विद्युत मंत्रालय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मिलकर डीकार्बोनाइजेशन के लिए कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना विकसित करेंगे
भारत सरकार भारतीय कार्बन बाजार (आईसीएम) विकसित करने की योजना बना रही है जहां कार्बन क्रेडिट सर्टिफिकेट्स के व्यापार के माध्यम से ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन का मूल्य निर्धारण करके भारतीय अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइज करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय ढांचा स्थापित किया जाएगा। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, विद्युत मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय साथ मिलकर इस उद्देश्य के लिए कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना विकसित कर रहे हैं। मान्यता प्राप्त एनर्जी ऑडिटर्स, कार्बन/ऊर्जा वैरिफारर्स, क्षेत्र के विशेषज्ञों सहित प्रमुख हितधारकों से प्रतिभागियों के साथ आज नई दिल्ली में ‘आईसीएम के तहत मान्यता प्राप्त कार्बन वैरिफारर्स पर हितधारक परामर्श’ का आयोजन किया गया।
भारत सरकार भारतीय कार्बन बाजार (आईसीएम) विकसित करने की योजना बना रही है जहां कार्बन क्रेडिट सर्टिफिकेट्स के व्यापार के माध्यम से ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन का मूल्य निर्धारण करके भारतीय अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइज करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय ढांचा स्थापित किया जाएगा। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, विद्युत मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय साथ मिलकर इस उद्देश्य के लिए कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना विकसित कर रहे हैं। मान्यता प्राप्त एनर्जी ऑडिटर्स, कार्बन/ऊर्जा वैरिफारर्स, क्षेत्र के विशेषज्ञों सहित प्रमुख हितधारकों से प्रतिभागियों के साथ आज नई दिल्ली में ‘आईसीएम के तहत मान्यता प्राप्त कार्बन वैरिफारर्स पर हितधारक परामर्श’ का आयोजन किया गया।