देश की प्रगति में उत्कृष्ट योगदान के लिए PM मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से किया सम्मानित
लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार का गठन किया गया था। प्रधानमंत्री ने पुरस्कार राशि को नमामि गंगे परियोजना को दान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि लोकमान्य तिलक हमारे स्वतंत्रता इतिहास के माथे के तिलक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को देश की प्रगति में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मंगलवार दोपहर पुणे में एक समारोह में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर पीएम ने कहा, आज हम सबके आदर्श और भारत के गौरव बाल गंगाधर तिलक जी की पुण्यतिथि है। साथ ही, आज अण्णाभाऊ साठे की जन्म जयंती भी है।
लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने लोकमान्य तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि यह उनके लिए एक विशेष दिन है। पीएम ने स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक और समाज सुधारक अन्ना भाऊ साठे दोनों के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हुए कहा, “लोकमान्य तिलक जी तो हमारे स्वतंत्रता इतिहास के माथे के तिलक हैं, साथ ही अन्ना भाऊ ने भी समाज सुधार के लिए जो योगदान दिया, वो अप्रतिम है, असाधारण है। मैं इन दोनों ही महापुरुषों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।” प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी, चापेकर भाई, ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की भूमि को श्रद्धांजलि दी।
140 करोड़ देशवासियों को समर्पित किया अवॉर्ड
पीएम मोदी ने कहा, वह इस पुरस्कार को पाकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सबसे आगे थे। उन्होंने कहा, जब भी कोई अवॉर्ड मिलता है, तो उसके साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ती है और जब उस अवॉर्ड से तिलक जी का नाम जुड़ा हो, तो दायित्वबोध और भी कई गुना बढ़ जाता है। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, वह लोकमान्य तिलक नेशनल अवॉर्ड को 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करते हैं।
लोकमान्य तिलक हमारे स्वतंत्रता इतिहास के माथे के तिलक
बता दें, लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा इस पुरस्कार का गठन किया गया था। प्रधानमंत्री ने पुरस्कार राशि को नमामि गंगे परियोजना को दान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि लोकमान्य तिलक हमारे स्वतंत्रता इतिहास के माथे के तिलक हैं। पीएम मोदी ने कहा, लोकमान्य तिलक ने आजादी की लड़ाई की दिशा बदल दी।
लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभा को पहचानने की अद्वितीय क्षमता थी
पीएम मोदी ने कहा, लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभा को पहचानने की अद्वितीय क्षमता थी और वीर सावरकर इसका एक उदाहरण थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि तिलक को वीर सावरकर की क्षमता का एहसास था और उन्होंने विदेश में उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि लोकमान्य तिलक हमारे स्वतंत्रता इतिहास के माथे के तिलक हैं।
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए एक यादगार पल है। मुझे लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार देने के लिए मैं हिंद स्वराज संघ और आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि “मैं आज मिली पुरस्कार राशि को नमामि गंगे परियोजना को समर्पित करना चाहता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि अगर हम किसी सड़क का नाम किसी विदेशी आक्रमणकारी के नाम से बदलकर किसी प्रसिद्ध भारतीय व्यक्तित्व के नाम पर रख दें तो कुछ लोग इस पर आवाज उठाने लगते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यवस्था निर्माण से संस्था निर्माण’, ‘व्यवस्था निर्माण से व्यक्ति निर्माण’, ‘व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण’ की दृष्टि राष्ट्र निर्माण के लिए एक रोडमैप की तरह काम करती है। भारत आज इस रोडमैप का पूरी लगन से पालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो जगह, जो संस्था सीधे तिलक जी से जुड़ी रही हो, उसके द्वारा लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैं इस सम्मान के लिए हिंद स्वराज्य संघ और आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
जब कोई अवॉर्ड मिलता है, तो उसके साथ जिम्मेदारी भी बढ़ती है
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें जब कोई अवॉर्ड मिलता है, तो उसके साथ ही हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ती है। और जब उस अवार्ड से तिलक जी का नाम जुड़ा हो, तो दायित्वबोध और भी कई गुना बढ़ जाता है। मैं लोकमान्य तिलक नेशनल अवॉर्ड 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने धारणा बनाई थी कि भारत की आस्था, संस्कृति, मान्यताएं, ये सब पिछड़ेपन का प्रतीक हैं। लेकिन तिलक जी ने इसे भी गलत साबित किया। इसलिए भारत के जनमानस ने न केवल खुद आगे आकर तिलक जी को लोकमान्यता दी, बल्कि लोकमान्य का खिताब भी दिया। इसीलिए महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने दगडूशेठ मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया था। प्रधानमंत्री ने अपनी पुणे यात्रा की शुरुआत दगडूशेठ मंदिर में दर्शन और पूजा करके की। बाद में, पीएम मोदी ने पुणे मेट्रो चरण I के दो गलियारों के पूर्ण खंडों पर सेवाओं के उद्घाटन के अवसर पर मेट्रो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के तहत अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन किया। लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से विकसित, यह बिजली उत्पादन के लिए सालाना लगभग 2.5 लाख मीट्रिक टन कचरे का उपयोग करेगा।
सभी के लिए आवास के लक्ष्य को प्राप्त करने के मिशन की दिशा में आगे बढ़ते हुए,पीएम मोदी ने पीसीएमसी द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित 1280 से अधिक घरों को सौंपने का शुभ कार्य किया। इसके अलावा उन्होंने पुणे नगर निगम द्वारा निर्मित 2,650 से अधिक पीएमएवाई घरों को भी सौंपने का कार्य किया। प्रधानमंत्री ने पीसीएमसी द्वारा निर्मित किए जाने वाले लगभग 1190 पीएमएवाई घरों और पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित 6400 से अधिक घरों की आधारशिला भी रखी।