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जेपी ने सत्ता से बाहर रहकर परिवर्तन करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण देश के सामने रखा

जेपी ने सत्ता से बाहर रहकर परिवर्तन करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण देश के सामने रखा
  • PublishedOctober 12, 2022

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर आज बिहार में उनकी जन्मभूमि सिताब दियारा में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया और एक जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री श्री अश्विन चौबे और नित्यानंद राय समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर जयप्रकाश नारायण जी की आदमकद प्रतिमा को लगाने का प्रण था और आज जयप्रकाश जी की 121वीं जन्म जयंती पर वह प्रण पूरा हो गया है। श्री शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी का जीवन अनेक विशेषताओं से भरा हुआ था, जयप्रकाश जी ने आजादी के लिए न केवल क्रांति के रास्ते से लड़ाई लड़ी बल्कि उन्होंने गांधीजी के बताए मार्ग को भी अपनाया। आजादी के बाद जब सत्ता लेने का समय आया तो जयप्रकाश जी एक सन्यासी की भाँति विनोबा भावे के साथ सर्वोदय की आंदोलन से जुड़ गए। जयप्रकाश नारायण ने अपना पूरा जीवन देशभर के भूमिहीनों, गरीबों, दलितों और पिछड़ों को समर्पित कर दिया। गृह मंत्री ने कहा कि जयप्रकाश जी ने समाजवाद, सर्वोदय की विचारधारा और जातिविहीन समाज की रचना की कल्पना को साकार करने के लिए अनेक नए-नए प्रकल्प दिए। मगर देश के लिए उनका सबसे बड़ा योगदान 1970 के दशक में भ्रष्टाचार और सत्ता में चूर शासनाधिकारियों द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ किया गया आंदोलन रहा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 1973 में गुजरात में तत्कालीन सरकार ने सार्वजनिक रूप से सरकार को चंदा उगाहने का काम दिया जिसके चलते भ्रष्टाचार की गंगा शुरू हुई। इसके खिलाफ गुजरात के विद्यार्थियों ने जयप्रकाश नारायण जी के नेतृत्व में कड़ा आंदोलन किया और गुजरात में सत्ता बदल दी। उसके बाद बिहार में आंदोलन किया गया और बिहार के गांधी मैदान की रैली देखकर तत्कालीन प्रधानमंत्री के पसीने छूट गए थे। इसके बाद देश में आपातकाल कि घोषणा कर दी गई और जेपी जी के साथ साथ विपक्ष के कई नेताओं को जेल में डाला गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री का मानना था कि जेल में डालने से जेपी, मोरारजी भाई, आडवाणी जी और अटल जी जैसे नेताओं के हौसले पस्त होंगे। मगर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हजारीबाग की जेल जिन्हें न रोक सकी उन जयप्रकाश जी को तत्कालीन प्रधानमंत्री की यातना भी न रोक पाई। श्री शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी ने आपातकाल थोपने वाली भ्रष्टाचारी व अन्यायी शासन के विरुद्ध पूरे विपक्ष को एकजुट कर देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनाई। जेपी ने सत्ता से बाहर रहकर परिवर्तन करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण देश के सामने रखा।

श्री अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण जी और विनोबा भावे जी के सर्वोदय के सिद्धांत को अंत्योदय के साथ जोड़कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी गरीब कल्याण का अभूतपूर्व कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के 60 करोड़ गरीबों को 5 लाख से अधिक का स्वास्थ्य बीमा हर गरीब के घर में गैस और शौचालय का प्रबंध, ढ़ाई साल तक हर गरीब को मुफ्त राशन देने के साथ ही घर घर में बिजली और हर गाँव में सड़क पहुंचाकर गांवों को जोड़ने का काम किया है। उन्होने कहा कि जेपी जी ने देश को संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था, लेकिन किसी भी विपक्षी दल ने इसे सफल बनाने का प्रयत्न नहीं किया। देशभर के करोड़ों गरीबों के जीवनस्तर को बेहतर बनाते हुए मोदी जी ने जयप्रकाश नारायण जी के संपूर्ण क्रांति के मंत्र को चरितार्थ करने का काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने देशभर के 60 करोड़ गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाकर, उनके लिए रोजगार के अवसर सृजित कर और उनके घरों से धुआँ निकालकर घर में उजाला करने का काम किया है।