पोर्ट लुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम चरण में मॉरीशस पहुंचे हैं। उन्होंने मॉरीशस के विदेश मंत्री समेत अन्य नेताओं के साथ बातचीत की। भारत और मॉरीशस के संयुक्त बयान में उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के वक्त भारत हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसी मॉरीशस के लोगों के साथ ख रहा। भारत ने इस संकट के दौरान अपने मित्र पड़ोसी देश की 23 टन आवश्यक दवाओं के माध्यम से मदद की।जयशंकर ने कहा कि भारत की ओर से भेजी गई दवाओं की खेप में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 50 करोड़ गोलियों के साथ आयुर्वेद की दवाएं भी मौजूद थी। हमारी सरकार के 'मिशन SAGAR' के तहत 14-सदस्यीय चिकित्सा सहायता टीम भी मदद के लिए हमेशा उपलब्ध थी। भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि कोविड वैक्सीन की अतिरिक्त एक लाख खुराक आज ही मॉरीशस पहुंची है। हम इस वाणिज्यिक खरीद की सहूलियत मुहैया कराने के लिए खुश है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में कोविड वैक्सीन की और खेप आने वाली है। उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम चरण में रविवार को मॉरीशस पहुंचे थे। उन्होंने मॉरीशस के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता की। इस यात्रा के दौरान बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई। जयशंकर अपनी यात्रा के पहले पड़ाव मालदीव से यहां पहुंचे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर की मालदीव की यात्रा बेहद सफल रही है। बता दें कि मालदीव और मॉरीशस दोनों ही हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी देश हैं।