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पाकिस्तान और उसके हिमायतियों को गृह मंत्री अमित शाह की दो टूक कहा, नहीं करेंगे कोई बातचीत

पाकिस्तान और उसके हिमायतियों को गृह मंत्री अमित शाह की दो टूक कहा, नहीं करेंगे कोई बातचीत
  • PublishedOctober 6, 2022

उत्तरी कश्मीर के बारामूला शहर में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करते हुए कहा है कि मोदी सरकार केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत करेगी। उन्‍होंने कहा कि कश्मीर घाटी से किसी भी कीमत पर आतंकवाद का खात्मा किया जाएगा।

उत्तरी कश्मीर के बारामूला शहर में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करते हुए बुधवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करेगी और इसे देश का सबसे शांतिपूर्ण स्थान बनाएगी. रैली के दौरान अपने संबोधन में गृहमंत्री ने कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी- पीडीपी की आलोचना करते हुए कहा कि इन तीन परिवारों ने पिछले 75 वर्षों में जम्मू-कश्मीर को बर्बाद कर दिया है। अमित शाह ने कहा कि दो पूर्व मुख्‍यमंत्रियों- नेशनल कांफ्रेंस के डॉक्‍टर फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, श्रेत्र के लोगों के दुखों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार, कश्मीर में विकासात्मक और औद्योगिक क्रांति लाई है।

रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने सवाल किया कि क्या आतंकवाद ने कभी किसी को फायदा पहुंचाया है?

उन्होंने जम्मू कश्मीर में विकास नहीं होने के लिए कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी- पीडीपी को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि देश की आजादी के बाद से इन तीन दलों का ही ज्यादातर समय शासन रहा है, गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में कांग्रेस, नेशनल कॉन्‍फ्रेंस और पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर में सिर्फ पंद्रह हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था जबकि मोदी सरकार ने कुछ ही वर्षों में 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है, साथ ही उन्होंने नेशनल कॉन्‍फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस पर स्थानीय युवाओं के हाथों में पत्थर और बंदूकें देने का आरोप लगाया और कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में 42 हजार लोग मारे जा चुके हैं।

 

रैली में पाकिस्तान की वकालत करने वालों को भी सुनाई खरी-खरी

अमित शाह ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करने वालों पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि हमें पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए, हमें पाकिस्तान से बातचीत क्यों करनी चाहिए? हम कोई बातचीत नहीं करेंगे. हम बारामूला के लोगों से बात करेंगे, हम कश्मीर के लोगों से बात करेंगे.’

 

विशाल रैली को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा सरकार कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त करने और इसे फिर से धरती का स्वर्ग बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है, कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं कम होने से यह अब फिर से पर्यटक स्‍थल में बदल रहा है। इस वर्ष अब तक 22 लाख पर्यटक कश्मीर का दौरा कर चुके हैं, जबकि पहले आमतौर पर साल में 6 लाख पर्यटक ही आते हैं। अकेले गुलमर्ग में, सामान्य 4 लाख के मुकाबले 13 लाख पर्यटक आए हैं।

 

सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पहले जम्मू-कश्मीर में सत्ता तीन परिवारों, 87 विधायकों और छह सांसदों के पास थी. उन्होंने कहा, ‘अब 30,000 लोग शासन प्रक्रिया का हिस्सा हैं जो पंचायत और जिला परिषदों के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं.’ केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘हमने एक राजनीतिक प्रक्रिया शुरू की है. मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची प्रकाशित करने का काम पूरा हो जाने के बाद, पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव कराए जाएंगे और आपके चुने हुए अपने प्रतिनिधि यहां शासन करेंगे.’

 

अमित शाह ने तालियों के बीच सभा को बताया कि मोदी सरकार के औद्योगिक पैकेज ने युवाओं के हाथों में लैपटॉप और मोबाइल फोन प्रदान किए हैं, जो उनसे बंदूकें और पत्थर छीन रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे, पाकिस्तान के बारे में बोलने वालों से पूछना चाहते हैं कि पीओके के कितने इलाकों में बिजली, सड़कें और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं जबकि हमारे हर गांव में ये सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि 56 हजार करोड़ का औद्योगिक पैकेज जम्मू-कश्मीर में पंद्रह हजार रोजगार लाएगा।

 

केंद्रीय गृह मंत्री ने अनुच्छेद 370 के नुकसान के बारे में की बात
अमित शाह ने महबूबा मुफ्ती को जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को समृद्ध बनाने के लिए मोदी सरकार द्वारा कई विकासात्मक पहल की गई हैं साथ ही उन्होंने फारूक अब्दुल्ला पर आरक्षण के मुद्दे पर गुर्जर और बकरवाल समुदाय को भड़काने का आरोप लगाया और स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 370 के कारण अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई आरक्षण नहीं था, लेकिन इसके निरस्त होने के बाद, गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया जा सका है. शाह ने कहा, ‘आरक्षण के तहत, सभी को उनका उचित हिस्सा मिलेगा. किसी के हिस्से का नुकसान नहीं होगा.’ गृहमंत्री ने अन्य विकास गतिविधियों जैसे मेडिकल कॉलेज, क्लस्टर विश्वविद्यालय, जम्मू-बारामूला रेलवे लाइन, पीएमजीएसवाई रोड पैकेज और कैंसर अस्पतालों के बारे में भी बताया।