समय आ चुका है कि भारतीय उत्पाद दुनिया में सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता के हों: मुंबई में एसआरटीईपीसी के वार्षिक निर्यात पुरस्कार समारोह में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल
केंद्रीय कपड़ा, वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज मुंबई में सिंथेटिक एंड रेयॉन टेक्सटाइल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एसआरटीईपीसी) द्वारा आयोजित निर्यात पुरस्कार समारोह में भाग लिया।
उद्योग जगत को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग और कपड़ा मंत्री ने कहा कि हमें प्रत्येक मुक्त व्यापार समझौते का अध्ययन करना होगा और दूसरे देशों की आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझना होगा। उन्होंने कहा, “निर्यात संवर्धन परिषदों को अन्य देशों में अपने दफ्तर खोलने चाहिए, मसलन दुबई जैसी जगहों में। हमें लीक से हटकर सोचना होगा।”
मंत्री महोदय ने उद्योग जगत से कहा कि हमें गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “समय आ चुका है कि हमारी गुणवत्ता दुनिया में सबसे अच्छी हो। ये भारत और दुनिया भर में उपभोक्ताओं की मांग है। अब घरेलू गुणवत्ता और निर्यात गुणवत्ता, इन दो अलग-अलग तरह की गुणवत्ताओं को रखने का समय जा चुका है। 2,000 उत्पाद जल्द ही गुणवत्ता नियंत्रण के दायरे में आएंगे। हमें निम्न गुणवत्ता वाले उत्पादों का उपयोग बंद करने की आवश्यकता है। हमें अपना पैमाना बढ़ाने की जरूरत है, गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है।”
श्री गोयल ने उद्योग से कहा कि ऐसे उत्पादों पर सरकार का मार्गदर्शन करें जिन पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “अगर आप परामर्श में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, तो हमें उत्पादों की सही गुणवत्ता मिलेगी। साथ ही, इससे लागत में अतार्किक बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए। हमें गुणवत्ता मानकों को विकसित करना होगा। आप हमें बताएं अगर घरेलू उद्योग को किसी कारण से नुकसान हो रहा है, हम आपके साथ हैं।”
मंत्री महोदय ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि वे सचमुच में देश की सेवा कर रहे हैं और ये पुरस्कार उनकी कड़ी मेहनत की एक छोटी सी मान्यता है।
मंत्री महोदय ने उद्योग से आह्वान किया कि संयुक्त शोध परियोजनाओं के लिए प्रस्ताव लाएं, नए इनोवेशंस लाएं और नए बाजारों पर कब्जा करें। उन्होंने कहा, “मैं इस उद्योग से अनुरोध करता है कि राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन से लाभान्वित हों और इस उद्योग को तेज विकास के साथ आगे ले जाएं।” उन्होंने इस उद्योग के लोगों से कहा कि अपने यहां कौशल स्तर को अपग्रेड करने के लिए ‘समर्थ’ (कपड़ा क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना) का लाभ उठाएं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि दुनिया भारत को जो भरोसा और महत्व दे रही है, उससे पता चलता है कि हम विश्व अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल बिंदु हैं। उन्होंने कहा, “भारत के बिना विश्व अर्थव्यवस्था के भविष्य का विकास असंभव है। आज हमें जो अवसर मिला है वो दुर्लभ है। ये सृष्टि हमारी सफलता के लिए प्रयास कर रही है, और अब इस मौके को थामना हमारे ऊपर है। मुझे एसआरटीईपीसी पर पूरा भरोसा है कि आप इस मिशन में नाकाम नहीं होंगे।”
मंत्री महोदय ने कहा कि ये संभवत: पहली बार है जब प्रधानमंत्री ने खुद निर्यात संवर्धन परिषदों से मुलाकात की और निर्यात लक्ष्यों सहित आगे की राह पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “पिछले साल के रिकॉर्ड निर्यात के बाद, इस साल अब तक उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर हम आश्वस्त हैं कि 750 बिलियन डॉलर के निर्यात को पार कर लेंगे।” मंत्री महोदय ने कहा कि ये हमारे लिए गर्व की बात है कि विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद हम इस लक्ष्य तक पहुंच रहे हैं।
