हमारी सीमाओं पर एंटी-ड्रोन प्रणाली की तैनाती होगी: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार, 26 सितंबर को पंजाब के अमृतसर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक की अध्यक्षता की। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार को नारकोटिक्स और आतंकवाद पर नकेल कसने में कामयाबी मिली है। सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के प्रति मोदी सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमारी सीमाओं पर एंटी-ड्रोन प्रणाली की तैनाती होगी। अमित शाह ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के सभी सदस्य राज्यों से पानी के बंटवारे संबंधी आपसी विवादों को खुले मन और आपसी विमर्श से सुलझाने का अनुरोध किया। बैठक के दौरान कुल 28 मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, दिल्ली, जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल, चंडीगढ़ के प्रशासक, सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार नशीले पदार्थों और आतंकवाद पर नकेल कसने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। जल्द ही हमारे देश की सीमाओं पर एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया जाएगा। अमित शाह ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के सभी सदस्यों से जल बंटवारे से संबंधित अपने विवादों को आपसी बातचीत से सुलझाने का आग्रह किया।
अमित शाह ने सहकारिता, स्कूली बच्चों की ड्रॉप आउट दरऔर कुपोषण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता बताते हुए सभी सदस्य राज्यों से इन पर खास ध्यान देने को कहा। देश में एक भी बच्चा कुपोषित नहीं रहना चाहिए, स्कूलड्रॉप आउट दर को कम करने की ज़िम्मेदारी हम सबकी है।उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को गति देने से देश के 60 करोड़ से अधिक लोगों को समृद्धि कीओर ले जाने में मदद मिलेगी। शाह ने सभी सदस्य राज्यों से प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती को अपनाने का अनुरोध किया और कहा कि इससे देश के किसानों को बहुत फायदा होगा। हिमाचल प्रदेश में आई भीषण बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए केन्द्र द्वारा राज्य सरकार को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन देते हुए कहा कि पूरा देश इस संकट की घड़ी में हिमाचल प्रदेश के साथ खड़ा है।
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की अमृतसर में हुई 31वीं बैठक के दौरान कुल 28 मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में ‘अंतर-राज्यीय नदी जल के बंटवारे से संबंधित मुद्दे, बैंक शाखाओं और डाक बैंकिंग सुविधाओं द्वारा गांवों का कवरेज, सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का प्रभावी कार्यान्वयन, पंजाब विश्वविद्यालय से संबंधित मुद्दे, पीएमजीएसवाई के तहत सड़क कनेक्टिविटी, साइबर अपराधों की रोकथाम, जल जीवन मिशन, उड़ान योजना के तहत फिर से विमान सेवाएं शुरू करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध/बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच, फास्ट ट्रैक स्पेशल योजना के कार्यान्वयन बलात्कार और POCSO अधिनियम के मामलों के शीघ्र निपटान के लिए न्यायालय (FTSCs), प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत करने औरकृषि भूमि की खरीद का कानूनआदि पर भी विचार-विमर्श हुआ।
ज्ञात हो कि जून, 2014 से, पिछले 10 वर्षों में, क्षेत्रीय परिषद और इसकी स्थायी समिति की कुल 54 बैठकें आयोजित की गई हैं, जो वर्ष 2004 से मई, 2014 तक के 10 वर्षों के दौरान आयोजित बैठकों की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हैं।