Close

Recent Posts

प्रमुख खबरें

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विदेशों में रह रहे भारतीय प्रवासी वैज्ञानिकों से भारत के साथ जुड़ने का अनुरोध किया और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अभी हाल ही में शुरू किया गया वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (वैभव) फेलोशिप कार्यक्रम इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विदेशों में रह रहे भारतीय प्रवासी वैज्ञानिकों से भारत के साथ जुड़ने का अनुरोध किया और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अभी हाल ही में शुरू किया गया वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (वैभव) फेलोशिप कार्यक्रम इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है
  • PublishedJuly 21, 2023

उन्होंने लगभग 30 देशों के प्रतिनिधियों के साथ गोवा में आयोजित संयुक्त 8वीं मिशन नवाचार मंत्रिस्तरीय (एमआई-8) और 14वीं स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम-14) की अंतर्राष्ट्रीय मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया।

केंद्रीय विज्ञान और प्रोद्योगिकी (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायतें, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज संयुक्त 8वीं मिशन नवाचार मंत्रिस्तरीय (एमआई-8) और 14वीं स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम-14) की अंतर्राष्ट्रीय मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया। इस बैठक में दुनिया के लगभग 30 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने विदेशों में रहे भारतीय प्रवासी वैज्ञानिकों से भारत के साथ जुड़ने का अनुरोध किया।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अभी हाल ही में शुरू किया गया वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (वैभव) फेलोशिप कार्यक्रम इस दिशा में बढ़ाया एक कदम है। यह फेलोशिप भारतीय मूल के उन उत्कृष्ट वैज्ञानिकों/प्रौद्योगिकीविदों (एनआरआई/ओसीआई/पीआईओ) को प्रदान की जाएगी जो अपने-अपने देशों में अनुसंधान गतिविधियों में कार्यरत हैं। 75 चयनित अध्येताओं को अन्य क्षेत्रों के अलावा क्वांटम प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और सामग्री विज्ञान सहित 18 चिन्हित ज्ञान क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

वैश्विक चिंताओं का जिक्र करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इस दशक में विभिन्न जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों की बाजार में शुरूआत करने के लिए कुछ प्रमुख नवाचार प्रयास देखने को मिलेंगे

उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि आज दुनिया पहले की तुलना में कहीं अधिक परस्पर जुड़ी हुई एवं परस्पर निर्भर है इसलिए लचीलापन पैदा करने के लिए वैश्विक समाधानों को विकसित करने के उद्देश्य से विभिन्न देशों में अधिक से अधिक सहयोग होना चाहिए ताकि उन्हें अधिक देशों के लिए अनुकूलित करके किफायती बनाया जा सके।

लगभग 30 देशों के प्रतिनिधियों के साथ गोवा में आयोजित संयुक्त 8वीं मिशन नवाचार मंत्रिस्तरीय (एमआई-8) और 14वीं स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय (सीईएम-14) बैठक को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन नवाचार मंत्रिस्तरीय (एमआई) और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2015 में सीओपी21 में घोषणा की गई थी, जब विश्व के नेता जलवायु परिवर्तन से निपटने के महत्वाकांक्षी प्रयास करने के लिए पेरिस में एक मंच पर साथ आए थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रतिनिधियों को बताया कि मिशन नवाचार भारत के प्रधानमंत्री द्वारा गढ़ा गया एक शब्द है और संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें और पर्यावरणीय कार्रवाई और स्वच्छ ऊर्जा पहलों पर नए स्तर के सहयोग में उनके नीतिगत नेतृत्व और किये गए अग्रणी कार्य को मान्यता देते हुए उन्हें चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्ड 2018 से सम्मानित किया गया था।