श्री गोयल ने कहा कि क्रिकेट जैसे खेलों के उलट, व्यापार और उद्योग की स्थिति अब ऐसी है कि इसमें सबकी जीत है। उन्होंने कहा, “भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार समझौता एक एकता का समझौता है, क्योंकि दोनों ही अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं। जहां ऑस्ट्रेलिया अधिकांश निर्मित वस्तुओं का आयात करता है, वहीं हमें अपने कई कच्चे माल जैसे कि महत्वपूर्ण खनिज ऑस्ट्रेलिया से प्राप्त होते हैं। लिथियम और अन्य दुर्लभ पृथ्वी खनिजों और अन्य खनिजों के प्रसंस्करण के लिए निवेश में खूब अवसर हैं, क्योंकि इनका बाजार बढ़ रहा है।”
मंत्री महोदय ने कहा कि स्पैनिश फ्लू के दौरान ज्यादा मौतें भूख से हुई न कि फ्लू से संक्रमित होने के कारण हुई, उसके अलावा दुनिया के सबसे खराब स्वास्थ्य संकट कोविड-19 का भी प्रकोप रहा, लेकिन इन सबके बावजूद भारत ने सुनिश्चित किया कि उनके यहां कोई भी भूख से पीड़ित नहीं होगा। इसका श्रेय जाता है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण की सरकारी योजना को। उन्होंने कहा, “लोग आज गरीबी से मध्यम वर्ग की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं; हमारे किसानों की आय बढ़ रही है, उत्पादकता बढ़ रही है, उन्हें अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। वर्षा भी कई वर्षों से अच्छी है।”
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने याद किया कि कैसे जन धन-आधार-मोबाइल की ‘जैम ट्रिनिटी’ ने देश को महामारी के दौरान प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) करने में सक्षम किया। उन्होंने कहा, “अब ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ के तहत आप देश की किसी भी राशन की दुकान से अपना राशन प्राप्त कर सकते हैं। पूरे सिस्टम को डिजिटल कर दिया गया है, अब राशन की चोरी के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।”
मंत्री श्री गोयल ने वेलस्पन गुप के अध्यक्ष बालकृष्णन गोयनका को ‘एग्जेंप्लरी अवॉर्ड’ प्रदान किया।
एसआरटीईपीसी के अध्यक्ष धीरज रायचंद शाह ने कहा कि कारोबार की वैश्विक स्थिति के बावजूद एसआरटीईपीसी के सदस्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। निर्यात बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि उद्योग को कड़ी मेहनत करनी है। अनुसंधान एवं विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करना है और उद्योग को अगले वर्ष अपने निर्यात को न्यूनतम 20% तक बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि सरकार इस उद्योग की सुनवाई करती है और समस्याओं को हल करती है। उन्होंने कहा, “अगर हम उद्योग के हित में एक साथ चलते हैं, तो हम सभी को लाभ होगा। पिछले आठ वर्षों से सरकार जिस तरह से काम कर रही है, उसके चलते अब समय आ गया है कि हम कॉरपोरेट क्षेत्र से नहीं बल्कि सरकार से सीखें। सरकार पीएलआई योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जो भी आवश्यक है वो करने के लिए तैयार है।”
एसआरटीईपीसी के पूर्व अध्यक्ष रौनक रूघानी ने कहा कि एसआरटीईपीसी के इतिहास में ये पहली बार है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री एसआरटीईपीसी निर्यात पुरस्कारों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने इतने वर्षों से परिषद और उद्योग को समर्थन देने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया।
इस कार्यक्रम में वस्त्र उद्योग के विभिन्न सेगमेंट से जुड़े जाने माने लोग उपस्थित थे।