भारत

भूपेंद्र यादव ने पांच राज्यों में अरावली पर्वत श्रृंखला के आसपास के 5 किमी के बफर क्षेत्र को हरित बनाने की एक बड़ी पहल के रूप में अरावली ग्रीन वाल परियोजना का शुभारम्भ किया

भूपेंद्र यादव ने पांच राज्यों में अरावली पर्वत श्रृंखला के आसपास के 5 किमी के बफर क्षेत्र को हरित बनाने की एक बड़ी पहल के रूप में अरावली ग्रीन वाल परियोजना का शुभारम्भ किया
  • PublishedMarch 25, 2023

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध, जल संरक्षण प्रयासों और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से अरावली को पुनर्जीवित करने के लिए आगे बढ़ रहा है। श्री यादव ने आज हरियाणा के टिकली गांव में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इस पहल का उद्देश्य पांच राज्यों में फैली अरावली पर्वत श्रंखला के लगभग 5 किमी के बफर क्षेत्र को हरित बनाना है। कार्यक्रम के दौरान, श्री यादव ने वानिकी के माध्यम से मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण का मुकाबला करने के लिए एक कार्ययोजना और भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद द्वारा कृषि वानिकी पर प्रकाशित एफएक्यू का अनावरण किया। केंद्रीय मंत्री ने एक पौधारोपण अभियान में भी भाग लिया।

इस अवसर पर, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट के तहत वनरोपण, पुनः वनीकरण और जल स्रोतों की बहाली के माध्यम से न सिर्फ अरावली के हरित क्षेत्र और जैव विविधता में बढ़ोतरी होगी, बल्कि क्षेत्र की मिट्टी की उर्वरता, पानी की उपलब्धता और जलवायु में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर, आय सृजन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करके लाभान्वित करेगी। उन्होंने परियोजना को लागू करने में सहयोग और समर्थन के लिए हरियाणा वन विभाग और अन्य हितधारकों के प्रयासों की सराहना की और साथ ही, 2030 तक अतिरिक्त 2.5 बिलियन टन कार्बन सिंक के राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल स्रोतों के कायाकल्प और स्थानीय धाराओं के जलग्रहण से समग्र मिट्टी की नमी, उत्पादकता और सूखे कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने रेस्टोरेशन, सामाजिक-आर्थिक कारकों और विकास गतिविधियों के बीच तालमेल विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डाला, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संरक्षण और विकास दोनों को हासिल किया जा सकता है।

इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में, हरियाणा के वन एवं वन्यजीव मंत्री श्री कंवर पाल गुर्जर ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के उद्देश्य से वनरोपण और पतित वनों की बहाली के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राज्य के हरित क्षेत्र को बढ़ाने और इसके वन्य जीवन की रक्षा के लिए वन विभाग की ओर से चलाए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने विशेष रूप से हरियाणा के संदर्भ में अरावली परिदृश्य की बहाली के लिए भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की। इस कार्यक्रम में भारत सरकार और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।