भारत ने कहा कि तीन दिवसीय जी20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह की बैठक में संपत्ति वसूली, भगोड़े आर्थिक अपराधियों, सूचना साझा करने, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संस्थागत ढांचे और कानूनी सहायता से संबंधित कई प्रमुख क्षेत्रों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया
जी20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की पहली बैठक का उद्घाटन 1 मार्च को केंद्रीय कार्मिक एवं पीएमओ राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया था, जो आज गुरुग्राम में संपन्न हो गई। अतिरिक्त सचिव, डीओपीटी और अध्यक्ष, जी20 एसीडब्ल्यूजी श्री राहुल सिंह ने श्री जियोवन्नी ततागलिया पोलिसिनी, टास्क फोर्स के प्रमुख, सह-अध्यक्ष, जी20 एसीडब्ल्यूजी, इटली ने एसीडब्ल्यूजी बैठक के बाद मीडिया को संबोधित किया।
श्री राहुल सिंह ने बताया कि पिछले तीन दिनों में संपत्ति वसूली, भगोड़े आर्थिक अपराधियों, सूचना साझा करने के लिए औपचारिक एवं अनौपचारिक चैनलों से सहयोग, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संस्थागत ढांचे और पारस्परिक कानूनी सहायता आदि से संबंधित कई प्रमुख क्षेत्रों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। इसमें यूएनओडीसी, ओईसीडी, एग्मोंट ग्रुप, इंटरपोल और आईएमएफ के विशेषज्ञों और देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और प्रस्तुतियां दी गईं। एसीडब्ल्यूजी की बैठक को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक श्री गिरीश चंद्र मुर्मू, भारत के केंद्रीय सतर्कता आयुक्त श्री प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष श्री नितिन गुप्ता, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक श्री संजय कुमार मिश्रा, सीबीआई के निदेशक श्री सुबोध कुमार जायसवाल समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने संबोधित किया।
श्री राहुल सिंह ने आगे बताया कि विचार-विमर्श के दौरान प्रतिनिधियों का यह प्रयास रहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान एसीडब्ल्यूजी के एजेंडे में शामिल उच्चस्तरीय सिद्धातों के मसौदे पर आम सहमति बनाई जा सके। उन्होंने बताया कि चर्चा के दौरान भ्रष्टाचार और संबंधित आर्थिक अपराध के लिए सूचना साझा करने पर उच्चस्तरीय सिद्धातों, ऐसे मामलों में संपत्ति की वसूली के तंत्र को मजबूत करने, भ्रष्टाचार और संबंधित आर्थिक अपराध के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून प्रवर्तन सहयोग को मजबूत करने और भ्रष्टाचार को रोकने/मुकाबला करने के लिए जिम्मेदार सरकारी संस्थानों की ईमानदारी और प्रभावशीलता को बढ़ाने और सुधार को लेकर काफी प्रगति हुई।
उन्होंने आगे बताया कि एसीडब्ल्यूजी के पहले दिन सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आईसीटी का लाभ उठाने को लेकर एक अलग कार्यक्रम आयोजित किया गया था, यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें जीईएम पोर्टल और डीबीटी जैसी भारत की पहलों को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। कार्यक्रम के दौरान भारत के प्रमुख विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे भारत ने सार्वजनिक सेवा वितरण में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आईसीटी की ताकत को अपनाया है।
श्री राहुल सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि गुरुग्राम में हमारे साथ रहने के दौरान प्रतिनिधियों को भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत और व्यंजनों का स्वाद देने के हरसंभव प्रयास किए गए। उन्होंने कहा कि भारत एसीडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक के लिए 25 से 27 मई तक ऋषिकेश में और एसीडब्ल्यूजी की तीसरी बैठक के लिए 9 से 11 अगस्त तक कोलकाता में फिर से प्रतिनिधियों की मेजबानी करने के लिए उत्सुक है। भ्रष्टाचार और संबंधित आर्थिक अपराध के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए संपत्ति वसूली एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने को लेकर भारत, पहली आमने सामने की भ्रष्टाचार विरोधी मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी करेगा।
मीडिया को संबोधित करते हुए श्री जियोवन्नी ततागलिया पोलिसिनी ने जी20 एसीडब्ल्यूजी में भारत के एजेंडे के लिए इटली के पुरजोर समर्थन को दोहराया। उन्होंने गुरुग्राम में पहले जी20 एसीडब्ल्यूजी के आयोजन के लिए भारत के प्रयासों की प्रशंसा की। भ्रष्टाचार के बदलते स्वरूप के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी ढंग से लड़ने के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण के तहत नागरिक समाज और व्यापारिक समुदाय के साथ जुड़ने की जरूरत है।
जी20 एसीडब्ल्यूजी की पहली बैठक में 20 सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों और 9 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 90 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जो वास्तव में भ्रष्टाचार विरोधी पहलों में अंतरराष्ट्रीय अनुभवों का समूह है। भारत ने जी20 एसीडब्ल्यूजी के सह-अध्यक्ष के रूप में इटली की प्रशंसा की और आभार व्यक्त किया।