लंबित मामलों के समाधान और स्वच्छता सुनिश्चित करने में सफल रहा नीति आयोग का विशेष अभियान 2.0
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को “स्वच्छ भारत” रूपी भावभीनी श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से, नवंबर 2022 से अगस्त 2023 तक विशेष अभियान 2.0 का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। इसका उद्देश्य सार्वजनिक शिकायतों का समय पर और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना था।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को “स्वच्छ भारत” रूपी भावभीनी श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से, नवंबर 2022 से अगस्त 2023 तक विशेष अभियान 2.0 का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। इसका उद्देश्य सार्वजनिक शिकायतों का समय पर और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना था।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने 2 से 31 अक्टूबर 2021 तक लंबित मामलों के समाधान के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया था। अभियान की सफलता को देखते हुए डीएआरपीजी ने अभियान को वर्ष 2022 और वर्ष 2023 में भी जारी रखने का निर्णय लिया।
लंबित मामलों के समाधान और स्वच्छता के लिए विशेष अभियान 2.0 नीति आयोग और इसके संबद्ध कार्यालयों में चलाया गया, जिसमें विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ), नीति भवन में स्थित अटल नवचार मिशन (एआईएम) और स्वायत्त संस्थान, राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (एनआईएलईआरडी), नरेला, नई दिल्ली सम्मिलित हैं।
अभियान का केंद्र संसद सदस्यों, राज्य सरकारों, अंतर-मंत्रालयी परामर्श और मंत्रालयों/विभागों द्वारा संसदीय आश्वासनों के लोक शिकायत संदर्भों का समय पर और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना था। स्वच्छ भारत अभियान “विशेष अभियान 2.0” का लक्ष्य रिकॉर्ड प्रबंधन, स्वच्छता (आंतरिक और बाहरी) और कार्यालय स्क्रैप का निपटान है।
इस अभियान के तहत लोक शिकायतों, संसदीय आश्वासनों, पीएमओ संदर्भों के निस्तारण में तेजी आई है। रिकॉर्ड प्रबंधन के तहत, काफी संख्या में फाइलों की समीक्षा की गई/हटाई गई, जगह खाली की गई और कार्यालय स्क्रैप निपटान के माध्यम से राजस्व उत्पन्न किया गया।
समीक्षा के लिए निर्धारित कुल भौतिक फाइलों में से 75 प्रतिशत से अधिक फाइलों की समीक्षा की जा चुकी है। उपरोक्त के अलावा, इस अवधि के दौरान लगभग 95 प्रतिशत सार्वजनिक शिकायतों और अपीलों का समाधान किया गया है। निपटान के लिए अनावश्यक स्क्रैप सामग्री और अप्रचलित वस्तुओं की भी पहचान की गई है।