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मिशन लाइफ के तहत आज विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया

मिशन लाइफ के तहत आज विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया
  • PublishedMay 24, 2023

विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) एक ऐसा अवसर है जो पर्यावरण के लिए कदम उठाने और जागरूकता पैदा करने के लिए देशभर के लाखों लोगों को एक साथ लाता है। इस वर्ष, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने मिशन ‘लाइफ’ पर जोर देते हुए विश्व पर्यावरण दिवस 2023 मनाने की परिकल्पना की है। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 2021 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन रूपरेखा सम्मेलन (यूएनएफसीसी) कॉप26 सम्मलेन में ग्लासगो में विश्व नेताओं के शिखर सम्मेलन में लाइफ, यानी पर्यावरण के लिए जीवन शैली की अवधारणा पेश की गई थी, जब प्रधानमंत्री जी ने स्थायी जीवन शैली और प्रथाओं को अपनाने के लिए एक वैश्विक प्रयास को फिर से शुरू करने का आह्वान किया था। समारोह के उपलक्ष्य में लाइफ पर देश भर में जन जागरण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

1. राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच)

आरएमएनएच, मैसूर ने 23.05.2023 को मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के हिस्से के रूप में 40 छात्रों/सामान्य आगंतुकों के लिए “कीट जीवन गतिविधि का परिचय” पर कार्यक्रम आयोजित किया और इन प्रजातियों से संबंधित उनके बाहरी आकृति विज्ञान और आवास के बारे में जानकारी देकर जागरूकता पैदा की।

2. भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया)

जूलॉजिकल गार्डन, कोलकाता के सहयोग से भारतीय प्राणी सर्वेक्षण ने मिशन लाइफ पर 23.05.2023 को विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया और आगंतुकों से मिशन लाइफ के संदेश को फैलाने का आग्रह किया। कार्यक्रम के दौरान 100 आगंतुकों तक पहुंचा गया। एक अन्य इनहाउस कार्यक्रम में डॉ. धृति बनर्जी मुख्य अतिथि थीं, जिसमें उन्होंने लगभग 200 आमंत्रित छात्रों, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, वन्यजीव संरक्षणवादियों और आम जनता को मिशन लाइफ पर संबोधित किया। इस अवसर पर कला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

मिशन लाइफ़ पर जन जागरण के लिए भारतीय प्राणी सर्वेक्षण का रिक्रिएशन क्लब 23.05.2023 से भारतीय प्राणी सर्वेक्षण, कोलकाता में “स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं” सप्ताह का आयोजन कर रहा है। इस सिलसिले में 23 मई 2023 को डॉ. धृति बनर्जी, निदेशक, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा पहले “रक्तदान शिविर” कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया, जिसमें लगभग 40 कर्मचारियों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया।