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केंद्रीय विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने हरित ऊर्जा खुली पहुंच पोर्टल को शुरू किया

केंद्रीय विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने हरित ऊर्जा खुली पहुंच पोर्टल को शुरू किया
  • PublishedNovember 12, 2022

भार सीमा 1000 किलोवाट से घटाकर 100 किलोवाट करने के साथ किसी भी उपभोक्ता को हरित ऊर्जा खुली पहुंच की अनुमति प्रदान की गई है
यह पोर्टल उपभोक्ताओं को पारदर्शी, सरलीकृत, एकसमान और सुव्यवस्थित प्रक्रिया के जरिए आसानी से हरित ऊर्जा प्राप्त करने की अनुमति देगा
उपभोक्ताओं को हरित ऊर्जा की प्राप्ति से लाभ होगा। उपभोक्ता को समयबद्ध तरीके से 15 दिनों के भीतर हरित ऊर्जा ओपन एक्सेस की स्वीकृति प्रदान की जाएगी

केंद्रीय विद्युत व नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर. के. सिंह ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की कई पहलों की निरंतरता को जारी रखते हुए आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरित ऊर्जा खुली पहुंच पोर्टल की शुरुआत की। इस अवसर पर विद्युत राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल भी उपस्थित थे। इनके अलावा इस कार्यक्रम में सचिव (विद्युत), पोसोको के अध्यक्ष, सीईए व सीएमडी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। वहीं, इसमें राज्यों, नियामक आयोगों, नवीकरणीय ऊर्जा डेवलपर्स और अन्य हितधारकों की ओर से लगभग 500 प्रतिभागी शामिल हुए।

100 किलोवाट या उससे अधिक के कनेक्टेड भार वाला कोई भी उपभोक्ता अपने या किसी डेवलर्स की ओर से स्थापित किसी भी ऊर्जा उत्पादन संयंत्र से खुली पहुंच के जरिए नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त कर सकता है। यह खुली पहुंच 15 दिनों के भीतर देनी होगी। इस पोर्टल पर ओपन एक्सेस के लिए आवेदन किया जा सकता है।

हितधारकों की ओर से हरित ऊर्जा खुली पहुंच से संबंधित आवेदनों की प्रक्रिया पूरी करने के लिए पोर्टल https://greenopenaccess.in/ का उपयोग किया जा सकता है। इन हितधारों में खुली पहुंच प्रतिभागी, व्यापारी, पावर एक्सचेंज, राष्ट्रीय/क्षेत्रीय/राज्य भार प्रेषण केंद्र, केंद्र/राज्य ट्रांसमिशन उपयोगिता (यूटिलिटीज) शामिल हैं। यह पोर्टल हरित ऊर्जा के लिए खुली पहुंच प्रदान करने को लेकर एक पारदर्शी, सरलीकृत, एकसमान और सुव्यवस्थित प्रक्रिया प्रदान करता है। यह विद्युत बाजारों को अधिक सुविधायुक्त बनाने और ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) संसाधनों के एकीकरण को सक्षम करने में महत्वपूर्ण होगा।

इससे पहले विद्युत मंत्रालय ने 6 जून, 2022 को विद्युत (हरित ऊर्जा खुली पहुंच के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना) नियम- 2022 को अधिसूचित किया था। इन नियमों का उद्देश्य अपशिष्ट से विद्युत संयंत्रों से बिजली सहित हरित ऊर्जा के उत्पादन, खरीद और खपत को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय मंत्री श्री आर. के. सिंह ने इस अवसर पर स्वच्छ ऊर्जा में रूपांतरण के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने उल्लेख किया कि विश्व की जनसंख्या का लगभग 17 फीसदी हिस्सा होने के बावजूद वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में भारत का योगदान केवल 3.5 फीसदी है। श्री सिंह ने आगे बताया कि वैश्विक स्तर पर भारत स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण का नेतृत्व कर रहा है और नवीकरणीय क्षमता में सबसे तेजी से बढ़ोतरी कर रहा है। विद्युत मंत्रालय ने इस संबंध में कई पहल की हैं और कई अन्य उन्नत चरणों में हैं। उन्होंने सुधार प्रक्रिया के कार्यान्वयन में सुगमता के महत्व पर जोर दिया।

विद्युत राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल ने उल्लेख किया कि हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियमों का उद्देश्य आरपीओ की पूर्ति के लिए हरित ऊर्जा उत्पादन, बिक्री व खरीद और खपत तक पहुंच प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि इन नियमों से अधिकतर छोटे उपभोक्ताओं को लाभ होगा और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए खुली पहुंच के कार्यान्वयन में आने वाली बाधाओं को दूर करेगा।

विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री आलोक कुमार ने भविष्य में हरित और स्वच्छ ऊर्जा संसाधनों के साथ ऊर्जा सुरक्षा की जरूरत का उल्लेख किया। भारत स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से अपनी जरूरतों का 50 फीसदी हिस्सा प्राप्त करने की क्षमता के एनडीसी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और हरित ऊर्जा संक्रमण में एक जन क्रांति की शुरुआत करने के मुहाने पर है। हरित ऊर्जा खुली पहुंच नियम सभी विद्युत उत्पादकों, डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियां) और अन्य हितधारकों की भागीदारी के साथ स्वच्छ ऊर्जा में रूपांतरण के भारत की सोच का समर्थन करते हैं। उन्होंने नवीकरणीय एकीकरण, कार्बन बाजार, सुचारू व संगत बंधित खपत और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए बैंकिंग के संबंध में एकीकृत ट्रांसमिशन योजना जैसे कई सुधारों व कार्यों का उल्लेख किया।

नोडल एजेंसियां इस पोर्टल के माध्यम से हितधारकों के लिए हरित ऊर्जा की खुली पहुंच से संबंधित प्रगति रिपोर्ट जारी करेगी। हरित ऊर्जा खुली पहुंच की स्वीकृति 15 दिनों में प्रदान की जाएगी। ऐसा न होने पर इसे पोर्टल के माध्यम से तकनीकी जरूरतों की पूर्ति के अधीन स्वीकृति प्रदान किया गया माना जाएगा।

इस कदम का उद्देश्य सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और हरित ऊर्जा सुनिश्चित करना है। उपभोक्ता अब सुगमता से नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।