जी20 की दूसरी संस्कृति समूह की बैठक के लिए प्रतिनिधि ओडिशा पहुंचे; पुरी में ‘कल्चर यूनाइट्स ऑल’ रेत कला प्रदर्शनी का अवलोकन किया
जी 20 सदस्यों, अतिथि राष्ट्रों और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि आज दूसरी जी20 संस्कृति कार्य समूह (सीडब्ल्यूजी) की बैठक के लिए ओडिशा के भुवनेश्वर पहुंचे। इस बैठक का उद्देश्य फरवरी में खजुराहो में आयोजित की गई पहली सीडब्ल्यूजी बैठक और सीडब्ल्यूजी के विशेषज्ञ-संचालित वैश्विक विषयगत वेबिनार के चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों- सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और बहाली; सतत भविष्य के लिए सजीव विरासत का उपयोग; सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों एवं रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना; और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करने से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श करना है।
केन्द्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज भुवनेश्वर में संवाददाताओं से भेंट करते हुए भारत की जी20 अध्यक्षता की “वसुधैव कुटुम्बकम” और एलआईएफई- पर्यावरण के लिए जीवन शैली की अनूठी थीम की जानकारी दी। श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि यह विश्व को एक परिवार के रूप में रहने की अवधारणा पर ज़ोर देती है और व्यक्तिगत जीवन शैली एवं राष्ट्रीय विकास दोनों स्तर पर पर्यावरणीय स्थिरता और जिम्मेदार विकल्पों का लक्ष्य रखती है।
बैठक के एजेंडे के विषय में चर्चा करते हुए, मंत्री महोदय ने बताया कि संस्कृति कार्य समूह के चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों- सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और पुनर्स्थापन, सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों एवं रचनात्मक अर्थव्यवस्था के एक सतत भविष्य के प्रचार के लिए जीवित विरासत का दोहन और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने पर सत्रों का आयोजन होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम, संयुक्त विरासत संरक्षण परियोजनाओं और अंतर-सांस्कृतिक संवाद जैसी सहयोगी पहलों पर भी चर्चा होगी जो हमारे संबंधों को मजबूत कर सकती हैं और अधिक स्वीकार्य एवं परस्पर जुड़े समुदायों का निर्माण कर सकती हैं।”
संवावदाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सांस्कृतिक संपदा का पुनर्स्थापन तेजी से किया गया है।
उन्होंने कहा कि ‘सतत भविष्य’ पर चर्चा इस बात पर केंद्रित होगी कि हमारी अगली पीढ़ी को विरासत में क्या मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि सांस्कृतिक स्थलों को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिए और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए ऐसे स्थलों पर पर्यटन को विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे स्थलों पर प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जाएगा।
संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव और जी20 सीडब्ल्यूजी की सह-अध्यक्ष श्रीमती लिली पाण्डेय ने हमारे राष्ट्रों को एकजुट करने वाली सहयोगात्मक शक्ति पर चर्चा की जिसका दोहन करने के लिए जी20 सदस्य, अतिथि राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय संगठन इसको धारण करने के साथ-साथ वैश्विक एकजुटता की भावना को प्रोत्साहित करते हैं।
पुरी समुद्र तट पर पद्म श्री सुदर्शन पटनायक द्वारा एक उत्कृष्ट रेत कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा ‘कल्चर यूनाइट्स ऑल’ अर्थात ‘संस्कृति सभी को एकजुट करती है’ विषय पर बनाई गई रेत कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया।
भारत में रेत कला के अग्रणी के रूप में श्रेय प्राप्त, श्री सुदर्शन पटनायक को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। उनके रेत कला प्रतिष्ठान विश्व प्रसिद्ध हैं और उन्होंने वैश्विक स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। रेत कला एक अनूठी सार्वजनिक कला है जिसका दुनिया भर में विशेष रूप से रेगिस्तान, समुद्र तटों और नदी के किनारों की बहुतायत वाले स्थलों में व्यापक सांस्कृतिक महत्व है। दुनिया के कई हिस्सों में, रेत कला कहानी की अभिव्यक्ति का एक लोकप्रिय माध्यम है, जिसका उपयोग पौराणिक और धार्मिक आख्यानों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
भारत के जी20 सांस्कृतिक कार्यकारी समूह ने विविध संस्कृतियों और समुदायों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के महत्व पर जोर देते हुए ‘कल्चर यूनाइट्स ऑल’ अभियान का शुभारंभ किया। ‘संस्कृति सभी को जोड़ती है’ विषयवस्तु यह स्वीकार करती है कि यद्यपि सांस्कृतिक परंपराएं और प्रथाएं महत्वपूर्ण रूप से भिन्न हो सकती हैं परन्तु वे अक्सर समान मूल्यों और विश्वासों को साझा करती हैं। संस्कृति सीमाओं को पार कर सकती है, संबंधों को बढ़ावा दे सकती है और लोगों, समाजों और राष्ट्रों के बीच सभी रूपों में प्रामाणिक वार्तालाप और समझ को प्रोत्साहित कर सकती है।
प्रतिनिधियों के लिए शंख बदन, जनजातीय नृत्य (सिंगारी), ओडिसी नृत्य, गोटीपुआ और संबलपुरी नृत्य सहित कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां की गईं। ये प्रदर्शन ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रकट करते हैं और पारंपरिक कला रूपों के संरक्षण के महत्व को भी रेखांकित करते हैं।
दूसरी जी20 सांस्कृतिक कार्यकारी समूह की बैठक के चर्चा सत्रों का कल से शुभारंभ हो रहा हैं। यह बैठक जी 20 सदस्यों, अतिथि राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को सांस्कृतिक कार्यकारी समूह द्वारा उल्लिखित 4 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर अपने-अपने वक्तव्य देने के लिए एक मंच पर लाती है। गहन चर्चा और सहयोग के माध्यम से, समूह का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण सांस्कृतिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए कार्रवाई योग्य सिफारिशें देना है।
‘सस्टेन: द क्राफ्ट इडियॉम’- ‘हार्नेसिंग लिविंग हेरिटेज फॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर’ नामक प्रदर्शनी का कल ओडिशा के भुवनेश्वर में कला भूमि- ओडिशा शिल्प संग्रहालय में उद्घाटन किया जाएगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक करेंगे।
प्रदर्शनी का उद्देश्य मानव जाति और प्रकृति के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के बारे में आगंतुकों, पेशेवरों और नीति निर्माताओं के बीच जागरूकता जगाना है।
प्रदर्शनी 16 से 22 मई, 2023 तक जनता के लिए खुली रहेगी। इसके अलावा, प्रतिनिधियों को शिल्प चिकित्सकों द्वारा मास्टर क्लास, पारंपरिक कला में शामिल होने और एक निर्देशित संग्रहालय की यात्रा करने का भी अवसर मिलेगा।
दूसरी संस्कृति कार्य समूह की बैठक के सत्रों और द्विपक्षीय बैठकों के साथ, जी 20 प्रतिनिधि ओडिशा के ऐतिहासिक विरासत स्मारकों जैसे कि कोणार्क में सूर्य मंदिर, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, भुवनेश्वर में उदयगिरि गुफाओं का भी दौरा करेंगे।
प्रतिनिधि शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद उठाएगें जो ओडिशा राज्य की विविध और अनूठी विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
भुवनेश्वर में अगले 2 दिनों तक चर्चा के बाद, तीसरी सीडब्ल्यूजी बैठक 15-18 जुलाई 2023 को हम्पी में आयोजित की जाएगी और संस्कृति मंत्रियों की बैठक अगस्त 2023 के अंत से वाराणसी में की जाएगी।