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दीपोत्सव पर बिखरेगी देश की मिट्टी की सुगंध, ‘वोकल फोर लोकल’ को मिलेगा बढ़ावा

दीपोत्सव पर बिखरेगी देश की मिट्टी की सुगंध, ‘वोकल फोर लोकल’ को मिलेगा बढ़ावा
  • PublishedNovember 2, 2023

दीपावली अब बेहद नजदीक है। आगामी 12-13 नवम्बर को देशभर में दीपावली मनाई जाएगी। पूरे देश को रोशनी से भर देने वाले दीये इस पर्व को बेहद खास बनाते हैं। हर घर में मिट्टी के दीये जलें इसके लिए कुम्हारों ने अपनी विशेष तैयारियां शुरू कर दी है। जगह-जगह दुकानें भी सज गई हैं।

चाइनीज दीयों से लोगों का हुआ मोहभंग

खास बात यह देखी जा रही है कि देशवासियों का चाइनीज दीयों से मोहभंग हो चुका है। इसके चलते मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ गई है। वहीं सोशल मीडिया पर ऐसे दीयों की खरीदारी पर जोर देने के कारण भी इसका खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है। इसलिए इस बार रोशनी के इस त्यौहार पर अपने घरों को जग-मग करने के लिए लोग मिट्टी के दीये घर ला रहे हैं। इससे पीएम मोदी की वोकल फोर लोकल की मुहिम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

मिट्टी के दीयों की अपनी खास पहचान

इस धंधे से जुड़े हुए कुम्हार कारीगरों ने बताया कि बाजारों में भले ही चाइनीज दीयों की मांग हो लेकिन मिट्टी के दीयों की अपनी खास पहचान है। बाजार में मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ी है और रोजाना हजारों की संख्या में दीयों को तैयार किया जाता है। लेकिन मिट्टी कम मिलने से बहुत समस्या आ रही है और दीयों की मांग काफी बढ़ रही है।

एक चीज यह भी बेहतर हो गई है कि अब इलेक्ट्रिक चाक होने से काम तेजी से होता है। पहले हाथ का चाक होता था, लेकिन इस चाक से फटाफट दीपक व अन्य सामान तैयार किया जाता है। बिजली न आने की स्थिति में हाथ का चाक भी तैयार रखा जाता है ताकि काम प्रभावित न हो। इस पर दीपक, घड़ा, करवा, गमला, गुल्लक, गगरी, मटकी, बच्चों की चक्की समेत अन्य उपकरण भी बनाए जाते हैं।

बदलते ट्रेंड के साथ डिजाइनर दीये भी खूब पसंद कर रहे लोग

बदलते ट्रेंड के साथ लोग डिजाइनर दीये भी खूब पसंद कर रहे हैं। वहीं पारंपरिक दीयों की खरीदारी भी अधिक हो रही है। मिट्टी के दीपक बनाने का काम तेजी से चल रहा है। दीपावली में इस मर्तबा दीपकों की डिमांड भी बढ़ रही है।

खरीदारी के लिए युवाओं में खासा उत्साह

कुम्हारों के कच्ची मिट्टी के पक्के दीयों को खरीदने के लिए युवाओं में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है। धन की देवी माता लक्ष्मी व गणेश का स्वागत करने के लिए दीयों के साथ-साथ कलश का भी ऑर्डर लोग देने लगे हैं। ओम व स्वास्तिक लिखा रंगीन कलश अधिक पसंद किया जा रहा है। प्राचीन संस्कृति के लिहाज से मिट्टी के दीपकों का ही दीपावली में महत्व होता है।