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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह 2023 का दिल्ली में समापन; समापन समारोह के अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही”

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह 2023 का दिल्ली में समापन; समापन समारोह के अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही”
  • PublishedMay 15, 2023

देश की तकनीकी प्रगति उत्सव मनाने के लिए हर वर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन किया जाता है। 1998 में आज ही के दिन भारत ने ‘ऑपरेशन शक्ति’ और ‘हंसा 3 परीक्षण’ की गौरवशाली उपलब्धि प्राप्त की थी। इस वर्ष के लिए, इन ऐतिहासिक घटनाओं की 25 वीं वर्षगांठ के इस महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करने के लिए, 12 मंत्रालयों/विभागों के साथ-साथ प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी)/अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम)नीति आयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन – रक्षा मंत्रालय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), जैव प्रौद्योगिकी विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और उद्योग और आंतरिक व्यापार सम्वर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अटल इनोवेशन मिशन ( एआईएम ) पर प्राथमिक ध्यान देने के अतिरिक्त जीवनचक्र के विभिन्न क्षेत्रों में ‘स्कूल टू स्टार्टअप- इग्नाइटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट’ के केंद्रीय विषय के साथ–साथ जीवनचक्र के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार के अंतर्गत ‘स्कूल टू स्टार्टअप- इग्नाइटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट’ के विचार पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह, 2023 का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। कार्यक्रम की विषयवस्तु ‘स्कूल से स्टार्ट-अप-युवा मस्तिष्क को नवाचार के लिए प्रज्वलित करना’ की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का भविष्य आज के युवाओं और बच्चों द्वारा निर्धारित किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि आज के बच्चों और युवाओं का उत्साह, ऊर्जा और क्षमताएं भारत की बड़ी ताकत हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को उद्धृत करते हुए, प्रधानमंत्री ने ज्ञान के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि भारत एक ज्ञान समाज के रूप में विकसित हो रहा है और यह समान बल के साथ काम कर रहा है। उन्होंने उस मजबूत नींव के बारे में विस्तार से बताया जो पिछले नौ वर्षों के दौरान देश में युवा मस्तिष्क को प्रज्वलित करने के लिए बनाई गई है।

उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि 700 जिलों में 10 हजार से अधिक अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं नवाचार की नर्सरी बन गई हैं। विशेष बात यह है कि इनमें से 60 प्रतिशत प्रयोगशालाएँ सरकारी और ग्रामीण स्कूलों में हैं। उन्होंने बताया कि अटल टिंकरिंग लैब में 12 लाख से अधिक नवाचार परियोजनाओं पर 75 लाख से अधिक छात्र मेहनत से काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, यह युवा वैज्ञानिकों के स्कूलों से बाहर आने और देश के कोने-कोने तक पहुंचने का संकेत है, साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब यह हर किसी का कर्तव्य है कि वह उन्हें संभाले, उनकी प्रतिभा को निखारे और उनके विचारों को लागू करने में उनकी सहायता करे। उन्होंने अटल इनोवेशन सेंटर्स (एआईसी) में इनक्यूबेट किए गए सैकड़ों स्टार्ट-अप्स का उल्लेख किया और कहा कि यह ‘न्यू इंडिया’ की नई प्रयोगशालाओं के रूप में उभर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के टिंकर-उद्यमी जल्द ही दुनिया के अग्रणी उद्यमी बन जाएंगे।”

माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान ने देश के विभिन्न हिस्सों से 5000 से अधिक युवा प्रतिभाओं, 1500 आगंतुकों, 800 प्रदर्शकों, 200+ छात्र प्रदर्शकों और 100+ स्टार्टअप्स को एक साथ लाने के लिए सही दिशा निर्धारित की। इस कार्यक्रम में छात्रों पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा 10+ तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए। इन विशेष सत्रों में तकनीकी उद्यमियों को उद्यमी बनने का विचार दिया गया।

सप्ताह के दौरान प्रदर्शनीकी प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं डॉआल्वे, जिन्हें गीतांजलि क्षेत्री, स्नेहा कुमारी और अनुष्का राय ने प्रदर्शित किया। यह उपकरण सड़क पर अप्रत्याशित मोड़ और पैदल चलने वालों के साथ पहाड़ी सड़कों पर ड्राइवरों की सहायता के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करता है। इसके अतिरिक्त, यह डिवाइस दुर्घटनाओं का पता लगाने और सेकंड के भीतर परिवार के सदस्यों को एसओएस संदेश भेजने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करता है, जिससे तत्काल चिकित्सा सहायता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

मोहित तायड़े, तरुण मैत्री, मोहनीश कुमार ध्रुव द्वारा प्रदर्शित अटल दिव्यांग रैट : यह उत्पाद विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों को कुर्सी-सह-वाहन (चेयर-कम- वेहिकल) के माध्यम से बिना किसी बाधा के शौचालय का उपयोग करने में सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस उत्पाद को कई साक्षात्कारों और छात्रों एवं विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों के माता-पिता के साथ बातचीत के बाद विकसित किया गया था ताकि वे बिना किसी हिचकिचाहट के वॉशरूम का उपयोग कर सकें ।

एसएस पीएल-डीआरडीओ ने डॉ. फहीम और डॉ. सीता राम द्वारा विकसित ‘अंडरवाटर वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन यूजिंग ब्लू-ग्रीन लेजर’ तकनीक का प्रदर्शन किया, डीबीटी–आईएनएसटीईएम के डॉ. प्रवीण कुमार वेमुला ने नोवेल ब्लड बैंक और कीटाणु रोधी (एंटी-पेस्टीसाइड) प्रोटेक्शन सूट का प्रदर्शन किया, और मैसर्स पैनेसिया चिकित्सा प्रौद्योगिकी प्रा. लिमिटेड, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के एक लाभार्थी, डीएसटी ने स्वदेशी रूप से निर्मित एसबीआरटी सक्षम रैखिक त्वरक (लिनैक) (सिद्धार्थ II) प्रदर्शित किया।

इस 04 दिवसीय कार्यक्रम का समापन आज 14 मई, 2023 को हुआ। समापन समारोह में भाग लेने वाले मंत्रालयों के सचिव और टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम के हितधारक डॉ. जितेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही । हमारे देश की तकनीकी प्रगति को चलाने वाले नवाचार और उद्यमिता की भावना का उत्सव मनाने का एक शानदार अवसर प्रदान करते हुए, यह आयोजन एक सकारात्मक बिंदु पर समाप्त हुआ। इसने ऐसे अत्याधुनिक तकनीकों, नवोन्मेषी समाधानों का प्रदर्शन किया जिनमें विभिन्न क्षेत्रों को बदलने और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की क्षमता है।