दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट उद्घाटन कल करेंगे पीएम मोदी,चुनौतियों पर होगी चर्चा
वैश्विक विकास से उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा करने और वर्चुअल जी20 शिखर सम्मेलन से पहले दुनिया को और अधिक समावेशी, प्रगतिशील विश्व व्यवस्था बनाने के लिए भारत 17 नवंबर को नई दिल्ली में दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा,जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
पिछले साल जनवरी में पहले वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की तरह, इस साल भी दूसरे सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा। इस पहल के द्वारा ग्लोबल साउथ के 125 देशों को अपने दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को साझा करने के लिए एक मंच पर एक साथ लाया जा रहा है।
वर्तमान में भारत ने दुनिया मेंं खुद को ग्लोबल साउथ के प्रतिनिधि के रूप में पेश किया है, जी 20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने जोर दिया कि विकासशील देशों की समस्या को पहचाना जाए और उनकी प्राथमिकताओं को वैश्विक चुनौतियों को शामिल करें ताकि विकासशील देशों की सम्स्याओं का समाधान किया जाए।
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को अपने एक बयान में कहा दूसरा वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन भारत की दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह की अध्यक्षता के दौरान विभिन्न जी 20 बैठकों में हासिल किए गए प्रमुख परिणामों को ग्लोबल साउथ के देशों के साथ साझा करने पर केंद्रित होगा।
दुनिया को और अधिक समावेशी बनाने पर होगी चर्चा
विदेश मंत्रालय ने बताया कि वैश्विक विकास से उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा होने की सम्भावना है जिसमे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट” में दुनिया को अधिक समावेशी, प्रतिनिधि और प्रगतिशील विश्व व्यवस्था बनाने के लिए चर्चा का आयोजन किया जायेगा।
कुल 10 सत्रों का होगा आयोजन
इस शिखर सम्मेलन में कुल 10 सत्र आयोजित किये जायेंगे। उद्घाटन सत्र का विषय “एक साथ, सभी के विकास के लिए, सभी के विश्वास के साथ” रहेगा। जबकि समापन सत्र का विषय “ग्लोबल साउथ: एक भविष्य के लिए एक साथ” रखा गया है। इस सम्मेलन आठ मंत्रिस्तरीय सत्र भी होंगे। विदेश मंत्रियों की वाले दो सत्रों के विषय “भारत और वैश्विक दक्षिण: बेहतर भविष्य के लिए एक साथ उभरना” और “वैश्विक दक्षिण और एक विकास” रखा गया है तो वहीं वहीं वित्त मंत्रियों के सत्र का विषय “जन-केंद्रित विकास का वित्तपोषण” है। जबकि शिक्षा मंत्रियों का सत्र “मानव संसाधनों को भविष्य के लिए तैयार करना” है।
पर्यावरण मंत्रियों के लिए सत्र का विषय “जलवायु लचीलेपन और जलवायु वित्त के लिए सतत समाधान” व ऊर्जा मंत्रियों के सत्र का विषय “स्थायी विकास के लिए किफायती और समावेशी ऊर्जा संक्रमण” रखा गया है।
स्वास्थ्य मंत्रियों का सत्र “एक स्वास्थ्य के लिए वैश्विक दक्षिण से समाधान” पर केंद्रित होगा, जबकि वाणिज्य और व्यापार मंत्रियों के सत्र का विषय “वैश्विक दक्षिण और लचीली आपूर्ति श्रृंखला” रखा गया है।पिछले वर्ष जनवरी में पहले वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के अंत में भारत ने प्रौद्योगिकी से लेकर स्वास्थ्य तक के क्षेत्रों में विकासशील देशों की सहायता के लिए तीन पहलों का अनावरण किया था । इसमें प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित विकासशील देशों को चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करने के लिए “आरोग्य मैत्री” परियोजना भी शामिल थी। भारत ने पहले वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन का उपयोग विकासशील देशों से विचार और सुझाव लेने के लिए एक मंच के रूप में भी किया, जिन्हें जी20 बैठकों के दौरान में चर्चाओं मे शामिल किया गया।
22 नवंबर को जी20 नेताओं की एक वर्चुअल बैठक भी होगी
सितंबर में जी 20 शिखर सम्मेलन में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों में विशेष रूप से विकास एजेंडे, और यूक्रेन युद्ध से जन्में भू-राजनीतिक चुनौतियों,और इजराइल-हमास संघर्ष जैसे अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली 22 नवंबर को जी20 नेताओं की एक वर्चुअल बैठक की मेजबानी करने के लिए भी भारत तैयार है।