20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री का वक्तव्य
Mister President, Your Majesty, Excellencies,
आप सब ने जो चन्द्रयान की सफलता पर बधाई दी, उसके लिए मैं हृदय से आपका आभारी हूँ। लेकिन ये सिर्फ़ भारत का नहीं पूरी मानवजाति का अचीवमेंट है। इससे हमारी युवा पीढ़ी को विज्ञान में आगे बढ़ने का इंस्पिरेशन मिलेगा। इससे मानव कल्याण होगा। आपके बहुमूल्य विचारों और सुझावों के लिए धन्यवाद।
हमारी साझेदारी को और अधिक सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए मैं छह मुख्य क्षेत्रों में सहयोग के प्रस्ताव रखना चाहता हूँ। पहला है – ConnectivityTrilateral Highway और उसके extension पर हम पहले से काम कर रहे हैं। Maritime Cooperation पर हमारे joint statement का मैं स्वागत करता हूँ मेरा विज़न हैं कि एक ऐसी multi-modal connectivity और economic corridor तैयार किया जाये जो South East Asia से लेकर कर भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप को जोड़े।
इसमें logistics, सप्लाई चेन, इंफ्रास्ट्रक्चर, क्लीन energy और सोलर ग्रिड जैसे क्षेत्रों पर फ़ोकस किया जा सकता हैं। दूसरा क्षेत्र है – Digital transformationDigital Economy हमारी फ्यूचर ग्रोथ का कैटलिस्ट है। भारत में हमने Cyber security और digital public infrastructure पर बल दिया है। भारत में विकसित “डिजिटल India Stack” आप सब के साथ साझा करने में हमें ख़ुशी होगी।इस संदर्भ में, मैं “आसियान-भारत Fund for Digital Future” की स्थापना की घोषणा करता हूँ।
तीसरा बड़ा क्षेत्र है – Trade और Economic Engagement पिछले वर्ष “आसियान-भारत Trade in Goods Agreement” में हुई प्रगति का स्वागत है। हमें इसके रिव्यू को समय-बद्ध तरीके से पूरा करना होगा। साथ में ‘आसियान-भारत स्टार्ट अप फेस्टिवल’ और ‘इनोवेशन समिट’ जैसी पहलों को भी आगे बढ़ाना चाहिए। इस संदर्भ में, हमने “Economic and Research Institute of आसियान and East Asia” को अपने सपोर्ट को renew करने का निर्णय लिया है।
Your Majesty, Excellencies,
चौथा क्षेत्र है – समकालीन चुनौतियों का सामनाग्लोबल साउथ आज कई चुनौतियों से जूझ रहा है, जैसे- food, fertilizer, fuel और climate change हमें मल्टीलैटरल फोरम में ग्लोबल साउथ की साझा चिंताओं को साथ मिलकर उठाना होगा। भारत में WHO द्वारा “ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन” बनाया जा रहा है। मैं आप सब को इससे जुड़ने का न्योता देता हूँ। मिशन LiFE, यानि Lifestyle for Environment जैसे initiatives पर मिलकर हमें काम करना चाहिए।
हम भारत में जन-औषधि केंद्रों द्वारा लोगों को affordable और quality medicine व्यापक रूप से उपलब्ध करवा रहे हैं। अपने अनुभवों को आप सब के साथ साझा करने में हमें ख़ुशी होगी।
पाँचवाँ है – people-to-people contactsइस संदर्भ में हमें education, साइंस & टेक्नॉलजी, रिसर्च, टूरिज़म और यूथ पर फोकस करना चाहिए। आज जब प्रधानमंत्री His Excellency “सेनाना गुज़माओ” हमारे साथ हैं, मुझे घोषणा करते हुए खुशी है कि भारत ने तिमोर लेस्ते में अपना दूतावास खोलने का निर्णय लिया है।
छठा क्षेत्र है – हमारी स्ट्रटीजिक Engagement को सशक्त बनानाइंडो-पेसिफिक क्षेत्र की शांति, सुरक्षा,समृद्धि, और प्रगति में हमारे साझा हित हैं।हमने इस साल maritime exercises शुरू की है। South China Sea सहित अन्य वैश्विक समुद्री मार्गों में शांति, स्थिरता, navigation और overflight की स्वतंत्रता, तथा unimpeded lawful commerce को सुनिश्चित करना ज़रूरी है। South China Sea के लिए कोई भी code of conduct, UNCLOS (अंक्लौस) सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुरूप होनी चाहिए। इसमे उन देशों के हितों का भी ध्यान रखना होगा जो इन चर्चाओं में शामिल नहीं हैं।
Your Majesty, Excellencies,
क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति के लिए आतंकवाद एक गंभीर खतरा है। हमें मिलकर आतंकवाद, terror financing और cyber disinformation के विरुद्ध निर्णायक प्रयास करने होंगे। मेरा प्रस्ताव हैं कि हम मिलकर traditional और non-traditional threats से निपटने में भी आपसी सहयोग बढ़ाएं। हमें disaster management और maritime domain awareness के क्षेत्र में भी सहयोग करना चाहिए। मैं आप सभी को Coalition for Disaster Resilient(रेज़ीलीयंट) Infrastructure से जुड़ने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ।
धन्यवाद ।