने का अवसर दिया।

ऑल इण्डिया कोटा स्कीम के अंतर्गत एम.बी.बी.एस. और एम.डी. के दाखिले में ओबीसी आरक्षण रू. राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) द्वारा आयोजित एम.बी.बी.एस. और एम.डी. की पढ़ाई के लिए अखिल भारतीय कोटे के अन्तर्गत राज्यों द्वारा योगदान दी गयी सीटों में एस.सी/एस.टी को ऑल इण्डिया कोटे की सीटों में वर्ष 2007 से 22.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा था, परन्तु ओबीसी का आरक्षण शून्य था। मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा था। परन्तु देश के इतिहास में प्रथम बार माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के फार्मूले को आगे बढ़ाते हुए 26 जुलाई, 2021 को कैबिनट की बैठक मे कानूनी अड़चनों पर विराम लगाते हुए निर्णय लिया कि नीट द्वारा आयोजित एम.बी.बी.एस. और एम.डी. की पढ़ाई के लिए अखिल भारतीय कोटे के अन्तर्गत राज्यों द्वारा योगदान दी गयी सीटों में ओबीसी को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जायेगा। परिणाम यह हुआ कि प्रत्येक शैक्षणिक सत्र 2021-22 में एम.बी.बी.एस. में 1500 और एम.डी. की पढ़ाई में 2500 ओबीसी विद्यार्थियों को दाखिला मिलना शुरू हुआ।

केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल के दाखिले में ओबीसी के बच्चों को ओबीसी 27 प्रतिशत आरक्षण रू. प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने केन्द्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय में ओबीसी के छात्र/छात्राओं को प्रवेश में 27 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 से आरक्षण लागू हुआ। शैक्षणिक सत्र 2020-21 से 2022-23 तक केन्द्रीय विद्यालय में 129414 ;एक लाख उन्तीस हजार चार सौ चैदहद्ध ओबीसी के बच्चों का दाखिला दिया गया। नवोदय विद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2021-22 से 2022-23 तक 59243 ; उनसठ हजार दो सौ तैतालीस ओबीसी के बच्चों का दाखिला दिया गया।

सैनिक स्कूल में ओबीसी के बच्चों का दाखिला रू. शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दौरान देश 33 सैनिक स्कूलों में 32.91 प्रतिशत प्रवेश में आरक्षण ओबीसी के बच्चों का दाखिला दिया गया। देश के इतिहास में पहली बार मोदी सरकार ने बेटी और बेटे को समान अवसर प्रदान करने हेतु बेटियों को सैनिक स्कूल में दाखिला देना शुरू किया है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी के छात्र/छात्राओं का दाखिला रू. केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 2014-15 की तुलना में 2020-21 में ओबीसी छात्रों के नामांकन में 32.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। ओबीसी छात्राओं के मामले में 2014-15 की तुलना में 2020-21 में 40.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में ओबीसी के बच्चों का दाखिला रू. राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के मामले में, 2014-15 की तुलना में 2020-21 में ओबीसी छात्रों के नामांकन में 71 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ओबीसी छात्राओं का नामांकन 2014-15 से दोगुना से अधिक हो गया है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त निगम द्वारा ओबीसी को दिये गये लाभ रू. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1,94,810 लाभार्थियों के लिए 678.05 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्य योजना को मंजूरी प्रदान की गई है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त और विकास निगम प्रधानमंत्री दक्षता और कुशल संपन्न हितग्राही (पीएम-दक्ष) योजना के अंतर्गत कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों का कार्यान्वयन कर रहा है।

बैंकों द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत ओबीसी को भरपूर लाभ रू. विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत बैंक ओबीसी को लाभ दे रहा है। उदाहरण के तौर पर प्रधानमन्त्री जन धन योजना के तहत यूनियन बैंक ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 61.70 लाख ओबीसी के लोगों के जन धन खाते खोले गये और उन खातो में 2208.90 करोड़ रूपये जमा पाये गये। प्रधानमन्त्री मुद्रा ऋण योजना के तहत यूनियन बैंक ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 619 करोड़ रूपये ओबीसी को दिये गये। प्रधानमन्त्री जन धन योजना के तहत पंजाब नेशनल बैंक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 77.74 लाख ओबीसी के लोगों के जन धन खाते खोले गये और उन खातो में 3578.4 करोड़ रूपये जमा पाये गये। प्रधानमन्त्री मुद्रा ऋण योजना के तहत पंजाब नेशनल बैंक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 1073 करोड़ रूपये ओबीसी को दिये गये। फसल ऋण और किसान ऋण योजना के तहत पंजाब नेशनल बैंक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 16000 करोड़ रूपये का प्रावधान ओबीसी के लिए किया गया।

पेट्रोल पम्प और गैस एजेन्सी के आबन्टन में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है रू. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जांच के दौरान पाया है कि मोदी सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर ओबीसी को पेट्रोल पम्प और गैस एजेन्सी बड़े पैमाने पर के आबंटन हुआ है। उदाहरण के तौर पर इण्डियल ऑयल कारपोरेशन द्वारा 31 जनवरी, 2023 तक 1193 गैस एजेन्सी ओबीसी को आबंटित किये गये। वर्ष 2014 में इण्डियल ऑयल कारपोरेशन द्वारा ओबीसी के लिए 3790 पेट्रोल पम्प का विज्ञापन निकाला गया था। मोदी सरकार के दौरान इण्डियल ऑयल कारपोरेशन द्वारा वर्ष 2018 में ओबीसी के लिए 9629 पेट्रोल पम्प का विज्ञापन निकाला गया था।

आई.आई.टी. में ओबीसी श्रेणी के गरीब छात्रों की ट्यूशन फीस मांफ रू. आई.आई.टी. में ओबीसी श्रेणी के उन छा़त्रों की ट्यूशन फीस पूरी माफ होती है जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1.00 लाख रूपये से कम है। इसके अलावा, उन ओबीसी छात्रों की दो तिहाई ट्यूशन फीस मांफ होती है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1.00 लाख से 5.00 लाख रूपये है।

केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल में 27 प्रतिशत से अधिक मन्त्री रू. मोदी सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में पिछड़ी जाति के 27 मंत्री लगभग 35 प्रतिशत से अधिक शामिल करते हुए पिछड़़े वर्ग को न्याय और सम्मान दिया।