संसद से जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक-2023 पारित, मिलेगी यह सहूलियत
इस विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह विधेयक जन्म और मृत्यु पंजीकरण को आसान बनाने के लिए लाया गया है और यह पूरी तरह से डिजिटल होगा। इसे स्पष्ट करते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि डिजिटल डेटा से लोगों के लाभ के लिए सामाजिक योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
संसद ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक-2023 को मंजूरी दे दी है। इस क्रम में राज्यसभा से मंजूरी मिलने के पश्चात संसद ने कल (सोमवार) जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक-2023 को पारित किया। वहीं लोकसभा इसे 1 अगस्त को ही पारित कर चुकी है। चर्चा है कि नया कानून बनने से कई मामलों में जन्म प्रमाण पत्र का उपयोग अनिवार्य हो जाएगा।
जन्म और मृत्यु पंजीकरण होगा आसान
इस विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि यह विधेयक जन्म और मृत्यु पंजीकरण को आसान बनाने के लिए लाया गया है और यह पूरी तरह से डिजिटल होगा। इसे स्पष्ट करते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि डिजिटल डेटा से लोगों के लाभ के लिए सामाजिक योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
सामाजिक योजनाएं बनाने में मिलेगी मदद
आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश जैसे विभिन्न कार्यों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा। मंत्री ने कहा कि विधेयक के मुताबिक, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सात दिनों के भीतर बनवाया जा सकता है।
राष्ट्रीय डेटाबेस होगा तैयार
यह विधेयक पांच दशक से भी ज्यादा पुराने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन का प्रावधान करता है। इसमें भारत के महापंजीयक की नियुक्ति का प्रावधान है जो जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए निर्देश जारी कर सकता है। विधेयक में कहा गया है कि रजिस्ट्रार जनरल पंजीकृत जन्म और मृत्यु का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाएगा।
कनेक्टिंग होगा डेटाबेस
राष्ट्रीय डेटाबेस को अन्य डेटाबेस तैयार करने या बनाए रखने वाले अन्य अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा सकता है। इसलिए इसे कनेक्टिंग डेटाबेस के रूप में भी इस्तेमाल में लिया जाएगा। ऐसे डेटाबेस में जनसंख्या रजिस्टर, मतदाता सूची, राशन कार्ड और अधिसूचित कोई अन्य राष्ट्रीय डेटाबेस शामिल हैं। राष्ट्रीय डेटाबेस के उपयोग को केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, राज्य डेटाबेस को राज्य सरकार की मंजूरी के साथ अन्य राज्य डेटाबेस से जुड़े अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा सकता है।
माता-पिता और सूचना देने वालों का आधार विवरण
विधेयक में कहा गया है कि जन्म के मामलों में, निर्दिष्ट व्यक्ति माता-पिता और सूचना देने वाले का आधार नंबर भी प्रदान करेंगे। विधेयक में कहा गया है कि राष्ट्रीय डेटाबेस को अन्य डेटाबेस तैयार करने या बनाए रखने वाले दूसरे अधिकारियों को भी उपलब्ध कराया जा सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणपत्र
अधिनियम में यह प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति जन्म और मृत्यु के रजिस्टर में किसी भी जानकारी के लिए रजिस्ट्रार द्वारा खोज करवा सकता है और किसी भी जन्म या मृत्यु से संबंधित रजिस्टर से जानकारी का सार हासिल कर सकता है। विधेयक में पुराने कानून में संशोधन कर सार के बजाय जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र (इलेक्ट्रॉनिक या अन्य) प्राप्त करने का प्रावधान किया गया है। अधिनियम के अनुसार कुछ व्यक्तियों को जन्म और मृत्यु की रिपोर्ट रजिस्ट्रार को देनी होगी। उदाहरण के लिए, जिस अस्पताल में बच्चा पैदा हुआ है, उसके प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को जन्म की रिपोर्ट देनी होगी। विधेयक में कहा गया है कि, जन्म के मामलों में निर्दिष्ट व्यक्तियों को माता-पिता और सूचना देने वाले का आधार नंबर भी प्रदान करना होगा।