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भारतीय मानक ब्यूरो ने विश्व मानक दिवस के अवसर पर मुंबई में “मानक महोत्सव” कार्यक्रम का आयोजन किया

भारतीय मानक ब्यूरो ने विश्व मानक दिवस के अवसर पर मुंबई में “मानक महोत्सव” कार्यक्रम का आयोजन किया
  • PublishedOctober 15, 2022

भारतीय मानक ब्यूरो ने आज विश्व मानक दिवस के अवसर पर मुंबई में “मानक महोत्सव” नाम से एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम की विषयवस्तु ‘सतत विकास लक्ष्यों के लिए मानक – एक बेहतर विश्व हेतु एक साझा दृष्टिकोण’ पर आधारित थी।
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। उपभोक्ता कार्य मंत्री ने इस कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले 200 प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि गुणवत्ता और स्थिरता के मंत्र के साथ हम दुनिया भर में भारतीय उत्पादों के लिए ब्रांड वैल्यू तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि “ब्रांड इंडिया” की पहचान दुनिया भर में पहुंचाने के लिए हमें गुणवत्ता मानकों के प्रति अपनी सोच में बदलाव और उनके महत्व के प्रति अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है।

उपभोक्ता कार्य मंत्री श्री गोयल ने कहा कि साल 2047 तक 130 करोड़ भारतीयों के दृष्टिकोण और भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए मानक महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। उन्होंने कहा कि “मानक” बाजार के नए अभिभावक हैं। श्री गोयल ने कहा कि जो मानकों को नियंत्रित करते हैं, वास्तव में वे ही बाजार, कीमतों, प्रक्रियाओं, विनिर्माण और नवाचार को भी अपने काबू में रखते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब राष्ट्र मानकों के लिए बेंचमार्क निर्धारित करता है, तो यह उसकी विकास क्षमता का प्रतिबिंब बन जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ‘मानकों’ को विकास का एक प्रमुख स्तंभ मानता है।

उपभोक्ता कार्य मंत्री श्री गोयल ने भारतीय मानक ब्यूरो के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अब बीआईएस के लिए गुणवत्ता-नियंत्रण, गुणवत्ता-मूल्यांकन और गुणवत्ता आश्वासन में एक बेंचमार्क बनने का समय आ चुका है। उन्होंने कहा कि बीआईएस को मौजूदा एवं नए मानकों में ‘स्थिरता’ को पुनर्जीवित करना चाहिए, इसे वास्तविक स्वरूप देना चाहिए और इसमें निरंतरता को जोड़ना चाहिए, विशेष तौर पर जो मानक वे राष्ट्रीय कार्य योजना के एक भाग के रूप में तैयार करते हैं।

महाराष्ट्र में कानूनी माप विज्ञान के नियंत्रक डॉ. रविंदर सिंघल ने विभिन्न प्लेटफार्मों पर मानकों एवं गुणवत्ता के बारे में जागरूकता फैलाने में बीआईएस द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।

न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड से तारापुर एटॉमिक पावर स्टेशन के केंद्र निदेशक श्री संजय मुलकलवार ने बताया कि परमाणु ऊर्जा स्थिरता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2070 तक भारत में ऊर्जा उत्पादन में शून्य उत्सर्जन होगा। उन्होंने एनपीसीआईएल द्वारा आयोजित की गई सीएसआर गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी।

 

कॉन्क्लेव के दौरान ऑल इंडिया फर्स्ट लाइसेंसधारियों और लंबे समय से उत्पादों के लाइसेंसधारियों के साथ-साथ भारतीय मानक ब्यूरो के पश्चिमी क्षेत्रीय कार्यालय के प्रबंधन प्रणाली लाइसेंसधारियों को भी सम्मानित किया गया।

बीआईएस पश्चिमी क्षेत्र की उप-महानिदेशक श्रीमती निशात एस हक, बीआईएस की मुंबई शाखा के कार्यालय- I में वरिष्ठ निदेशक श्री अमीर उज़ जमान और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

इससे पहले, बीआईएस ने आज मुंबई में जुहू बीच के पास क्वालिटी रन (वॉकाथॉन) का आयोजन किया। इस अवसर पर बॉलीवुड अभिनेता श्री पुनीत इस्सर ने भाग लिया और दौड़ को झंडी दिखाकर रवाना किया। मानकों तथा गुणवत्ता के बारे में लोगों के मन में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित इस दौड़ में लगभग 200 बीआईएस अधिकारियों एवं युवाओं ने भाग लिया।

हर वर्ष 14 अक्टूबर को इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन, इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन एंड इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के सदस्य विश्व मानक दिवस मनाते हैं। इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के रूप में प्रकाशित स्वैच्छिक तकनीकी समझौतों को विकसित करने वाले दुनिया भर के हजारों विशेषज्ञों के सहयोगात्मक प्रयासों को याद करने के दिन के रूप में मनाया जाता है।

भारतीय मानक ब्यूरो के बारे में

भारतीय मानक ब्यूरो भारत सरकार के उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत कार्य करने वाला राष्ट्रीय मानक निकाय है। हमारा उद्देश्य देश में वस्तुओं का मानकीकरण, उत्पाद परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन की गतिविधियों का सामंजस्यपूर्ण विकास करना है। बीआईएस कई तरीकों से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को नये अवसरों का पता लगाने योग्य और ठोस लाभ प्रदान कर रहा है। इनमें सुरक्षित विश्वसनीय गुणवत्ता वाले उपाय प्रदान करना; उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरों को कम करना; निर्यात और आयात विकल्प को बढ़ावा देना; मानकीकरण, प्रमाणन तथा परीक्षण के माध्यम से किस्मों आदि के प्रसार पर नियंत्रण करना शामिल है।