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राष्ट्रीय खेलों का राउंड अप: आकर्षी, साई प्रणीत ने बैडमिंटन में स्वर्ण जीते

राष्ट्रीय खेलों का राउंड अप: आकर्षी, साई प्रणीत ने बैडमिंटन में स्वर्ण जीते
  • PublishedOctober 7, 2022

दूसरी वरीयता प्राप्त आकर्षी कश्यप (छत्तीसगढ़) ने शीर्ष वरीयता प्राप्त मालविका बंसोड़ (महाराष्ट्र) पर हावी होते हुए गुरुवार को सूरत के पीडीडीयू इंडोर स्टेडियम में 36वें राष्ट्रीय खेलों में बैडमिंटन महिला एकल का स्वर्ण पदक जीता।

बी साई प्रणीत (तेलंगाना) ने मिथुन मंजूनाथ (कर्नाटक) के साथ एक कड़े मुकाबले के बाद पुरुष एकल स्वर्ण जीतकर अपने शीर्ष स्थान को सही साबित किया। उन्होंने 63 मिनट में 21-11, 12-21, 21-16 से जीत हासिल की।

मालविका के खिलाफ इस साल 1-1 का आमने-सामने का रिकॉर्ड रखने वाली आकर्षी ने 45 मिनट से भी कम समय में 21-8, 22-20 से जीत हासिल की। बाएं हाथ के खिलाड़ी मालविका ने दूसरे सेट में तगड़ा पलटवार किया लेकिन आकर्षी ने आखिरकार जीत पाई।

राजकोट में, 1 मीटर स्प्रिंगबोर्ड पर सुरजीत राजबंसी के जरिए डाइविंग में एक स्वर्ण ने सेना की अब तक की स्वर्ण पदक संख्या को 41 तक ले जाने में मदद की। कुल 92 पदकों में 26 रजत और 25 कांस्य के साथ, ये गत चैंपियन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आगे बना हुआ है।

हालांकि हरियाणा के पास 25 स्वर्ण हैं और वो तालिका में दूसरे स्थान पर है, लेकिन ये रिलीज लिखे जाने तक महाराष्ट्र 24 स्वर्ण के साथ उससे ठीक पीछे था। महाराष्ट्र भी 100 पदकों की इस दौड़ में है।

एन सिक्की रेड्डी और पुलेला गायत्री गोपीचंद ने उम्मीद के मुताबिक तेलंगाना के लिए महिला युगल खिताब जीता है जिससे इस राज्य के लिए बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में तीन स्वर्ण के साथ खुशी का माहौल बना है।

तेलंगाना के पास जश्न मनाने का एक और कारण ये रहा कि उनकी महिला बास्केटबॉल टीम ने भावनगर में तमिलनाडु को डबल से रोका। तेलंगाना ने एक रोमांचक मुकाबले में हाफ टाइम तक 35-31 से आगे बढ़ते हुए तमिलनाडु को 67-62 से हराया। अपने 3×3 स्वर्ण के बाद इस जीत का मतलब था कि तेलंगाना की महिलाएं राष्ट्रीय खेलों में गोल्डन डबल के लिए मुकाबला करेंगी। तमिलनाडु की मजबूत पुरुष टीम ने ब्रेक तक 46-42 की बढ़त बनाकर पंजाब को 97-89 से हराकर स्वर्ण जीता।

राजकोट में सरदार पटेल स्विमिंग कॉम्प्लेक्स में, अनुभवी सुरजीत राजबंसी और एच लंदन सिंह ने सेना़ के लिए दो शीर्ष पदक हासिल किए। अपने रूटीन को बढ़िया तरीके से अंजाम देते हुए सुरजीत राजबंसी ने 275.35 अंक प्राप्त किए, ऐसा करते हुए उन्होंने टीम के साथी लंदन सिंह को पीछे छोड़ दिया जिन्होंने 254.75 अंक प्राप्त किए। पुरुषों की डाइविंग में सेना़ के लिए ये लगातार तीसरा 1-2 था।

इस 23 वर्षीय तैराक ने कहा, “मैं आज बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। गुवाहाटी में हाल ही में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में, मैं सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं था और सिर्फ रजत जीता था। मैं अपने प्रदर्शन को बेहतर करना चाहता था और कामयाब हुआ।” उन्होंने खुद को तैयार करने के लिए प्रशिक्षित दिमाग की मदद ली। इससे उन्हें मदद मिली क्योंकि इस बार वे अपने डर को दूर करने और अपना सर्वश्रेष्ठ देने में कामयाब हुए।

हालांकि, महिला एकल फाइनल में मालविका बंसोड़ पर आकर्षी कश्यप ने जो जीत हासिल की थी वही सुबह के सत्र का मुख्य आकर्षण था। छत्तीसगढ़ की इस खिलाड़ी ने गजब की फुर्ती दिखाई और गंभीरता से खेलीं। उनके बहुत सही जगह लगाए स्ट्रोक्स गलतियां करने वाली मालविका पर भारी पड़े। महाराष्ट्र की स्टार मालविका ने दूसरे गेम में वापसी की, लेकिन तब तक आकर्षी रफ्तार पकड़ चुकी थीं।

आकर्षी कश्यप ने कहा, “ये मुकाबला कठिन था। दो लंबे सेट चले और एक नेट कॉर्ड के कारण उन्हें एक लकी पॉइंट मिला जिसके कारण वो सेकेंड गेम को अतिरिक्त अंकों तक ले जा सकीं। लेकिन मैंने अपना नियंत्रण बनाकर रखा और अगले दो अंक जीते।”

30 वर्ष के साई प्रणीत को मिथुन की तरफ से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा। तेलंगाना के इस सितारे ने कहा, “कोई भी स्वर्ण पदक किसी खिलाड़ी के लिए अच्छा होता है। मुझे खुशी है कि मैं राष्ट्रीय खेलों में अपना पहला स्वर्ण प्राप्त कर सका।” उन्होंने कहा कि वे जिस तरह से खेले उससे खुश हैं, और जब मिथुन ने दूसरे गेम में बढ़त हासिल की तब उन्होंने ज्यादा धीरज दिखाते हुए स्वर्ण जीता।

अश्विनी पोनप्पा और के. साई प्रतीक ने मिश्रित युगल जोड़ी के रूप में अपनी यात्रा की उम्दा शुरुआत करते हुए रोहन कपूर और कनिका कंवल (दिल्ली) पर 21-16, 21-13 से जीत दर्ज की। अश्विनी पोनप्पा ने अपने 22 वर्षीय साथी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा “प्रतीक ने मजबूत खेल खेला। उन्होंने जोरदार प्रहार किया और कोर्ट को अच्छी तरह कवर भी किया। मैं राष्ट्रीय खेलों में अपना पहला स्वर्ण जीतकर बहुत खुश हूं।”