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घर-घर केसीसी अभियान शुरु: देश भर के किसानों को मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ

घर-घर केसीसी अभियान शुरु: देश भर के किसानों को मिलेगा किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ
  • PublishedSeptember 20, 2023

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर मुख्य भाषण देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान की सफलता के लिए बैंकों की तरफ से पूर्ण सहयोग मिलने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों को आसान अल्पकालिक ऋण सुनिश्चित करने और इस योजना से जुड़ने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पर्याप्त धन आवंटित किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार,19 सितंबर को नई दिल्ली में संयुक्त रूप से किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान, किसान ऋण पोर्टल और विंड्स मैनुअल का शुभारंभ किया। निर्मला सीतारमण ने किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान की सफलता के लिए बैंकों के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग तथा पारदर्शिता अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमारी सरकार ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने तीन योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें किसान ऋण पोर्टल (केआरपी), किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान, जो कि एक महत्वाकांक्षी अभियान है, जिसका लक्ष्य देश भर के प्रत्येक लक्षित किसान तक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का लाभ पहुंचाना है और मौसम की जानकारी पाने के लिए वेदर इनफार्मेशन नेटवर्क डेटा सिस्टम (विंड्स) पर एक मैनुअल शामिल है। इन गतिविधियों को प्रारंभ करने का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में क्रांति लाना, वित्तीय समावेशन को बढ़ाना, डेटा उपयोग को अनुकूलित करना तथा देश भर में किसानों के जीवन को और बेहतर बनाना है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर मुख्य भाषण देते हुए किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान की सफलता के लिए बैंकों की तरफ से पूर्ण सहयोग मिलने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों को आसान अल्पकालिक ऋण सुनिश्चित करने और इस योजना से जुड़ने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पर्याप्त धन आवंटित किया है। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की पहल और इसके सफल कार्यान्वयन के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि 29,000 करोड़ रुपये की प्रीमियम राशि के एवज में अब तक किसानों को 1,40,000 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राशि वितरित की जा चुकी है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने चावल और गेहूं की फसल के उत्पादन के लिए वास्तविक समय आकलन की सराहना की और इस अनुमान को दलहन एवं तिलहन की फसलों तक बढ़ाने का आह्वान किया ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनके आयात को लेकर बेहतर योजना बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि फसलों के वास्तविक समय आकलन से अर्थव्यवस्था को पर्याप्त सहायता मिलेगी और फसल सत्र के अंत में किसानों के लिए सही कीमतें सुनिश्चित हो सकेंगी। वित्त मंत्री ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं सहकारी बैंकों के पूर्ण स्वचालन का भी आह्वान किया और वित्तीय सेवा विभाग को इन बैंकों के लिए ऋण स्वीकृति तथा ऋण वितरण के बीच अंतर को स्पष्ट समझने का निर्देश भी दिया।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने संबोधन में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दिए गए महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि कृषि मंत्रालय का बजट वर्ष 2013-14 के 23,000 करोड़ रुपये की तुलना में अब 2023-24 में बढ़कर 1,25,000 करोड़ रुपये हो गया है। तोमर ने विंड्स मैनुअल के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य वास्तविक समय की मौसम की जानकारी सुनिश्चित करना है ताकि किसान सही समय पर अपनी फसलों के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरत सकें। उन्होंने कहा कि कृषि कार्य के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग तथा पारदर्शिता अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमारी सरकार ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं। तोमर ने आगे कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत लगभग 9 करोड़ लाभार्थी शामिल हो चुके हैं और किसान क्रेडिट कार्ड घर-घर अभियान का लक्ष्य लगभग ऐसे 1.5 करोड़ लाभार्थियों को इससे जोड़ना है, जो अभी तक योजना से नहीं जुड़ सके हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान भी किसानों को लगभग 2 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने के लिए वित्त मंत्रालय और बैंकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ये कृषि और ग्रामीण क्षेत्र ही थे, जिन्होंने महामारी के दौरान भी अर्थव्यवस्था को गतिमान रखा था।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना-पीएमएफबीवाई के संयुक्त सचिव (क्रेडिट) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितेश चौहान ने इस पहल पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि तकनीकी सुविधाओं के उपलब्ध होने के कारण इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में रिकॉर्ड नामांकन हुआ है।