भारत ने सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए 5 साल पहले शुरू किया काम: PM मोदी
इस वर्ष की थीम ‘सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति’ का अभियान है। PM मोदी ने कहा, जिसकी बात विश्व अब कर रहा है, उस पर भारत ने 5 साल से पहले से ही लगातार काम करना शुरू कर दिया था।
‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर PM मोदी ने सोमवार 5 जून 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा, भारत पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के स्पष्ट रोड मैप के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 21वीं सदी के भारत ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण की रक्षा के लिए स्पष्ट दिशा में काम शुरू कर दिया है।
इस वर्ष की थीम ‘सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वर्ष की थीम ‘सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति’ का अभियान है। जिसकी बात विश्व अब कर रहा है, उस पर भारत ने 5 साल से पहले से ही लगातार काम करना शुरू कर दिया था।
भारत ने 5 साल से पहले ही शुरू कर दिया था काम
देश में साल 2018 में ही एकल उपयोग प्लास्टिक के लिए दो स्तर से काम कर रहा है। एक सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया और दूसरी तरफ प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग पर तेजी से काम किया गया। देश में 30 लाख टन प्लास्टिक की पैकेजिंग जरूरी कर दी गई है, जो कि देश का कुल उत्पादन का 75 फीसदी है।
भारत ने पिछले 9 साल में रामसर साइट में तीन गुना बढ़ोतरी की
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत ने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण की रक्षा के लिए स्पष्ट दिशा में काम शुरू कर दिया है। भारत ने एक तरफ गरीब लोगों की मदद की है, तो दूसरी तरफ भविष्य की ऊर्जा की आवश्यकता को देखते हुए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीन इकोनॉमिक्स अभियान को जारी रखते हुए भारत ने पिछले 9 सालों में रामसर साइट में तीन गुना बढ़ोतरी की है।
रामसर साइट्स का संरक्षण हो सकेगा सुनिश्चित
उन्होंने कहा कि आज लॉन्च हुए अमृत धरोहर योजना के तहत जनभागीदारी की मदद से रामसर साइट्स का संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा। इसके साथ मिस्टी योजना के माध्यम से मैंग्रोव इकोसिस्टम को जीवन मिलेगा। इससे नौ राज्यों में मैंग्रोव को पुनर्स्थापित किया जा सकेगा और इससे जीवन और आजीविका को साधने में मदद मिलेगी।
भारत ने विश्व के सामने जलवायु न्याय का सवाल उठाया
उन्होंने कहा कि दुनिया का विकास मॉडल विरोधाभासी है। कुछ विकसित देशों की गलत नीतियों का खामियाजा विकासशील देश उठा रहे हैं। भारत ने विश्व के सामने जलवायु न्याय का सवाल उठाया है। भारत आज अपने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अभूतपूर्व तरीके से फोकस कर रहा है।
‘मिशन लाइफ’ से अब तक जुड़ चुके दो करोड़ लोग
उन्होंने कहा कि देश में गरीबों के लिए 4 करोड़ मकान बनाए गए और वन्य जीवन अभयारण्य में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर तैयार किए गए। रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत पहले पांच देशों में से एक है। उन्होंने कहा कि पिछले साल लॉन्च हुए मिशन लाइफ से अब तक दो करोड़ लोग जुड़ चुके हैं।
रामसर साइट सिरपुर तालाब व यशवंत सागर का PM ने किया वर्चुअली निरीक्षण
केवल इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने सोमवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इंदौर जिले में स्थित दो रामसर साइटों सिरपुर तालाब और यशवंत सागर पर तालाब संरक्षण का वर्चुअली निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विश्व के मौसम परिवर्तन और पर्यावरण के महत्व और भूजल संरक्षण के बारे में भी बातचीत की। उन्होंने बताया कि रामसर योजना भविष्य में ईको टूरिज्म के बड़े केंद्र बने रहेंगे।
भारत के वन क्षेत्र में लगातार हो रही वृद्धि
उल्लेखनीय है कि वन क्षेत्र की बात आने पर भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में गर्व से खड़ा है। भारत का वन और वृक्ष आवरण 8.09 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। भारत के वन्य जीव संरक्षण के प्रयास वास्तव में हैरानी में डालने वाले हैं।
‘प्रोजेक्ट टाइगर’ की बदौलत 3 हजार से अधिक बाघ भारत में मौजूद
तीन हजार से अधिक बागों का घर सफल प्रोजेक्ट टाइगर की बदौलत भारत में दुनिया के बागों की आबादी 75 फीसदी से ज्यादा है लेकिन ये बात यहीं नहीं रुकती।
हरित अर्थव्यवस्था और सतत विकास के महत्व को समझता है भारत
उल्लेखनीय है कि भारत हरित अर्थव्यवस्था और सतत विकास के महत्व को समझता है। भारत ने स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसे सहयोगी प्लेटफॉर्मों के जरिए भारत स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के वैश्विक प्रचार का नेतृत्व कर रहा है। भारत के नीतिगत सुधार और तकनीकी विकास पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कारगर साबित हो रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का उद्देश्य
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का उद्देश्य 131 शहरों में प्रदूषण स्तर को 40 फीसदी तक कम करना है, जिससे शहर के नागरिकों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सुनिश्चित हो सके।
आद्र भूमि संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता प्रशंसनीय
आद्र भूमि संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता भी प्रशंसनीय है। देश में अंतर्राष्ट्रीय महत्व के आद्र भूमि और रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 75 हो गई है। भारत वसुधैव कुटुम्बकम दर्शन में विश्वास करता है। दुनिया को एक परिवार मानता है और सात बिग कैट बाग- शेर, तेंदुआ हिम तेंदुआ, जगुआर और प्यूमा के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस जैसे बंधन का सहयोग भी देता है।
भारत ने दुनिया को दिखाया है कि जब हम प्रकृति प्राथमिकता देते हैं तो प्रगति संभव है। इस प्रकार मिशन लाइफ का जन्म हुआ, जिसका अर्थ है लाइफ स्टाइल फोर एनवायरमेंट। ऐसे में इस बार विश्व पर्यावरण दिवस पर हम सभी भारत की उल्लेखनीय यात्रा से प्रेरणा लें। साथ ही याद रखें कि हर कार्य हमारी पृथ्वी को संरक्षित करने में मायने रखता है।