प्रधानमंत्री ने बजट के बाद हरित विकास पर पहले वेबिनार को संबोधित किया और कहा कि भारत में हरित ऊर्जा के मामले में विश्व का नेतृत्व करने एवं हरित रोजगार का सृजन करने की व्यापक क्षमता है
विद्युत मंत्रालय ने आज केंद्रीय बजट 2023-24 में की गई 12 घोषणाओं को लेकर छह समानांतर सत्रों में चर्चा के साथ बजट के बाद हरित विकास पर पहले वेबिनार का नेतृत्व किया। उद्योग जगत, शिक्षा जगत, पीएसयू व राज्य सरकारों और इस क्षेत्र के विशेषज्ञों समेत 1100 से अधिक प्रतिभागियों ने विचार-विमर्श में भागीदारी की, जिसका उद्देश्य बजट पहलों के कार्यान्वयन के लिए समयबद्ध कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए जानकारी प्राप्त करना था।
हरित विकास पर पहला ब्रेक-आउट सत्र विद्युत सचिव श्री आलोक कुमार के नेतृत्व और एमएनआरई के सचिव श्री बी एस भल्ला के सह-नेतृत्व में, नवीकरणीय ऊर्जा निकासी के लिए ऊर्जा भंडारण व अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली और हरित हाइड्रोजन मिशन व ऊर्जा रूपांतरण के लिए पूंजी निवेश पर केन्द्रित था, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव श्री पंकज जैन ने दूसरे ब्रेक-आउट सत्र का नेतृत्व किया जिसमें गोबर-धन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन योजना) पर विचार-विमर्श किया गया। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव श्रीमती लीना नंदन ने तीसरे ब्रेक-आउट सत्र का नेतृत्व किया जिसमें हितधारकों के साथ ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम, मिष्टी और अमृत धरोहर पहल पर चर्चा की गई। नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने चौथे सत्र का नेतृत्व किया जिसमें पीएम-प्रणाम और भारतीय प्राकृतिक खेती जैव-इनपुट संसाधन केंद्रों पर चर्चा की गई। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री सुधांश पंत ने तटीय पोत परिवहन पर पांचवे ब्रेक-आउट सत्र का नेतृत्व किया और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की सचिव श्रीमती अल्का उपाध्याय ने वाहन प्रतिस्थापन कार्यक्रम से जुड़े मुद्दों और समय-सीमा पर हितधारकों के साथ चर्चा की।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से इस क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह किया और कहा कि भारत में हरित ऊर्जा के मामले में विश्व का नेतृत्व करने और हरित रोजगार का सृजन करने की व्यापक क्षमता है। प्रधानमंत्री ने कहा “यह बजट वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में भारत को एक अगुआ के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसीलिए, आज मैं ऊर्जा जगत के प्रत्येक हितधारक को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं।” बजट में निर्धारित विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने में विश्वास व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने लक्ष्य तिथि से नौ साल पहले स्थापित विद्युत क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन से 40 प्रतिशत योगदान का लक्ष्य हासिल कर लिया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने समय से पांच महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने के लक्ष्य को हासिल कर लिया और इस बात पर जोर दिया कि देश 2030 के बजाय 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करेगा।
विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने हरित विकास पर ब्रेकआउट सत्र में कहा कि विद्युत क्षेत्र देश में निवेश और विकास में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभरेगा। मंत्री महोदय ने कहा “देश अब से लेकर 2030 के बीच 325 जीडब्ल्यू नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाएगा। इसकी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की लागत सबसे कम है, और इसकी ग्रीन हाइड्रोजन की लागत दुनिया में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी होगी। 2030 तक देश को कम से कम 80 जीडब्ल्यू इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता की आवश्यकता होगी। भारत ऊर्जा के शुद्ध आयातक से ऊर्जा के शुद्ध निर्यातक बनने के लिए तैयार है।” इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि देश 7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और विद्युत की मांग 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, विद्युत मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था की बढ़ती जरूरतों का ध्यान रखने के लिए उत्पादन, पारेषण और वितरण में पर्याप्त क्षमता का निर्माण किया जा रहा है। श्री सिंह ने कहा कि 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन के लिए 5 एमएमटी का अपेक्षाकृत परंपरागत अनुमान लगाया गया है, लेकिन देश इस लक्ष्य को पार करने का लक्ष्य बना रहा है। दिन भर की चर्चा का समापन करते हुए विद्युत मंत्री ने कहा कि यह हितधारकों से बड़ी संख्या में प्राप्त सुझावों के साथ एक बहुत ही सार्थक अभ्यास रहा। उन्होंने कहा कि संबंधित मंत्रालय समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने के लिए इन सुझावों पर काम करेंगे।
हरित विकास के एजेंडे के हिस्से के रूप में, केंद्रीय बजट में 13 मंत्रालयों में विस्तारित 12 पहलों की परिकल्पना की गई है। जिनमें हरित हाइड्रोजन मिशन, ऊर्जा रूपांतरण, ऊर्जा भंडारण परियोजनाएं, नवीकरणीय ऊर्जा निकासी, ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम, पीएम-प्रणाम, गोबर-धन योजना, भारतीय प्राकृतिक खेती जैव-इनपुट संसाधन केंद्र, मिष्टी, अमृत धरोहर, तटीय पोत परिवहन और वाहन प्रतिस्थापन शामिल हैं।
विभिन्न मंत्रालयों द्वारा ‘सप्तऋषि’ प्राथमिकताओं के अऩुसार वेबिनार 23 फरवरी से 11 मार्च के बीच निर्धारित किए गए हैं।