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उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग में विशेष अभियान 2.0 सफलतापूर्वक आयोजित

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग में विशेष अभियान 2.0 सफलतापूर्वक आयोजित
  • PublishedNovember 1, 2022

विशेष अभियान 2.0 के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और इसके 18 संगठनों ने 2 से 31 अक्टूबर, 2022 तक 95 चिन्हित जगहों पर इस अभियान का सफलतापूर्वक संचालन किया। डीपीआईआईटी के लिए नोडल अधिकारी के नेतृत्‍व में गठित समन्वय समिति की देखरेख में इस अभियान को आगे बढ़ाया गया। उद्योग भवन और वाणिज्‍य भवन में इस अभियान के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए गठित स्वच्छता समिति द्वारा सुविधा प्रदान की गई।

विभाग ने पीएमओ संदर्भों, वीआईपी संदर्भों, डीओ पत्रों, पीजी आदि की निगरानी के लिए एक समर्पित डैशबोर्ड स्थापित किया है और इससे विशेष अभियान 2.0. के कार्यान्वयन चरण के दौरान लंबित मामलों को निपटाने की सुविधा मिली है। कार्यान्वयन के पिछले 30 दिनों में 44 में से 37 लोक शिकायतों, 16 में से 9 पीएमओ संदर्भों का सफलतापूर्वक निराकरण/ निपटान किया गया है। अभिलेख प्रबंधन के मामले में 5.42 लाख से अधिक फाइलों की समीक्षा कर 1,63,997 फाइलों को निपटाया गया। इसी प्रकार, 46,616 ई-फाइलों की समीक्षा की गई और 3,559 ई-फाइलों को बंद कर दिया गया।

प्रारंभिक एवं कार्यान्वयन चरण के दौरान विभाग ने अधिकारियों को संवेदनशील बनाने और उनकी कार्य योजना को समझने के उद्देश्य से अपने संगठन के जमीनी स्तर के अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं। संगठनों के प्रयासों को गति देने के लिए विभाग ने अवर सचिव और अनुभाग अधिकारी के स्तर पर 49 अधिकारियों को 75 अभियान स्थलों का दौरा करने और अभियान की प्रगति रिपोर्ट देने के लिए तैनात किया था। अब तक 41 अभियान स्‍थलों से रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। अभियान दल के साथ डीपीआईआईटी के अधिकारियों की चर्चा और प्रस्तुत रिपोर्ट एवं तस्वीरों से पता चलता है कि सभी कार्यालयों ने पूरे दिल से इस अभियान में भाग लिया है और इसे सफल बनाया। इस अभियान ने कार्यस्थलों पर स्वच्छता की भूमिका और कार्य कुशलता में आईसीटी की भूमिका को समझने के लिए एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर कार्य किया। कुल मिलाकर इसने परिसरों को स्वच्छ एवं हरा-भरा रखने के लिए एक स्थायी ढांचा तैयार करने की सुविधा प्रदान की है। इन संगठनों द्वारा कार्यस्थल और कार्यालय प्रथाओं दोनों में सुधार लाने के लिए कई सराहनीय प्रथाओं को अपनाया गया था।

इंडियन रबर मैन्युफैक्चरर्स रिसर्च एसोसिएशन (आईआरएमआरए)

ग्राहकों को प्रभावी सेवा देने के लिए वन पॉइंट संचार केंद्र (ग्राहक सेवा केंद्र) स्थापित किया गया है
लंबी सेवा अवधि के लिए उन कर्मचारियों को पुरस्कार दिए जा रहे हैं जो संगठन में 15 से अधिक वर्षों से कार्यरत हैं। कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपस्थिति पुरस्कार भी दिया जा रहा है

 

 

हर महीने सर्वश्रेष्ठ माली और हाउसकीपिंग स्टाफ को पुरस्कार।
उद्यानों के रख-रखाव/ विकास के लिए बागवानों को क्षेत्र का स्वामित्व।
घूम-घूम कर प्रबंधन – शीर्ष प्रबंधन हर दिन सुबह किसी भी अनुभाग में जाता है और वहां डिजिटलीकरण, स्वच्छता की स्थिति आदि की निगरानी करता है।
कर्मचारियों के नवोन्‍मेषी विचारों के लिए सुझाव पेटी।
परिसर में गीले कचरे और सूखे कचरे को डिब्बों में अलग करना।
पूरे परिसर में स्वच्छता जागरूकता पोस्टर लगाना।
विशेष अभियान के परिणामस्वरूप संगठन में रिकॉर्ड रिटेंशन शेड्यूल तैयार हुआ है।
इस अभियान ने उचित फाइल प्रबंधन में मदद की है। इस के अलावा इस अभियान ने डिजिटलीकरण के कारण महत्वपूर्ण दस्तावेजों/ फाइलों का पता लगाने की बेहतर क्षमता, अनावश्यक कागजों को हटाने, स्क्रैप निपटान की पहल करने और स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद की है।

 

पीईएसओ, भोपाल

सभी मामलों का 21 दिनों के भीतर निपटारा

पीईएसओ, गुवाहाटी

21 दिनों की समय सीमा के भीतर आवेदनों का ऑनलाइन निपटान

सीजीपीडीटीएम, नागपुर

सीजीपीडीटीएम, नागपुर ने अवकाश के दौरान प्रदर्शनी और इनोवेशन गैलरी के लिए भवन के बेसमेंट का उपयोग किया है। इस पहल का उद्देश्य प्रशिक्षुओं/ स्कूली बच्चों के बीच नए नवाचार/ पेटेंट की खोज की भावना पैदा करना है।

पेटेंट कार्यालय, चेन्नई

(i) बौद्धिक संपदा से संबंधित‍ शिकायतों के निपटान के लिए एक इंटरफेस मॉड्यूल बनाया गया है और यह वेबसाइट के जरिये परिचालन में है।

(ii) ऑफलाइन आवेदनों को शुरुआत में ही ऑनलाइन में तब्‍दील करने के लिए हेल्पडेस्क के जरिये प्रयास किए जा रहे हैं।

 

पीईएसओ, चेन्नई

ऑटो इनवार्ड और कागज रहित आवेदन लागू किया जा रहा है। अन्य पहलों में ई-निवेश की दैनिक निगरानी और लंबित मामलों के लिए डैशबोर्ड शामिल हैं।

विभाग का मानना है कि विशेष अभियान 1.0 और 2.0 को आकार देने में मंत्रालयों/ विभागों, विशेष रूप से डीएआरपीजी के हस्तक्षेप से भारत सरकार के कार्य बल को स्वच्छता के बारे में शिक्षित करने, सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणालियों के बारे में जनता की राय तैयार करने और महात्मा गांधी के सपने ‘स्वच्छता भक्ति से बढ़कर है’ को साकार करने में मदद मिलेगी।