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केंद्र देगा शोध क्षेत्र के लिए 50 हज़ार करोड़

केंद्र देगा शोध क्षेत्र के लिए 50 हज़ार करोड़
  • PublishedAugust 10, 2023

केंद्र की पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस बार रिसर्च और डेवलपमेंट से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयक को लेकर आई जिसे लोकसभा और राज्यसभा में पारित किया गया। इससे वैज्ञानिक अनुसंधान क्षेत्र को बड़े लाभ होने वाले हैं।

शिक्षा और अध्ययन जीवन में सतत चलने और काम आने वाली प्रक्रियाओं में से एक हैं। केंद्र ने इस प्रक्रिया को और संकल्पित बनाने का बीड़ा उठाया है। भावी भविष्य प्रौद्योगिकी और शोधपरक शिक्षा पर ही टिका हुआ है। इससे जुड़ा एक महत्वपूर्ण बिल “राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक (NRF) 2023” सोमवार को में लोकसभा पास हो गया था। बुधवार को राज्यसभा में भी ध्वनिमत से पारित हुआ। इससे बात से कोई अनभिज्ञ नहीं है कि जिसके पास आज तकनीक का पावरहाउस है वो आगे दुनिया के हर क्षेत्र में फ़तेह कर सकता है। बशर्ते इसका उद्देश्य सिर्फ सकारात्मक कार्यों में हो तभी इसकी सार्थकता बनी रहेगी।

क्या है राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक 2023?

राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक का उद्देश्य गणित, विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी तथा पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान सहित प्राकृतिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के लिए महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय मार्ग दर्शन प्रदान करने के लिए अनुसंधान राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन की स्थापना करना है। विधेयक को 7 अगस्त को लोकसभा की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को राज्यसभा द्वारा पारित कर दिया गया है। यह विधेयक 2008 में संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) को भी निरस्त कर देगा और इसे एनआरएफ में शामिल करेगा।

क्या हैं लाभ?

कोई भी बिल संसद में इसी लिए लाया जाता है क्योंकि परिवर्तन की आवश्यकता समय के अनुसार हर किसी नीति को पड़ती है। कुछ ऐसा ही इस विधेयक के संबंध में भी कहा जा सकता है। दरअसल, यह विधेयक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के अनुसार देश में वैज्ञानिक अनुसंधान की उच्च स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए एक शीर्ष निकाय, राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना करेगा। इसमें पांच वर्षों (2023-28) के दौरान इसकी कुल अनुमानित लागत 50,000 करोड़ रुपये है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) एनआरएफ का प्रशासनिक विभाग होगा जो एक गवर्निंग बोर्ड द्वारा शासित होगा जिसमें विभिन्न विषयों के प्रख्यात शोधकर्ता और पेशेवर शामिल होंगे।

एनआरएफ की कमान पीएम मोदी के हाथ

किसी भी देश की उन्नति उसके नेतृत्वकर्ता की कर्तव्यपरायणता पर निर्भर करती है। पीएम मोदी इस बात को जानते हैं कि ऐसी किसी भी नीति जिससे भारत के दूरगामी भविष्य पर गहरा असर डालेगी वो स्वयं उसकी जवाबदेही लेते हैं। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) के गठित होने के साथ ही इसके अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष शिक्षा मंत्री और विज्ञान व तकनीक मंत्री होंगे।

इस विधेयक पर संबंधित केंद्रीय मंत्री की राय!

विधेयक के बारे में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 के बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने देश में विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक भारत के लिए एक निर्णायक साबित होगा।