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स्टडी इन इंडिया पोर्टल लॉन्च: भारत में विदेशी छात्रों की शिक्षा और वीजा प्रक्रिया होगी आसान

स्टडी इन इंडिया पोर्टल लॉन्च: भारत में विदेशी छात्रों की शिक्षा और वीजा प्रक्रिया होगी आसान
  • PublishedAugust 4, 2023

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकादमिक रूप से भारत की वैश्विक पहचान को पुनः जीवंत करने पर जोर देते आए हैं। उनके 15 अगस्त को दिए जाने वाले लाल किले की प्राचीर से हर वर्ष के संबोधन को देखें या परीक्षा पर चर्चा जैसे कार्यक्रम में उनकी चर्चा को सुनें, उनका हमेशा से यही मानना है कि शिक्षण पद्धति में भारत नित नए कीर्तिमान हासिल कर सकता है, बशर्ते प्रतिभा का सदुपयोग भारत में हो पाए। इसी उद्देश्य के साथ जिससे विदेश से छात्र पढ़ाई के लिए भारत का रुख करें और जो छात्र यहां हैं उन्हें कोई परेशानी न हो उनके लिए ही स्टडी इन इंडिया पोर्टल लॉन्च किया गया है।

भारत को वैश्विक मानचित्र पर शिक्षा गुरु बनाने के क्रम में केंद्र ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इसे व्यापक बनाते हुए भारत में पढ़ाई के प्रति विदेशी छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए भारत सरकार ने एक पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल का नाम ‘स्टडी इन इंडिया’ है जिसमें विदेशी मूल के छात्रों को उनकी शिक्षा से लेकर वीजा प्रक्रिया की समग्र जानकारी व सहायता उपलब्ध होगी। इसमें विदेशी छात्रों के लिए उपयुक्त कोर्सों और पाठ्यक्रमों की जानकारी होने के साथ ही भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के बारे में व्यापक जानकारी उल्लेखित है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में गुरुवार को स्टडी इन इंडिया पोर्टल को दिल्ली में एक आधिकारिक कार्यक्रम में लॉन्च किया है।

विदेश और शिक्षा मंत्री ने विदेशी मूल के छात्रों से की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकादमिक रूप से भारत की वैश्विक पहचान को पुनः जीवंत करने पर जोर देते आए हैं। उनके 15 अगस्त को दिए जाने वाले लाल किले की प्राचीर से हर वर्ष के संबोधन को देखें या परीक्षा पर चर्चा जैसे कार्यक्रम में उनकी चर्चा को सुनें, उनका हमेशा से यही मानना है कि शिक्षण पद्धति में भारत नित नए कीर्तिमान हासिल कर सकता है, बशर्ते प्रतिभा का सदुपयोग भारत में हो पाए। इसी उद्देश्य के साथ जिससे विदेश से छात्र पढ़ाई के लिए भारत का रुख करें और जो छात्र यहां हैं उन्हें कोई परेशानी न हो उनके लिए ही स्टडी इन इंडिया पोर्टल लॉन्च किया गया है। इस लॉन्च कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ इसलिए मौजूद थे क्योंकि विदेशी मूल के छात्रों की बात थी। उनके हितों को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र की ओर से क्या किया जा रहा है और आगे क्या होगा इस पर स्वयं लॉन्च कार्यक्रम में मौजूद विदेशी छात्रों के साथ चर्चा भी की गई।

कार्यक्रम में विदेशी छात्रों ने अपनी संस्कृति का दिया परिचय

इस अवसर पर, रूस, थाईलैंड, जापान, इथियोपिया, इक्वाडोर, कजाकिस्तान और कोरिया गणराज्य के छात्र, जो वर्तमान में भारत में पढ़ रहे हैं, उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों को सम्मान के प्रतीक के रूप में अपनी संस्कृति से स्मृति चिन्ह भेंट किए। कार्यक्रम में डॉ. एस. जयशंकर और धर्मेंद्र प्रधान के साथ शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार और अन्नपूर्णा देवी; शिक्षा एवं विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह; संसद सदस्य, डॉ. महेश शर्मा; शिक्षा और कौशल विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और 10 से अधिक देशों के राजदूत शामिल हुए।

बताया केंद्र का विजन

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस अवसर पर कहा कि एसआईआई पोर्टल एक वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है जो भारत में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की शैक्षणिक यात्रा को सरल बनाएगा। उन्होंने कहा, एनईपी द्वारा निर्देशित, एसआईआई पोर्टल भारत को एक पसंदीदा शिक्षा गंतव्य बनाने के साथ-साथ समृद्ध भविष्य को आकार देने के लिए शैक्षणिक सीमाओं को धुंधला करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सभा को संबोधित करते हुए डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि यह पोर्टल विविध पृष्ठभूमि के छात्रों का स्वागत करके भारत को शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह शिक्षा क्षेत्र में ब्रांड ‘इंडिया’ की एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति स्थापित करेगा।

उन्होंने कहा कि पंजीकरण से लेकर वीजा अनुमोदन और वांछित पाठ्यक्रमों या संस्थानों का चयन करने तक, पोर्टल भारत में अध्ययन करने के इच्छुक अंतरराष्ट्रीय छात्रों की पूरी यात्रा को आसान बनाएगा। मंत्री ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों की उपस्थिति से स्वदेशी छात्रों को भी दुनिया से अधिक निकटता से जुड़ने और वैश्विक कार्यस्थल के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने में लाभ होगा।

उन्होंने बताया कि कैसे नई शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन से भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश और हमारे प्रमुख संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय परिसरों के खुलने की शुरुआत हो चुकी है।