भारत अब आईटी हार्डवेयर के निर्माण और निर्यात के विस्तार पर कर रहा फोकस: राजीव चंद्रशेखर
भारत बीते 9 वर्षों में विभिन्न प्रयोगों में सफल रहा है। डिजिटल इंडिया से लेकर स्टार्टअप इंडिया जैसे निर्णायक कदम भारत की छवि को विश्व स्तर पर भुनाने में काम आए हैं। इसी क्रम में पीएलआई स्कीम अर्थात प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम ने पार्ट 2 की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। इसके माध्यम से अब भारत हार्डवेयर के निर्माण और निर्यात में गति बढ़ा रहा है। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी कंपनियों को भारत में अपने उत्पाद बनाने के लिए सरकार के प्रयास सफल रहे हैं। पीएलआई 2.0 योजना के तहत करीब 40 आवेदन जमा किए गए थे, जिसमें प्रमुख वैश्विक आईटी और घरेलू चैंपियन शामिल थे।
ये कंपनियां PLI 2.0 के लिए कर चुकी हैं आवेदन
इस स्कीम के माध्यम सरकार ने घरेलू कंपनियों और प्रतिष्ठानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करने या विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके लिए सरकार वृद्धिशील बिक्री पर प्रोत्साहन प्रदान करती है। उसी को बढ़ावा देने के लिए PLI 2.0 की शुरुआत की गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, यह खुशी की खबर है कि डेल, एचपी, एएसयूएस और एसर जैसी दुनिया की कुछ सबसे बड़ी आईटी कंपनियों ने पीएलआई 2.0 योजना के लिए आवेदन किया है। इससे पता चलता है कि वे भारत में कंप्यूटर निर्माण में रुचि रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहराया कि कैसे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन निर्माता है। हम लैपटॉप, सर्वर और टैबलेट जैसे आईटी हार्डवेयर में भी वही दर्जा हासिल करना चाहते हैं। पीएलआई योजना इसी मिशन का हिस्सा है। हमें खुशी है कि इस योजना ने सफलता हासिल की है। उद्योग द्वारा अच्छी तरह से स्वागत किया गया है। हम चाहते हैं कि बड़ी आईटी कंपनियां भारत में अपने उत्पादों का निर्माण करें और उन्हें यहां से निर्यात करें। इससे नौकरियों और निवेश के अवसर पैदा होंगे।
डेल और एचपी जैसी प्रमुख आईटी कंपनियां इस योजना के तहत सीधे भाग ले रही हैं, जबकि एचपीई, लेनोवो, एसर, एएसयूएस, थॉमसन जैसी अन्य कंपनियां भारत में विनिर्माण सुविधाओं वाली ईएमएस कंपनियों के माध्यम से भाग ले रही हैं। इसे पैडगेट (डिक्सन), वीवीडीएन, नेटवेब, सिरमा, ओपिएमस, सहस्र, नियोलिन्क, पैनाचे, सोजो (लावा) जैसी घरेलू कंपनियों का भी समर्थन प्राप्त है।
2026 तक $300 बिलियन का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग और $1 ट्रिलियन की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य
मंत्री ने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार ने भारत में एक संपन्न आईटी हार्डवेयर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के लिए स्टार्टअप्स, उद्योगों और शिक्षाविदों के साथ मिलकर काम किया है। 2014 से पहले लगभग कुछ भी नहीं होने से, हमारा लक्ष्य 2026 तक $300 बिलियन का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग और $1 ट्रिलियन की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाना है। उद्योग इनपुट के साथ विकसित आईटी हार्डवेयर के लिए PLI 2.0 योजना, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन है। आज, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजारों में से एक है, हमारी अर्थव्यवस्था, सरकार और सार्वजनिक सेवाओं के तेजी से डिजिटलीकरण के लिए धन्यवाद। ”
मई में, सरकार ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना को मंजूरी दी, जिसमें 17,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो 2021 योजना से दोगुना बजट है। इस पहल से 2,430 करोड़ रुपये के वृद्धिशील निवेश और 3.35 लाख करोड़ रुपये के वृद्धिशील उत्पादन के साथ-साथ 75,000 पेशेवरों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।