डॉ. भारती प्रवीण पावर ने एम्स नई दिल्ली के 67वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता की
25 SEP 2022-केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा, “भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली ने न केवल नैदानिक और प्रबंधन सुविधाएं प्रदान करने में बल्कि मृत्यु दर को कम करने और अधिकतम स्वास्थ्य लाभ में भी दक्षता दिखाई है।” डा. पवार ने आज नई दिल्ली में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, नई दिल्ली के 67 वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
डॉ. भारती प्रवीण पावर ने अनुसंधान श्रेणी में एम्स की रैंकिंग शीर्ष 10 शैक्षिक संस्थानों में होने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने यह भी कहा कि यह एकमात्र संस्थान है जो अनुसंधान के अलावा रोगी देखभाल करता है। उन्होंने सराहना की कि यह बहुत गर्व की बात है कि लगातार पांचवें वर्ष, एम्स, नई दिल्ली को शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किए गए राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के अनुसार चिकित्सा संस्थानों में पहला स्थान दिया गया है। उन्होंने अधिकारियों से आने वाले वर्षों में रैंकिंग को बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “सफल होना एक यात्रा से अधिक है, एक गंतव्य नहीं। हमें न केवल उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए, बल्कि नई विशेष उपलब्धियां हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और इन्हें हासिल करने के लिए प्रयास करना होगा।”
उन्होंने कहा कि “मजबूत और स्वस्थ भारत का निर्माण करने के लिए, एम्स नई दिल्ली ज्ञान के अपने भंडार के साथ अन्य अन्य उत्कृष्ट संस्थानों के साथ आगे बढ़ेगा”।
उन्होंने कहा, “जब हम समग्र स्वास्थ्य और समावेशी पहुंच की बात करते हैं, तो हम इसमें तीन कारकों को शामिल करते हैं। सबसे पहले, आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से संबंधित बुनियादी ढांचा और मानव संसाधनों का विस्तार। दूसरा, चिकित्सा की पारंपरिक भारतीय प्रणाली में अनुसंधान को बढ़ावा देना और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में इसका सक्रिय रूप से जुड़ना तथा तीसरा आधुनिक और भविष्य की तकनीक के माध्यम से हर व्यक्ति और देश के हर हिस्से को बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में केन्द्र सरकार का निवारक देखभाल पर जोर देने के साथ समग्र रूप से काम करना है, जबकि तृतीयक स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देते हुए। प्रयास गरीबों के इलाज की लागत को कम करने के लिए हैं और साथ ही, डॉक्टरों की संख्या में तेजी से बढ़ने पर भी, उन्होंने कहा।