पीने योग्य साफ़ पानी की सप्लाई पंजाब सरकार की मुख्य प्राथमिकता – जिम्पा
-जल सप्लाई और सेनिटेशन मंत्री द्वारा विश्व बैंक की टीम के साथ अहम मीटिंग
चंडीगढ़, 20 अक्तूबरः-मुख्यमंत्री भगवंत मान के गतिशील नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों को पीने योग्य साफ़ पानी और सेनिटेशन सहूलतें मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है। इस मकसद की पूर्ति के लिए जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग की तरफ से व्यापक यत्न किये जा रहे हैं।
राज्य में जल सप्लाई प्रोजेक्टों को तेज़ी से लागू करने के यत्नों को जारी रखते हुये जल सप्लाई और सेनिटेशन मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने विश्व बैंक की टीम और विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता की। मीटिंग में उन्होंने जल सप्लाई और सेनिटेशन सम्बन्धी प्रोजेक्टों को लागू करने में तेज़ी लाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिससे उपभोक्ताओं को किफ़ायती दरों पर बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें।
विश्व बैंक की टीम ने मंत्री को विश्व बैंक की तरफ से दिए जाने वाले सहयोग और वित्तीय सहायता के बारे जानकारी दी। टीम ने बताया कि जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग और विश्व बैंक ने सांझे तौर पर व्यापक यत्न किये हैं जिसके परिणामस्वरूप् ग्रामीण लोगों को पीने योग्य पानी उनकी ड्योढ़ी पर उपलब्ध करवा के ज़िंदगी में सकारात्मक तबदीली लाई है।
जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग के प्रमुख सचिव डी. के. तिवारी ने मंत्री को अवगत करवाया कि विभाग ने विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से मोगा में 218 करोड़ रुपए की लागत के साथ एक बड़ा सरफेस वाटर सप्लाई प्रोजैक्ट शुरू किया है जो मोगा जिले के 85 गाँवों के करीब 3. 54 लाख निवासियों को पीने योग्य साफ़ पानी मुहैया करवा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग की तरफ से अमृतसर, गुरदासपुर, तरन तारन, फ़िरोज़पुर, फाजिल्का, होशियारपुर, पटियाला, रोपड़ और फतेहगढ़ साहिब जिलों में ऐसे 15 और प्रोजैक्ट भी जल्द लागू किये जा रहे हैं। इनमें से 5 प्रोजैक्टों के लिए विश्व बैंक की तरफ से और 10 प्रोजैक्टों के लिए नाबार्ड की तरफ से सहायता दी गई है। इन प्रोजैक्टों की कुल लागत 1700 करोड़ रुपए है। इन प्रोजैक्टों के साथ 24.42 लाख लोगों को पीने योग्य साफ़ पानी मुहैया करवाया जायेगा।
जिम्पा ने निर्देश दिए कि इन प्रोजैक्टों को समयबद्ध ढंग से कार्यशील किया जाये और लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी करवाई जाये। जल सप्लाई मंत्री ने यह भी हिदायत की कि विभाग को संचालन और रख-रखाव के लिए अन्य राज्यों की तरफ से अपनाये गये बढ़िया अभ्यासों का अध्ययन करना चाहिए और इनको पंजाब में अपनाया जाना चाहिए जिससे लम्बे समय तक जल सप्लाई स्कीमों की समूची स्थिति और स्थिरता में सुधार किया जा सके।
उन्होंने आगे कहा कि इन प्रोजेक्टों के लागूकरण सम्बन्धी समूची प्रक्रिया में जनता और उनके प्रतिनिधियों की भागीदारी होनी चाहिए जिससे इसका लाभ जमीनी स्तर तक पहुँचाया जा सके। उन्होंने यह भी आशा अभिव्यक्त की कि पंजाब के सभी ग्रामीण नागरिकों को सुबह से शाम तक साफ़ पानी की सप्लाई दी जानी चाहिए। इससे न सिर्फ़ स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ होंगे बल्कि हमारे गाँवों के जीवन स्तर में भी काफ़ी सुधार होगा।
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